Jagdeep Dhankhar Resignation: जानिये क्या है अनुच्छेद 67(ए)? जिसका हवाला देकर उपराष्ट्रपति ने दिया इस्तीफा

उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने स्वास्थ्य कारणों से तत्काल प्रभाव से इस्तीफा दे दिया है। राष्ट्रपति को सौंपे त्यागपत्र में उन्होंने संविधान के अनुच्छेद 67(ए) का हवाला दिया। धनखड़ ने प्रधानमंत्री और संसद का आभार जताया। अब अगले उपराष्ट्रपति के चयन पर देश की नजर है।

Post Published By: Nidhi Kushwaha
Updated : 22 July 2025, 7:33 AM IST
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New Delhi: देश के उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने सोमवार की शाम अपने पद से इस्तीफा दे दिया। उन्होंने स्वास्थ्य कारणों का हवाला देते हुए राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को अपना त्यागपत्र सौंपा, जिसमें उन्होंने तत्काल प्रभाव से पद छोड़ने की घोषणा की।

बता दें कि 74 वर्षीय धनखड़ ने अगस्त 2022 में उपराष्ट्रपति का पदभार संभाला था और उनका कार्यकाल अभी तीन वर्ष शेष था। इस इस्तीफे ने राजनीतिक गलियारों में हलचल मचा दी है और अब सभी की नजर इस बात पर है कि अगला उपराष्ट्रपति कौन होगा?

त्यागपत्र में क्या लिखा?

अपने त्यागपत्र में धनखड़ ने लिखा, "स्वास्थ्य सेवा को प्राथमिकता देने और चिकित्सीय सलाह का पालन करने के लिए, मैं संविधान के अनुच्छेद 67 (ए) के तहत तत्काल प्रभाव से भारत के उपराष्ट्रपति पद से इस्तीफा देता हूं। उन्होंने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के प्रति अपनी गहरी कृतज्ञता व्यक्त की और कहा कि अपने कार्यकाल के दौरान राष्ट्रपति के अटूट समर्थन और मधुर संबंधों को वे सदैव याद रखेंगे। धनखड़ ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मंत्रिपरिषद का भी आभार व्यक्त किया, जिनके सहयोग से उन्हें अपने कर्तव्यों का निर्वहन करने में मदद मिली।

अनुच्छेद 67(ए) क्या है?

भारतीय संविधान का अनुच्छेद 67(ए) उपराष्ट्रपति के इस्तीफे की प्रक्रिया को स्पष्ट करता है। इसके अनुसार, उपराष्ट्रपति अपने पांच साल के कार्यकाल से पहले कभी भी राष्ट्रपति को संबोधित एक हस्तलिखित पत्र के माध्यम से इस्तीफा दे सकता है, जिसे तत्काल प्रभाव से स्वीकार किया जाता है। धनखड़ ने इसी प्रावधान का उल्लेख करते हुए अपना इस्तीफा सौंपा। यह अनुच्छेद उपराष्ट्रपति के कार्यकाल और उससे संबंधित नियमों की रूपरेखा प्रदान करता है।

अगला उपराष्ट्रपति कौन?

धनखड़ के इस अचानक इस्तीफे ने राजनीतिक हलकों में कई सवाल खड़े कर दिए हैं। उनके उत्तराधिकारी के चयन को लेकर अभी कोई आधिकारिक घोषणा नहीं हुई है, लेकिन इस मुद्दे पर चर्चा तेज हो गई है। विपक्ष और सत्तापक्ष दोनों ही इस स्थिति पर नजर रखे हुए हैं। उपराष्ट्रपति का पद संवैधानिक रूप से अहम है, क्योंकि यह व्यक्ति राज्यसभा का सभापति भी होता है। ऐसे में, यह नियुक्ति देश की संसदीय प्रणाली के लिए महत्वपूर्ण होगी।

गौरतलब है कि उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने सोमवार की देर शाम अपने पद से इस्तीफा दे दिया। उन्होंने स्वास्थ्य कारणों का हवाला देते हुए राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को अपना त्यागपत्र सौंपा।

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