

यूपी एसटीएफ ने फर्जी सीबीआई अफसर बन डिजिटल ठगी करने वाले बडे़ गिरोह का भंडाफोड़ किया है। पुलिस की पूछताछ में आरोपियो ने बड़े चौंकाने वाले राज खोले हैं।
डिजीटल ठगी करने वाले गिरोह के सदस्य
लखनऊ: यूपी एसटीएफ ने फर्जी सीबीआई अधिकारी बनकर सेवानिवृत्त वैज्ञानिक से डिजिटल ठगी कर करीब 1.29 करोड़ रूपये का चूना लगाने वाले गिरोह का खुलासा किया है। एसटीएफ ने शनिवार को गैंग के 4 सदस्यों को जनपद लखनऊ से गिरफ्तार किया है।
डाइनामाइट न्यूज संवाददाता के अनुसार गिरफ्तार अभियुक्तों की पहचान श्याम कुमार पुत्र राकेश कुमार, निवासी मोहल्ला नारायन हेमपुरवा, थाना कोतवाली जनपद सीतापुर, रजनीश द्विवेदी पुत्र रामाधार दुबे, निवासी ग्राम खाजेगांव पोस्ट मसकनवा थाना चपिया जनपद गोण्डा, सुधीर कुमार चौरसिया पुत्र रामधीरज जायसवाल निवासी देवरिया मडडो थाना कोडारे जनपद गोण्डा, हालमता अयोध्यापुरी कॉलोनी लालबाग थाना पारा जनपद लखनऊ और महेन्द्र प्रताप सिंह उर्फ चन्दन सिंह पुत्र हरगोविन्द सिंह, निवासी ग्राम व पोस्ट किठीरा थाना कोतवाली जनपद बलरामपुर के रुप में हुई है।
एसटीएफ ने गिरफ्तार अभियुक्तों से 6 मोबाइल फोन, 6 एटीएफ कार्ड, 4 चैकबुक बरामद की है।
जानकारी के अनुसार भारतीय पशुचिकित्सा अनुसंधान संस्थान से सेवानिवृत्त वैज्ञानिक शुकदेव नन्दी के मोबाइल पर किसी अज्ञात नम्बर से वॉटसएप काल आया। जिस पर बैंगलुरू सिटी पुलिस का लोगो लगा हुआ था।
फोन करने वाले ने बताया गया आपके आधार कार्ड का प्रयोग कर सिम एक्टिवेट करके ह्यूमन ट्रैफिकिंग और जॉब फॉड किया गया है। जिसका अवैध पैसा आपके खाते में आया है।
कालर ने उनको सीबीआई ऑफिसर दयानायक से बात करने हेतु मोबाइल नम्बर देते हुए उनसे बात करने के लिए कहा । जिस पर पीड़ित शुकदेश नन्दी द्वारा उक्त मोबाइल नम्बर पर बात की गई।
कथित सीबीआई अफसर दयानायक ने अपनी बातों से डराकर इनको 03 दिन तक डिजिटल अरेस्ट करके अलग-अलग खातों में लगभग 1.29 करोड़ रूपये ट्रान्सफर करा लिया।
फर्जी सीबीआई अफसर ने बताया कि सीबीआई के आडिट टीम द्वारा आपके खाते की जाँच की जायेगी। कुछ समय पश्चात जब शुकदेव नन्दी को ठगी का एहसास हुआ।
पीड़ित ने 26 जून 2025 को थाना साइबर क्राइम, जनपद बरेली में मु०अ०सं० 18/2025 धारा 318(4), 319(2), 308(8), 61(2) व 111 बी०एन०एस० व 66डी आई०एक्ट० में मामला दर्ज किया।
उक्त मामले में वांछित अभियुक्त को गिरफ्तारी हेतु एसटीएफ टीम को सक्रिय और निर्देशित किया गया।
इस दौरान एसटीएफ को मुखबिर के माध्यम से सूचना प्राप्त हुई कि पुलिस अधिकारी/सी०बी०आई० अधिकारी का भेष बनाकर डिजिटल अरेस्ट करवा ठगी करने वाले गिरोह के कुछ सदस्य गोमतीनगर स्थित ग्वारी गांव के निकट गोमती नगर विस्तार जाने वाले फ्लाई ओवर के पास किसी का इन्तजार कर रहे हैं।
इस सूचना को पुख्ता करने के बाद एसटीएफ की टीम ने उक्त स्थान पर पहुँच कर 04 व्यक्तियों को गिरफ्तार कर लिया।
गिरफ्तार सुधीर कुमार चौरसिया ने पुलिस की पूछताछ में बताया कि 4 माह पहले वाराणसी में अंकित नाम के व्यक्ति से उसकी मुलाकात हुई। जिसने मुझे दीपक नाम के व्यक्ति का नम्बर दिया और बताया कि यह कम्पनी चलाता है और कम्पनी का पैसा बैंक खातों में भिजवाकर कमीशन देता है।
इस बात पर मेरी दीपक से बात होने लगी। दीपक ने अकाउन्ट उपलब्ध कराने एवं उसके बदले कमीशन देने को कहा। लालच में आकर मैंने श्याम कुमार, रजनीश एवं महेन्द्र के साथ मिलकर बैंक खातों का प्रबन्ध करता था और उनका बैंक खाता संख्या प्राप्त कर दीपक को टेलीग्राम एप के माध्यम से भेजता था।
मेरे द्वारा दिये गये बैंक खातों में जो पैसा आता था उसे लेने के लिए दीपक ने फैज निवासी लखनऊ को भेजता था। अब तक मैंने लगभग 1.5 करोड रुपये निकालकर फैज को दिया है।
फैज उसके बदले USDT दीपक के Trust Wallet में भेजता है। फैज के साथ सिराज अली और गुफरान निवासी लखनऊ काम करते है।
पुलिस के मुताबिक अभियुक्तों द्वारा बताये गये बैंक खाते, वालेट आदि की जानकारी व गिरोह के अन्य सदस्यों की गिरफ्तारी के प्रयास किये जा रहे हैं। अभियुक्तों से बरामद इलेक्ट्रानिक उपकरणों का फारेंसिक परीक्षण कराया जोयेगा।
पुलिस ने बताया कि गिरफ्तार अभियुक्तों के खिलाफ थाना साइबर क्राइम, जनपद बरेली में संबंधित धाराओं में मु०अ०सं० 16/2025 धारा 318(4), 319(2), 308(6), 61(2) व 111 बी०एन०एस० व 66 डी आई०एक्ट० में मामला दर्ज किया है। पुलिस आगे की कार्रवाई में जुट गई है।