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                        गोरखपुर शहर के सबसे व्यस्ततम क्षेत्र गोलघर में ट्रैफिक जाम की समस्या लगातार विकराल रूप ले रही है। मुख्य सड़कें सुबह से रात तक दोपहिया और चौपहिया वाहनों की अवैध पार्किंग से पटी रहती हैं। हालात यह हैं कि पैदल चलना भी दूभर हो गया है। इससे दुकानदार सबसे ज्यादा परेशान हैं।
 
                                            गोरखपुर में करोड़ों की मल्टी-स्टोरी पार्किंग बनी शोपीस
Gorakhpur: शहर के सबसे व्यस्त और वाणिज्यिक क्षेत्र गोलघर में ट्रैफिक जाम की समस्या लगातार विकराल रूप ले रही है। मुख्य सड़कें सुबह से रात तक दोपहिया और चारपहिया वाहनों की अवैध पार्किंग से पटी रहती हैं। हालात यह हैं कि पैदल चलना भी मुश्किल हो गया है।
नगर निगम द्वारा जलकल परिसर में करोड़ों रुपये की लागत से आधुनिक मल्टी-स्टोरी पार्किंग तैयार कराई गई, लेकिन वह अब शोपीस बनकर रह गई है। वाहन चालक सड़क किनारे ही गाड़ियां खड़ी कर जाम का कारण बन रहे हैं।
गोलघर क्षेत्र में सुबह 10 बजे से देर रात तक सड़क के दोनों किनारों पर वाहन खड़े रहते हैं। खरीदारी या ऑफिस जाने के बहाने वाहन चालक बीच सड़क में गाड़ी लगा देते हैं। ट्रैफिक पुलिस कई बार चेतावनी देती है, लेकिन जैसे ही किसी वाहन को उठाने की कार्रवाई शुरू होती है, कुछ लोग “फोन पर परिचय” या राजनीतिक दबाव दिखा कर पुलिसकर्मियों को रोकने की कोशिश करते हैं।
स्थानीय दुकानदारों का कहना है कि ट्रैफिक पुलिस हर गाड़ी का चालान नहीं कर सकती। किसी की गाड़ी उठाई जाती है, तो वह फोन लगाकर दबाव बनाता है, जिससे पुलिस भी विवश हो जाती है।”
जलकल परिसर में बनाई गई मल्टी-स्टोरी पार्किंग का उपयोग नगण्य है। नागरिक सुविधा के लिए बनी यह परियोजना अब व्यर्थ साबित हो रही है। स्थानीय लोगों का कहना है कि पार्किंग में गाड़ी लगाने में समय लगता है, इसलिए लोग जल्दबाज़ी में सड़क पर ही वाहन खड़ा कर देते हैं।
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ट्रैफिक विशेषज्ञों के अनुसार, अगर यह पार्किंग सक्रिय रूप से उपयोग में लाई जाए, तो गोलघर और आसपास का इलाका जाम मुक्त हो सकता है।
