Pakistan Election Result: पाकिस्तान में चुनावी नतीजों में देरी, Imran Khan समर्थित उम्मीदवारों को बढ़त

डीएन ब्यूरो

पाकिस्तान निर्वाचन आयोग (ईसीपी) ने धांधली, छिटपुट हिंसा और देशभर में मोबाइल फोन सेवा बंद होने के आरोपों के बीच हुए मतदान के समाप्त होने के 10 घंटे से अधिक समय बाद शुक्रवार देर रात चुनावों के नतीजों की घोषणा करनी शुरू की। पढ़िए डाइनामाइट न्यूज़ की पूरी रिपोर्ट

चुनावी नतीजों में देरी
चुनावी नतीजों में देरी


इस्लामाबाद: पाकिस्तान निर्वाचन आयोग (ईसीपी) ने धांधली, छिटपुट हिंसा और देशभर में मोबाइल फोन सेवा बंद होने के आरोपों के बीच हुए मतदान के समाप्त होने के 10 घंटे से अधिक समय बाद शुक्रवार देर रात चुनावों के नतीजों की घोषणा करनी शुरू की।

ईसीपी के विशेष सचिव जफर इकबाल ने शुक्रवार देर रात करीब तीन बजे इस्लामाबाद में एक संवाददाता सम्मेलन में शुरुआती नतीजे घोषित किए।

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उन्होंने बताया कि देश के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान की पार्टी तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) द्वारा समर्थित निर्दलीय उम्मीदवार समीउल्लाह खान ने 18,000 से अधिक मत हासिल करके खैबर पख्तूनख्वा प्रांतीय विधानसभा की पीके -76 सीट पर जीत हासिल की।

उन्होंने बताया कि ‘पीटीआई’ समर्थित निर्दलीय उम्मीदवार फजल हकीम खान ने 25,330 वोट हासिल कर पीके-6 सीट जीत ली।

आयोग द्वारा घोषित शुरुआती नतीजों के मुताबिक, ‘पीटीआई समर्थित’ निर्दलीय उम्मीदवार अली शाह ने स्वात की पीके-4 सीट जीत ली है। उन्हें 30,022 वोट मिले।

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मतदान बृहस्पतिवार शाम पांच बजे तक हुआ लेकिन ईसीपी ने शुक्रवार देर रात तीन बजे तक यह नहीं बताया कि कौन सी पार्टी आगे है।

डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार राजनीतिक दलों ने इस देरी को लेकर शिकायत की और चुनाव प्राधिकरण पर सवाल उठाया जिसके बाद ईसीपी ने सभी प्रांतीय चुनाव आयुक्तों और चुनाव अधिकारियों को आधे घंटे के भीतर परिणाम घोषित करने का निर्देश दिया और कहा कि ऐसा नहीं करने पर उन्हें कड़ी कार्रवाई का सामना करना पड़ेगा।

जफर इकबाल ने देरी के बारे में पूछे जाने पर संवाददाता सम्मेलन में कहा कि कि ऐसा इसलिए हुआ क्योंकि चुनाव अधिकारी अब भी परिणाम संकलित कर रहे हैं। उन्होंने ‘पीटीआई’ के इस दावे को भी खारिज कर दिया कि ईसीपी पार्टी की ‘‘जीत को नियंत्रित करने’’ के लिए परिणामों में हेरफेर कर रहा है।

इकबाल ने कहा, ‘‘ऐसा नहीं है। नतीजे शुक्रवार सुबह तक सामने आ जाएंगे।’’

इससे पहले, चुनाव अधिकारियों ने पंजाब और खैबर पख्तूनख्वा (केपी) प्रांतों में अधिकतर सीट पर ‘पीटीआई’ की ‘‘स्पष्ट जीत’’ के बाद मीडिया में परिणाम जारी करना बंद कर दिया था।

‘पीटीआई’ के अध्यक्ष बैरिस्टर गौहर खान ने एक बयान में दावा किया कि उनकी पार्टी ने नेशनल असेम्बली की 150 से अधिक सीट जीत ली हैं और वह पंजाब एवं केपीके में भी वह सरकार बनाने की स्थिति में है। उन्होंने ईसीपी से बिना किसी देरी के सभी परिणाम घोषित करने का आग्रह किया।

कार्यवाहक सरकार ने पाकिस्तान में अभी तक मोबाइल सेवा बहाल नहीं की है जिसे सुरक्षा कारणों का हवाला देते हुए बृहस्पतिवार सुबह आठ बजे से ठीक पहले बंद कर दिया गया था।

पीएमएल-एन (पाकिस्तान मुस्लिम लीग-एन) के एक अंदरूनी सूत्र ने ‘प्रेस ट्रस्ट ऑफ इंडिया’ (पीटीआई) को बताया कि पीएमएल-एन प्रमुख नवाज शरीफ ‘‘आश्चर्यजनक हार’’ की खबर मिलने के बाद बृहस्पतिवार देर रात अपने पार्टी कार्यालय से घर चले गए थे। शरीफ सैन्य प्रतिष्ठान के पसंदीदा उम्मीदवार हैं।

उन्होंने कहा, ‘‘नवाज शरीफ, उनके भाई शहबाज शरीफ, बेटी मरियम नवाज मॉडल टाउन स्थित पार्टी कार्यालय में एकत्र हुए थे। वे चुनाव में पीएमएल-एन की शर्मनाक हार के बाद बृहस्पतिवार देर रात अपने घर रवाना हो गए।’’

लाहौर की एनए-130 और मानसहरा की एन-15 सीट पर नवाज शरीफ काफी पीछे थे।

पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान जेल में हैं और उनके चुनाव लड़ने पर प्रतिबंध है। खान (71) की पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ पार्टी के प्रत्याशी निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर चुनाव लड़ रहे हैं क्योंकि उच्चतम न्यायालय ने उनकी पार्टी को उसके चुनाव चिह्न क्रिकेट का 'बल्ला' से वंचित करने के चुनाव आयोग के फैसले को बरकरार रखा है।

पाकिस्तान चुनाव आयोग के अनुसार, नेशनल असेंबली की सीटों के लिए कुल 5,121 उम्मीदवार दौड़ में हैं। इनमें 4,807 पुरुष, 312 महिलाएं और दो ट्रांसजेंडर हैं। चार प्रांतीय विधानसभाओं के लिए 12,695 उम्मीदवार चुनाव मैदान में हैं जिनमें 12,123 पुरुष, 570 महिलाएं और दो ट्रांसजेंडर हैं।

इस चुनाव में, बिलावल भुट्टो-जरदारी की पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (पीपीपी) भी शामिल है, जिन्हें पार्टी की ओर से प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार घोषित किया गया है।

नेशनल असेंबली की 336 सीट में से 266 पर ही मतदान कराया जाता है लेकिन बाजौर में, हमले में एक उम्मीदवार की मौत हो जाने के बाद एक सीट पर मतदान स्थगित कर दिया गया था। अन्य 60 सीट महिलाओं के लिए और 10 अल्पसंख्यकों के लिए आरक्षित हैं और ये जीतने वाले दलों को आनुपातिक प्रतिनिधित्व के आधार पर आवंटित की जाती हैं।

नयी सरकार बनाने के लिए किसी भी पार्टी को 265 सीट में से 133 सीट जीतनी होंगी।










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