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जिले में स्वास्थ्य सेवाओं की गुणवत्ता सुधारने के लिए अपग्रेडेड चेक प्वाइंट्स के आधार पर जांच अभियान शुक्रवार से शुरू हो गया है। पहले ही दिन दो अलग-अलग टीमों ने जंगल कौड़िया सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (सीएचसी) और खजनी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र (पीएचसी) का निरीक्षण किया।
स्वास्थ्य सेवाओं की जांच
Gorakhpur: गोरखपुर जिले में स्वास्थ्य सेवाओं की गुणवत्ता सुधारने के लिए अपग्रेडेड चेक प्वाइंट्स के आधार पर जांच अभियान शुक्रवार से शुरू हो गया है। पहले ही दिन दो अलग-अलग टीमों ने जंगल कौड़िया सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (सीएचसी) और खजनी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र (पीएचसी) का निरीक्षण किया। एसीएमओ डॉ. नंदलाल कुशवाहा के नेतृत्व में जंगल कौड़िया सीएचसी की जांच की गई, जबकि डिप्टी सीएमओ डॉ. अनिल सिंह के निर्देशन में खजनी पीएचसी पर सेवाओं की गुणवत्ता परखने का काम हुआ। जांच टीमों ने चिकित्सा सुविधाओं, उपकरणों, पैथोलॉजी, सफाई व्यवस्था, मरीजों की संतुष्टि और एम्बुलेंस संचालन सहित विभिन्न बिंदुओं पर विस्तृत रिपोर्ट तैयार की।
इस दौरान मुख्य चिकित्सा अधिकारी (सीएमओ) डॉ. राजेश झा ने सभी ब्लॉकों में भी इसी प्रकार की जांच टीमों के गठन के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि ब्लॉक स्तरीय टीमें अपने क्षेत्र के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों, उप स्वास्थ्य केंद्रों और आयुष्मान आरोग्य मंदिरों की नियमित जांच करेंगी। सीएमओ ने वर्चुअल बैठक कर सभी चिकित्सा अधिकारियों और अधीक्षकों को स्पष्ट निर्देश दिए कि उप मुख्यमंत्री बृजेश पाठक द्वारा दिए गए निर्देशों के अनुरूप उपकेंद्रों की व्यवस्था मजबूत की जाए और सेवाओं को अपग्रेड करने में किसी प्रकार की शिथिलता न बरती जाए।
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सीएमओ डॉ. झा ने जिलाधिकारी दीपक मीणा के निर्देशों का हवाला देते हुए कहा कि अस्पतालों में कंडम सामग्री के निस्तारण की प्रक्रिया पारदर्शी होनी चाहिए। सूची तैयार कर अनुमोदन के साथ ही उचित निस्तारण सुनिश्चित किया जाए। उन्होंने कहा कि चिकित्सा सेवाओं की गुणवत्ता, दवाओं की उपलब्धता, उपकरणों का रखरखाव, पैथोलॉजी जांच, स्वच्छता, राष्ट्रीय कार्यक्रमों का संचालन और एम्बुलेंस सेवाओं का सुचारू संचालन तभी संभव होगा जब सभी इकाइयाँ समन्वय कर कार्य करें।
शुक्रवार दोपहर सीएमओ ने एम्स गोरखपुर का भी दौरा किया और स्त्री एवं प्रसूति रोग विभाग में चल रही महिला चिकित्सा अधिकारियों की हैंड होल्डिंग ट्रेनिंग की समीक्षा की। उन्होंने बताया कि जिले के सहजनवां, पिपराइच, चौरीचौरा, बांसगांव और कैंपियरगंज ब्लॉकों की महिला चिकित्सा अधिकारियों को सर्वाइकल कैंसर की वीआईए स्क्रीनिंग में दक्ष बनाया जा चुका है। अब इन चिकित्सा अधिकारियों की मदद से संबंधित ब्लॉकों की महिला सीएचओ को भी प्रशिक्षित किया जाएगा, ताकि आयुष्मान आरोग्य मंदिरों पर भी स्क्रीनिंग की सुविधा उपलब्ध कराई जा सके।
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सीएमओ ने प्रशिक्षण में सहयोग के लिए कार्यकारी निदेशक मेजर जनरल (सेवानिवृत्त) डॉ. विभा दत्ता, विभागाध्यक्ष डॉ. शिखा सेठ और विशेषज्ञ डॉ. प्रीति के प्रति आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि शीघ्र ही सभी आवश्यक संसाधन उपलब्ध कराए जाएंगे, जिससे जिले में सर्वाइकल कैंसर स्क्रीनिंग का दायरा और मजबूत हो सके।