चक्रवात ‘मोंथा’ का यूपी में असर: पूर्वांचल में भारी बारिश की चेतावनी, किसानों की बढ़ी चिंता

चक्रवाती मोंथा मंगलवार को गंभीर रूप ले चुका है। 29 से 31 अक्टूबर तक पूर्वांचल और बुंदेलखंड के कई जिलों में भारी बारिश का पूर्वानुमान है। इस बेमौसम बारिश से धान किसानों की मुश्किलें बढ़ गई हैं और प्रशासन ने अलर्ट जारी किया है।

Post Published By: Asmita Patel
Updated : 28 October 2025, 8:13 PM IST
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Lucknow: अरब सागर और बंगाल की खाड़ी से उठे मौसमीय तंत्रों के बीच अब चक्रवात मोंथा (Mongtha) ने रफ्तार पकड़ ली है। मंगलवार की सुबह भारतीय मौसम विभाग (IMD) ने पुष्टि की कि मोंथा गंभीर चक्रवाती तूफान में तब्दील हो गया है। इसके प्रभाव से उत्तर प्रदेश के दक्षिणी-पूर्वी इलाकों प्रयागराज, वाराणसी, सोनभद्र, मिर्जापुर, चंदौली और भदोही में 29 से 31 अक्टूबर के बीच गरज-चमक के साथ भारी बारिश की संभावना जताई गई है।

दक्षिण और बुंदेलखंड के जिलों में मूसलाधार बारिश

मंगलवार को ही उत्तर प्रदेश के दक्षिणी जिलों में अच्छी बारिश दर्ज की गई। सबसे ज्यादा बारिश सोनभद्र में हुई, जहां 65 मिलीमीटर वर्षा रिकॉर्ड की गई। वहीं बुंदेलखंड के झांसी में 51 मिमी और उरई में 48.2 मिमी बारिश दर्ज की गई। वाराणसी और मिर्जापुर में भी लगातार बूंदाबांदी से मौसम सुहावना रहा, लेकिन किसानों के माथे पर चिंता की लकीरें गहरा गईं।

आंचलिक मौसम विज्ञान केंद्र, लखनऊ के वरिष्ठ वैज्ञानिक अतुल कुमार सिंह ने बताया कि “28 अक्टूबर की सुबह मोंथा चक्रवात ने गंभीर रूप ले लिया है। उत्तर प्रदेश के दक्षिणी और पूर्वी जिले इससे सबसे अधिक प्रभावित होंगे। आने वाले 48 घंटे इन इलाकों के लिए संवेदनशील रहेंगे।”

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चक्रवात ‘मोंथा’ का यूपी में असर

पूर्वांचल में जारी अलर्ट

मौसम विभाग ने प्रयागराज, चंदौली, वाराणसी, सोनभद्र, भदोही, मिर्जापुर और आसपास के जिलों में येलो अलर्ट जारी किया है। इन जिलों में अगले तीन दिनों तक 30 से 50 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से तेज हवाएं चलने, गरज-चमक और भारी बारिश की संभावना जताई गई है। साथ ही निचले इलाकों में जलभराव की चेतावनी भी दी गई है।

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एक नवंबर से बढ़ेगा तापमान

मौसम विभाग के अनुसार, चक्रवात मोंथा के असर के चलते फिलहाल पूरे पूर्वी और दक्षिणी यूपी में नमी बनी रहेगी। बारिश के बाद 1 नवंबर से मौसम साफ होगा और दिन के तापमान में 2 से 3 डिग्री की बढ़ोतरी देखी जा सकेगी। हालांकि रात में हल्की ठंड महसूस होगी, जिससे रबी फसलों के लिए परिस्थितियां अनुकूल बनेंगी।

धान किसानों की चिंता बढ़ी

बेमौसम बारिश ने किसानों की मुश्किलें बढ़ा दी हैं। अक्टूबर के अंतिम सप्ताह में अधिकांश इलाकों में धान की कटाई जारी थी या कटाई के बाद फसल खेतों में पड़ी थी। ऐसे में अचानक हुई बारिश से धान के भीगने और खराब होने का खतरा बढ़ गया है। सोनभद्र और मिर्जापुर के कई किसानों ने बताया कि बारिश के कारण खेतों में कटे धान की बोरियां भीग गई हैं। इससे फसल की गुणवत्ता प्रभावित हो सकती है।

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कैसे पड़ा चक्रवात मोंथा का नाम

अक्टूबर 2025 में सक्रिय हुए इस चक्रवात का नाम “मोंथा” थाईलैंड ने सुझाया है। इसका उच्चारण “मॉन-था” किया जाता है, जिसका अर्थ “खुशबू” है। 26 अक्टूबर को भारतीय मौसम विभाग ने इसे चक्रवाती तूफान घोषित किया था। इसके बाद से यह धीरे-धीरे पूर्व दिशा की ओर बढ़ते हुए गंभीर चक्रवात के रूप में विकसित हुआ। मौसम वैज्ञानिकों का कहना है कि इस साल बंगाल की खाड़ी में मानसून के बाद बनने वाले निम्न दबाव क्षेत्र सामान्य से ज्यादा सक्रिय रहे हैं। इससे नवंबर की शुरुआत तक बारिश का क्रम जारी रह सकता है।

Location : 
  • Lucknow

Published : 
  • 28 October 2025, 8:13 PM IST