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गाजियाबाद में एक पीएचडी स्कॉलर ने Shaadi.com पर एक महिला से दोस्ती की, जो बाद में उसे फॉरेक्स ट्रेडिंग के नाम पर 49 लाख रुपये की ठगी का शिकार बना देती है। पुलिस ने इस मामले में जांच शुरू कर दी है और आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई की जा रही है।
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Ghaziabad: गाजियाबाद के वैशाली क्षेत्र से एक दिल दहला देने वाला ऑनलाइन ठगी का मामला सामने आया है। 42 साल के अभिषेक चौधरी, जो एक पीएचडी स्कॉलर हैं, ने शादियों के लिए लोकप्रिय साइट Shaadi.com पर एक अकाउंट बनाया था। यहां उन्हें एक महिला से संपर्क हुआ, जिसने बाद में उन्हें फॉरेक्स ट्रेडिंग के नाम पर 49 लाख रुपये की ठगी का शिकार बना दिया। इस मामले ने न केवल उनके विश्वास को तोड़ा, बल्कि यह ऑनलाइन ठगी के बढ़ते मामलों को भी उजागर किया है।
अभिषेक चौधरी ने 2023 के सितंबर महीने में Shaadi.com पर अपनी प्रोफाइल बनाई थी। उनका उद्देश्य एक उपयुक्त जीवनसंगिनी ढूंढना था, लेकिन उनकी मुलाकात एक महिला से हुई, जो जल्द ही उनकी मित्र बन गई। महिला ने अभिषेक को बताया कि उसकी फैमिली पंजाब और दिल्ली-एनसीआर में रियल एस्टेट व्यवसाय से जुड़ी हुई है। उनकी बातचीत में धीरे-धीरे एक व्यक्तिगत संबंध का रूप ले लिया और महिला ने अभिषेक का भरोसा जीत लिया।
आरोप है कि महिला ने बाद में अभिषेक को फॉरेक्स ट्रेडिंग में निवेश करने के लिए राजी किया। उसने अभिषेक से कहा कि वह ट्रेडिंग के जरिए अच्छा मुनाफा कमा सकते हैं। महिला ने व्हाट्सऐप पर एक लिंक भेजा और कहा कि इस प्लेटफॉर्म पर रजिस्ट्रेशन कराना है। हालांकि, यह लिंक बार-बार बदलता रहा, लेकिन महिला की बातें अभिषेक को आकर्षित करती रहीं और उन्होंने उसे बिना सोचे-समझे अपना विश्वास दे दिया।
महिला ने अभिषेक से 500 डॉलर की राशि जमा करने को कहा, जबकि प्लेटफॉर्म पर 250 डॉलर का न्यूनतम निवेश दिखाया गया था। पहले तो उन्हें 250 डॉलर के निवेश पर कम मुनाफा दिखाया गया, लेकिन बाद में महिला ने उन्हें और अधिक निवेश के लिए राजी कर लिया। इसके बाद, अभिषेक ने कुल 49 लाख रुपये का भुगतान किया। उसने अपनी राशि भारतीय रुपये में जमा की, जिसे बाद में डॉलर में दिखाया गया। एक-दूसरे के साथ ट्रांजैक्शन करते हुए, अभिषेक ने 10 से अधिक बार पैसे ट्रांसफर किए।
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ठगी का असली खेल तब शुरू हुआ जब अभिषेक ने अपने निवेश से प्राप्त मुनाफा निकालने की कोशिश की। महिला और उसके साथियों ने हर बार उनसे 30 प्रतिशत टैक्स के नाम पर और पैसे मांगे। धीरे-धीरे यह साफ हो गया कि वह जो मुनाफा दिखाई जा रहा था, वह फर्जी था। अभिषेक को समझ में आ गया कि वह पूरी तरह से ठगी का शिकार हो चुके हैं।
साइबर क्राइम और साइबर सुरक्षा पर गाजियाबाद पुलिस ने मामले को गंभीरता से लिया। एडीसीपी पीयूष कुमार सिंह ने बताया कि इस मामले में भारतीय दंड संहिता (आईटी एक्ट) के तहत एफआईआर दर्ज की गई है। पुलिस ने आरोपियों द्वारा इस्तेमाल किए गए बैंक अकाउंट्स की जानकारी बैंकों से मांगी है, ताकि ठगों का पता लगाया जा सके।