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उत्तर प्रदेश पुलिस द्वारा अपराधियों को सख्त सजा दिलाने के उद्देश्य से चलाए जा रहे “ऑपरेशन कनविक्शन” अभियान के तहत गोरखपुर पुलिस को बड़ी सफलता मिली है। वर्ष 2009 में थाना पिपराइच पर दर्ज नकली नोट रखने के गंभीर मामले में मा० न्यायालय ने दोनों आरोपियों को दोषी करार देते हुए कठोर सजा सुनाई है।
ऑपरेशन कन्विक्शन की बड़ी कामयाबी
Gorakhpur: उत्तर प्रदेश पुलिस द्वारा अपराधियों को सख्त सजा दिलाने के उद्देश्य से चलाए जा रहे “ऑपरेशन कनविक्शन” अभियान के तहत गोरखपुर पुलिस को बड़ी सफलता मिली है। वर्ष 2009 में थाना पिपराइच पर दर्ज नकली नोट रखने के गंभीर मामले में मा० न्यायालय ने दोनों आरोपियों को दोषी करार देते हुए कठोर सजा सुनाई है। यह फैसला गोरखपुर पुलिस की सशक्त पैरवी और निरंतर मॉनिटरिंग का प्रत्यक्ष परिणाम माना जा रहा है।
प्रकरण के अनुसार थाना पिपराइच जनपद गोरखपुर में मु०अ०सं० 707/2009 अंतर्गत धारा 489ग भादवि के तहत नकली भारतीय मुद्रा रखने का मामला दर्ज किया गया था। इस मामले में अभियुक्त 1. अब्दुल सलाम पुत्र अब्दुल लतीफ, निवासी शिवपुर करनहवा, थाना कैम्पियरगंज तथा अभियुक्त 2. फूलचन्द निषाद पुत्र राजमन, निवासी लोहरपुरवा, थाना कैम्पियरगंज को गिरफ्तार कर विवेचना पूर्ण की गई थी।
लगभग 16 वर्षों तक चले इस मुकदमे में गोरखपुर पुलिस द्वारा साक्ष्यों को सुदृढ़ रूप से न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत किया गया। पुलिस महानिदेशक, उत्तर प्रदेश के निर्देश पर चलाए जा रहे ऑपरेशन कनविक्शन के अंतर्गत वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक जनपद गोरखपुर के निर्देशन में थाने के पैरोकार एवं मॉनिटरिंग सेल द्वारा प्रभावी और सतत पैरवी की गई। इसी का परिणाम रहा कि मा० अपर सत्र न्यायाधीश/पीसी-02, जनपद गोरखपुर द्वारा दोनों अभियुक्तों को अपराध का दोषी पाया गया।
मा० न्यायालय ने दोनों दोषियों को 05-05 वर्ष का कठोर कारावास एवं 15,000-15,000 रुपये के अर्थदंड से दंडित किया है। न्यायालय के इस फैसले से न केवल नकली नोट जैसे राष्ट्रविरोधी अपराधों पर सख्त संदेश गया है, बल्कि यह भी स्पष्ट हुआ है कि कानून के शिकंजे से कोई भी अपराधी नहीं बच सकता, चाहे मामला कितना भी पुराना क्यों न हो।
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इस महत्वपूर्ण दोषसिद्धि में ADGC श्री मनीष मिश्रा एवं ADGC (क्रिमिनल) श्री नितिन मिश्रा की प्रभावी पैरवी और कानूनी दक्षता का विशेष योगदान रहा, जिनकी मजबूत दलीलों और सटीक प्रस्तुति के कारण अभियोजन पक्ष को सफलता प्राप्त हुई।
गोरखपुर पुलिस की इस उपलब्धि को कानून-व्यवस्था के क्षेत्र में एक बड़ी कामयाबी माना जा रहा है, जो आमजन में न्याय के प्रति विश्वास को और अधिक मजबूत करती है।