

बेंगलुरु में साइबर ठगों ने फर्जी पुलिस बनकर दो महिलाओं को ‘डिजिटल अरेस्ट’ किया और वीडियो कॉल पर उनसे कपड़े उतारने को मजबूर किया। नौ घंटे तक चले इस टॉर्चर में ठगों ने अश्लील वीडियो बना कर महिलाओं से पैसे भी वसूले।
प्रतीकात्मक छवि (फोटो सोर्स-इंटरनेट)
Bengaluru: भारत में साइबर अपराधियों की हरकतें अब बेहद खतरनाक और असंवेदनशील होती जा रही हैं। कर्नाटक की राजधानी बेंगलुरु से सामने आई एक चौंकाने वाली घटना में दो महिलाओं को फर्जी पुलिस अधिकारी बनकर वीडियो कॉल पर न सिर्फ डराया गया, बल्कि उन्हें मानसिक रूप से प्रताड़ित करते हुए कपड़े तक उतारने पर मजबूर कर दिया गया। यह मामला इस बात की कड़ी चेतावनी है कि अब साइबर अपराध केवल वित्तीय धोखाधड़ी तक सीमित नहीं रह गए, बल्कि अब यह महिलाओं की गरिमा और सुरक्षा पर सीधा हमला कर रहे हैं।
यह मामला तब सामने आया जब दो महिलाएं साइबर अपराधियों के झांसे में आ गईं। आरोपियों ने खुद को केंद्रीय जांच एजेंसियों के अधिकारी बताकर उन्हें एक फर्जी मामले में फंसाने की धमकी दी। ठगों ने कहा कि महिलाओं का नाम एक मनी लॉन्ड्रिंग केस में आ रहा है और उन्हें 'डिजिटल अरेस्ट' किया जा रहा है। इसके बाद वीडियो कॉल के जरिए उनसे घंटों तक पूछताछ की गई।
रिपोर्ट्स के अनुसार, पीड़ित महिलाओं को लगभग नौ घंटे तक वीडियो कॉल पर रखा गया। इस दौरान उन्हें यह कहकर मानसिक दबाव में रखा गया कि उनका 'ऑनलाइन मेडिकल परीक्षण' किया जाएगा, जिसमें उनके शरीर पर मौजूद जन्मचिह्नों, तिलों और अन्य विशेषताओं की पुष्टि करनी है। इसी बहाने से उनसे कपड़े उतारने को कहा गया।
साइबर ठगों ने इस पूरी बातचीत और पीड़ित महिलाओं की तस्वीरों को रिकॉर्ड कर लिया। इस हरकत से महिलाओं को गहरा मानसिक आघात पहुंचा है। पुलिस सूत्रों के अनुसार, ठगों ने बाद में इन तस्वीरों और वीडियो का इस्तेमाल कर ब्लैकमेलिंग की कोशिश भी की।
महिलाओं से न केवल मानसिक प्रताड़ना की गई, बल्कि ठगों ने उनसे पैसे भी ऐंठ लिए। ठगों ने बैंक अकाउंट, ट्रांजैक्शन डिटेल्स आदि पूछकर धीरे-धीरे उनसे बड़ी रकम निकलवा ली।
प्रतीकात्मक छवि (फोटो सोर्स-इंटरनेट)
बेंगलुरु पुलिस ने इस मामले में FIR दर्ज कर ली है और साइबर क्राइम यूनिट मामले की जांच में जुट गई है। पुलिस के अनुसार, शुरुआती जांच से यह सामने आया है कि अपराधी विदेश से संचालित हो रहे कॉल सेंटर के जरिए वारदात को अंजाम दे रहे हैं।
बेंगलुरु पुलिस और साइबर सेल ने आम जनता से अपील की है कि वे किसी भी अनजान कॉल, खासकर जो खुद को सरकारी अधिकारी या जांच एजेंसी से जुड़ा बताता है, से सतर्क रहें। कोई भी वीडियो कॉल पर निजी जानकारी या शरीर से जुड़ी जानकारी शेयर न करें। सरकारी एजेंसियां कभी भी इस तरह की पूछताछ ऑनलाइन नहीं करतीं।
साइबर अपराधी अब सिर्फ आर्थिक नहीं, बल्कि मानसिक और शारीरिक शोषण के नए-नए तरीके अपना रहे हैं।