

सोनभद्र के जिला अस्पताल में एक बुज़ुर्ग व्यक्ति द्वारा अपनी बीमार पत्नी को स्ट्रेचर पर खींचते ले जाने का वीडियो वायरल हो गया है। यह घटना प्रदेश की स्वास्थ्य व्यवस्था की खस्ताहाली और सरकारी दावों की सच्चाई उजागर करती है।
बीमार पत्नी को स्ट्रेचर पर खींचता बुजुर्ग
Sonbhadra: सरकारी अस्पतालों की स्वास्थ्य व्यवस्था को लेकर किए जाने वाले दावे एक बार फिर से खोखले साबित हुए हैं। लोढ़ी स्थित जिला अस्पताल में एक ऐसा शर्मनाक दृश्य सामने आया जिसने न सिर्फ अस्पताल प्रबंधन पर सवाल खड़े कर दिए, बल्कि प्रदेश सरकार की स्वास्थ्य व्यवस्था की पोल भी खोल दी।
डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार, यह घटना तब सामने आई जब सोशल मीडिया पर एक वीडियो तेजी से वायरल हुआ, जिसमें एक बुजुर्ग व्यक्ति अपनी बीमार पत्नी को स्ट्रेचर पर खींचते हुए अस्पताल के गलियारे में ले जाता हुआ दिखाई दे रहा है। वीडियो में साफ तौर पर देखा जा सकता है कि बुजुर्ग व्यक्ति को कोई सहारा देने वाला या मदद करने वाला नहीं था। यह दृश्य बेहद पीड़ादायक था और मानवता को शर्मसार कर देने वाला था।
वीडियो वायरल होने के बाद राजनीतिक प्रतिक्रिया भी तेज हो गई है। समाजवादी पार्टी के जिला सचिव प्रमोद यादव ने इस घटना की कड़ी निंदा करते हुए कहा कि यह घटना साबित करती है कि उत्तर प्रदेश में स्वास्थ्य व्यवस्था पूरी तरह से चरमरा चुकी है। उन्होंने कहा कि सूबे के उपमुख्यमंत्री और स्वास्थ्य मंत्री ब्रजेश पाठक भले ही स्वास्थ्य सेवाओं के बेहतर होने के दावे करते हों, लेकिन जमीनी हकीकत इससे एकदम उलट है।
प्रमोद यादव, जिला सचिव, समाजवादी पार्टी, सोनभद्र
प्रमोद यादव ने कहा, जो मंत्री रोज मीडिया में आकर स्वास्थ्य सेवाओं के गुणगान करते हैं, वे जनता को गुमराह कर रहे हैं। प्रदेश की जनता के साथ यह खुला मजाक है। अगर एक बुजुर्ग व्यक्ति को अपनी बीमार पत्नी को स्ट्रेचर पर खुद खींचकर लाना पड़े, तो सोचिए कि आमजन को कैसी सुविधा मिल रही है?
उन्होंने मांग की कि राज्य सरकार को इस घटना का संज्ञान लेकर अस्पताल प्रशासन पर कड़ी कार्रवाई करनी चाहिए और स्वास्थ्य सेवाओं में तत्काल सुधार की दिशा में कदम उठाने चाहिए। जनता को भ्रमित करने की बजाय सरकार को चाहिए कि वह जमीनी स्तर पर स्वास्थ्य सुविधाओं को मजबूत करे। आज जरूरत है अस्पतालों में स्टाफ की संख्या बढ़ाने, संसाधनों की उपलब्धता सुनिश्चित करने और मरीजों को समय पर सहायता देने की।
सपा नेता ने आगे कहा कि, यह कोई एक घटना नहीं है, बल्कि पूरे प्रदेश में इसी तरह की स्थिति है। आए दिन ऐसी खबरें सामने आती हैं, जो साबित करती हैं कि स्वास्थ्य मंत्रालय की प्राथमिकताओं में आमजन की सेहत कहीं नहीं है। यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि मरीजों को इलाज के लिए भी संघर्ष करना पड़ रहा है।
लोढ़ी स्थित जिला अस्पताल का यह मामला एक बार फिर प्रदेश सरकार की कार्यशैली पर सवाल खड़े करता है। जहां एक ओर सरकार डिजिटल हेल्थ मिशन और स्मार्ट अस्पतालों की बात करती है, वहीं दूसरी ओर अस्पतालों में स्ट्रेचर खींचते मरीज खुद अपने दर्द की गवाही दे रहे हैं।
फिलहाल यह घटना पूरे जिले में चर्चा का विषय बनी हुई है और सोशल मीडिया पर लोग अस्पताल प्रबंधन और सरकार की निंदा कर रहे हैं।