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मेरठ के साकेत में हेड कॉन्स्टेबल विभोर तोमर की सोते समय कमरे में आग लगने से जिंदा जलकर मौत हो गई। दरवाजा अंदर से बंद था। पुलिस और फायर ब्रिगेड ने दरवाजा तोड़कर उन्हें बाहर निकाला, लेकिन तब तक बहुत देर हो चुकी थी। पुलिस आग के कारणों की जांच कर रही है।
मेरठ में हेड कॉन्स्टेबल की जिंदा जलकर मौत
Meerut: सिविल लाइन थाना क्षेत्र में दर्दनाक हादसे ने पुलिस महकमे को दहला दिया। यहां पुलिस लाइन में तैनात हेड कॉन्स्टेबल विभोर तोमर (45) की सोते समय जिंदा जलकर मौत हो गई। कमरे से धुआं उठता देख आसपास के पुलिसकर्मियों और किरायेदारों ने मदद का प्रयास तो किया, लेकिन तब तक देर हो चुकी थी। दरवाजा अंदर से बंद था और जब तक पुलिस व फायर ब्रिगेड की टीम पहुंची, विभोर पूरी तरह जल चुके थे।
हादसा साकेत इलाके में स्थित एक मकान में हुआ, जिसके दूसरी मंजिल पर चार कमरे बने हुए हैं। इन्हीं में से एक कमरे में हेड कॉन्स्टेबल विभोर तोमर रहते थे, जबकि साथ वाले कमरे में कॉन्स्टेबल सतीश रहते थे, जो अपनी बेटी की शादी के कारण पिछले आठ दिनों से घर गए हुए थे। मकान मालिक संजय शर्मा ने बताया कि दोनों को यह कमरा मात्र दो महीने पहले ही किराए पर दिया गया था।
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मंगलवार रात करीब 2 बजे आसपास रहने वाली महिला तुलसी को तेज बदबू और धुआं महसूस हुआ। उन्होंने बाहर आकर देखा तो विभोर के कमरे से धुआं निकल रहा था और दरवाजे की कुंडी अंदर से बंद थी। इसी बीच बराबर के कमरे में रहने वाले पुलिसकर्मियों सब-इंस्पेक्टर भगवान सिंह और कॉन्स्टेबल सुरेश ने भी धुआं देखा। भगवान सिंह ने दरवाजा खोलने की कोशिश की, लेकिन कुंडी बंद होने के कारण दरवाजा नहीं खुला।
इसके बाद तुरंत पुलिस और फायर ब्रिगेड को सूचना दी गई। पुलिस ने मौके पर पहुंचकर हथौड़े से दरवाजा तोड़ा। अंदर का दृश्य देखकर सभी दंग रह गए हेड कॉन्स्टेबल विभोर तोमर बिस्तर पर पड़े हुए थे और आग में पूरी तरह जल चुके थे। आग पर किसी तरह काबू पाया गया, लेकिन तब तक विभोर की मौत हो चुकी थी।
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स्थानीय लोगों के अनुसार, हेड कॉन्स्टेबल विभोर शराब पीने के आदी थे। उनकी पहली पत्नी की मौत हो चुकी है, जिससे उनके दो बच्चे हैं। बाद में उन्होंने दूसरी शादी की, जो अपने गांव में रहती है। दूसरी शादी से कोई संतान नहीं है। पड़ोसियों का कहना है कि विभोर कभी-कभी देर रात नशे में लौटते थे। हालांकि आग कैसे लगी, इसका स्पष्ट कारण अभी सामने नहीं आया है।
जिस मकान में घटना हुई, उसकी दूसरी मंजिल पर विभोर समेत चार कमरे हैं। एक में नेपाल निवासी लाल बहादुर अपनी पत्नी और बच्चे के साथ रहता है। बाकी कमरों में कॉन्स्टेबल रविंद्र, सुरेश, मनोज कुमार और सब-इंस्पेक्टर भगवान सिंह रहते थे। हादसे के वक्त मनोज और रविंद्र ड्यूटी पर थे। सुरेश और भगवान सिंह अपने-अपने कमरों में थे।
पुलिस ने हेड कॉन्स्टेबल का शव कब्जे में लेकर पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया है। SSP डॉ. विपिन ताडा ने कहा, “प्रारंभिक जांच में यह स्पष्ट है कि हेड कॉन्स्टेबल की मौत आग लगने के कारण हुई है। परिवार को सूचना दे दी गई है। आग के कारणों की विस्तृत जांच की जा रही है।”