

महराजगंज में युग्मन नीति को लेकर सोशल मीडिया पर बच्चों के रोते हुए वीडियो के जरिए अफवाह फैलाने की साजिश बेनकाब हो गई है। डीएम संतोष कुमार शर्मा ने इसे सुनियोजित षड्यंत्र बताया और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई के निर्देश दिए। प्रशासन ने स्पष्ट किया कि स्कूल बंद नहीं हुआ है और इस वीडियो का उद्देश्य शिक्षा व्यवस्था को बदनाम करना था।
जिलाधिकारी संतोष कुमार शर्मा
Mahrajganj: महराजगंज जिले में शिक्षा व्यवस्था को मजबूत बनाने की दिशा में लागू की जा रही युग्मन नीति (स्कूल मर्जर) को लेकर सोशल मीडिया पर भ्रम फैलाने की एक गंभीर साजिश का पर्दाफाश हुआ है। प्राथमिक विद्यालय रुद्रपुर महुलई से संबंधित एक वीडियो वायरल हुआ, जिसमें कुछ बच्चों को रोते हुए दिखाया गया। वीडियो में दावा किया गया कि स्कूल बंद हो गया है और बच्चे अब शिक्षा से वंचित हो जाएंगे।
डीएम ने दिखाई सख्ती
हालांकि इस वीडियो की प्रशासनिक जांच में यह दावा पूरी तरह झूठा और भ्रामक पाया गया। जिलाधिकारी संतोष कुमार शर्मा ने इस वीडियो को पूर्व नियोजित साजिश बताते हुए नाराजगी जाहिर की है और दोषियों पर कड़ी कानूनी कार्रवाई के निर्देश दिए हैं।
डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार, डीएम संतोष कुमार शर्मा ने कहा कि रुद्रपुर भलूवही विद्यालय को न तो बंद किया गया है, न ही वह युग्मन नीति के अंतर्गत सम्मिलित है। वीडियो को जानबूझकर गलत तथ्यों के साथ प्रसारित किया गया ताकि आमजन में भ्रम और विरोध का माहौल बनाया जा सके।
डीएम ने कहा छात्रों को मिलेगा लाभ
डीएम ने स्पष्ट किया कि नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तहत युग्मन योजना का उद्देश्य विद्यालयों में बेहतर आधारभूत संरचना, गुणवत्तापूर्ण शिक्षा और उचित शिक्षक-छात्र अनुपात सुनिश्चित करना है। इस नीति से छात्रों को दीर्घकालिक लाभ मिलने वाला है।
वायरल वीडियो की कराई गई जांच
इस मामले की गहनता को देखते हुए डीएम ने बेसिक शिक्षा अधिकारी श्रद्धा पांडेय से तत्काल जांच करवाई। जांच में वीडियो को प्रायोजित और मनगढ़ंत पाया गया। इसके बाद जिलाधिकारी ने इस वीडियो को बनाने, उसमें बच्चों को भावनात्मक रूप से इस्तेमाल करने और सोशल मीडिया पर वायरल करने वालों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर सख्त कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं।
प्रशासन की छवि धूमिल करने की साजिश
डीएम ने यह भी कहा कि यह प्रशासन की छवि धूमिल करने की सुनियोजित साजिश है और इसमें शामिल किसी भी व्यक्ति को बख्शा नहीं जाएगा। उन्होंने आम जनता से अपील की है कि वे सोशल मीडिया पर वायरल किसी भी वीडियो या संदेश को बिना सत्यापन के न फैलाएं, और सही जानकारी के लिए सरकारी स्रोतों पर ही भरोसा करें।