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जम्मू कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने शुक्रवार को आंतकवाद से पीड़ित जम्मू डिवीजन के 41 परिवारों को नौकरी के लिए अपॉइंटमेंट लेटर सौंपे। मनोज सिन्हा ने खुद इन परिवार को सदस्यों से मुलाकात की। इसके साथ ही उन्होंने आतंकवाद के आकाओं को कड़ा संदेश दिया।
पीड़ित परिवारों को नौकरी के लिए अपॉइंटमेंट लेटर सौंपते एलजी मनोज सिन्हा (Img: X)
Srinagar: जम्मू-कश्मीर में पहलगाम आतंकी हमले में देश को झकझोर के रख दिया था। हमले के बाद भारत ने जब ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के जरिए पाकिस्तान को कड़ा जवाब दिया। आतंकवाद से सबसे ज्यादा प्रभावित परिवारों को भी सरकार का सीधा सहारा मिलना शुरू हो गया है। शुक्रवार को जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने आतंकवाद के कारण अपने परिजनों को खो चुके परिवारों को नौकरी के अपॉइंटमेंट लेटर सौंपे। इसके साथ ही उन्होंने आतंकवाद के आकाओं को कड़ा संदेश दिया।
इसी दौरान उपराज्यपाल ने श्रीनगर के लोक भवन में नौगाम के एक्सीडेंटल ब्लास्ट में शहीद हुए लोगों के परिवारों से भी मुलाकात की। उन्होंने इन परिवारों से बातचीत की। उनको भरोसा दिलाया कि सरकार उनके साथ खड़ी है। कंपैशन के आधार पर, परिवारों को 41 नौकरी के अपॉइंटमेंट लेटर सौंपे, जिससे आतंक की मार झेल चुके परिवार सम्मान के साथ अपनी जिंदगी दोबारा शुरू कर सकें। यह पहली बार नहीं है जब एलजी ने आतंक पीड़ित परिवारों को यह सहारा दिया हो। इससे पहले 28 जुलाई को उन्होंने जम्मू डिवीजन के 94 परिवारों को नौकरी के अपॉइंटमेंट लेटर सौंपे थे।
अपने संबोधन में मनोज सिन्हा ने कहा कि आतंकवाद के शिकार परिवारों को दशकों तक चुपचाप संघर्ष करने के लिए छोड़ दिया गया। उन्हें न तो न्याय मिला और न ही उनका दर्द किसी ने समझा। उनके जख्म कभी भर नहीं पाए। अब सरकार उन परिवारों को पहचान दे रही है। उनका सम्मान कर रही है। उन्हें फिर से बसाने का काम कर रही है। सच्चे शहीदों को नौकरी देना इस बात का वादा दिखाता है कि देश ठोस कार्रवाई के साथ उनके साथ खड़ा है। यह नौकरियां रिहैबिलिटेशन पॉलिसी के तहत दी गई हैं।
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एलजी ने दो टूक कहा कि सरकार अब आतंकवाद के पूरे इकोसिस्टम को खत्म कर रही है। आतंक के शिकार लोगों को नौकरी मिलेगी। आतंकियों पर कोई रहम नहीं होगा। आतंकवादियों को सिर्फ गोली मिलेगी। उनके साथ कोई हमदर्दी नहीं की जाएगी। जम्मू-कश्मीर में अब आतंक के दिन पूरे हो चुके हैं और पीड़ित परिवारों के लिए नए सवेरे की शुरुआत हो रही है।