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आर्यन पढ़ाई में होशियार था। मामा दीपू ने बताया कि स्कूल के प्री-एग्जाम में उसके 78 प्रतिशत अंक आए थे और उसने हाईस्कूल की परीक्षा में 98 प्रतिशत अंक लाने का वादा किया था। घर में पढ़ाई को लेकर उस पर किसी तरह का दबाव नहीं था।
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Lucknow: लखनऊ के जानकीपुरम सेक्टर-सी में मंगलवार सुबह एक हृदयविदारक घटना सामने आई, जिसने पूरे इलाके को गहरे शोक में डुबो दिया। यहां कक्षा 9 में पढ़ने वाले 16 वर्षीय छात्र आर्यन जायसवाल ने अपने घर के तीसरे तल पर स्थित कमरे में पंखे से फंदा लगाकर आत्महत्या कर ली। जब सुबह मां उसे स्कूल के लिए जगाने पहुंची तो बेटे का शव फंदे से लटका मिला। इस दर्दनाक मंजर को देखकर मां की चीख निकल पड़ी, जिसके बाद घर में अफरा-तफरी मच गई।
घर में कौन-कौन है?
आर्यन जायसवाल जानकीपुरम सेक्टर-सी का रहने वाला था और सिटी मांटेसरी स्कूल में कक्षा नौ का छात्र था। उसके पिता महेंद्र प्रताप जायसवाल एक सिक्योरिटी एजेंसी चलाते हैं। परिवार में मां शोभना, जुड़वा बहनें रोजी और जैस्मीन और दादी संतोष देवी हैं। आर्यन परिवार का इकलौता बेटा था और सभी का बेहद दुलारा माना जाता था।
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रात में क्या हुआ था?
मृतक के मामा दीपू जायसवाल, जो फैजुल्लागंज के निवासी हैं, ने बताया कि सोमवार रात को परिवार ने साथ में खाना खाया था। इसके बाद आर्यन यह कहकर अपने कमरे में चला गया कि वह तीसरे तल पर बने कमरे में सोएगा। खास बात यह रही कि कमरे में जाने से पहले उसने अपना मोबाइल फोन मां को दे दिया था। रात में किसी तरह का कोई विवाद या असामान्य व्यवहार नजर नहीं आया।
सुबह देखी बेटे की लाश
मंगलवार सुबह करीब 6:30 बजे मां शोभना जब आर्यन को स्कूल के लिए जगाने पहुंचीं तो कमरे का दरवाजा अंदर से बंद था। कई बार आवाज देने के बावजूद दरवाजा नहीं खुला। अनहोनी की आशंका पर उन्होंने बगल की खिड़की से झांककर देखा तो आर्यन का शव पंखे से रस्सी के सहारे लटका मिला। शोर सुनकर परिवार के अन्य सदस्य भी मौके पर पहुंच गए।
आत्महत्या की वजह फिलहाल स्पष्ट नहीं
पिता महेंद्र प्रताप ने खिड़की की जाली काटकर किसी तरह बेटे के शव को नीचे उतारा। सूचना मिलने पर जानकीपुरम पुलिस और फॉरेंसिक टीम मौके पर पहुंची। एसीपी अलीगंज अरीब खान ने बताया कि कमरे से कोई सुसाइड नोट बरामद नहीं हुआ है और आत्महत्या की वजह फिलहाल स्पष्ट नहीं हो सकी है। परिजनों की ओर से भी किसी पर कोई आरोप नहीं लगाया गया है।
आर्यन पढ़ाई में होशियार था
परिवार वालों के अनुसार, आर्यन पढ़ाई में होशियार था। मामा दीपू ने बताया कि स्कूल के प्री-एग्जाम में उसके 78 प्रतिशत अंक आए थे और उसने हाईस्कूल की परीक्षा में 98 प्रतिशत अंक लाने का वादा किया था। घर में पढ़ाई को लेकर उस पर किसी तरह का दबाव नहीं था। एक और चौंकाने वाली बात यह सामने आई कि आर्यन पंचिंग बैग बनाने की तैयारी कर रहा था। इसके लिए वह हाल ही में रस्सी और अन्य सामान खरीदकर लाया था। माना जा रहा है कि उसी रस्सी का इस्तेमाल कर उसने आत्महत्या की।
घटना की खबर फैलते ही कॉलोनी के लोग बड़ी संख्या में आर्यन के घर जमा हो गए। सभी उसकी शांत, सरल और मिलनसार छवि को याद कर गमगीन नजर आए। आर्यन अपनी दादी संतोष का बेहद लाड़ला था। दादी रोजाना उसका स्कूल से लौटने का इंतजार घर के बाहर बैठकर करती थीं। घटना के बाद वह बदहवास हालत में बार-बार यही कहती रहीं कि “स्कूल में छुट्टी हो गई है, आर्यन अभी आता होगा।” यह दृश्य देखकर वहां मौजूद लोगों की आंखें नम हो गई।