सीमा पर तनाव: PM मोदी ने डोभाल समेत सेना प्रमुखों से की मीटिंग, चीन बोला- जंग की तैयारी करो

पूर्वी लद्दाख के कुछ क्षेत्रों में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर भारत और चीन के बीच लगातार तनाव बढता जा रहा है। जानिये, इस महत्वपूर्ण मुद्दे पर अब तक का हर ताजा अपडेट..

Post Published By: डीएन ब्यूरो
Updated : 27 May 2020, 9:29 AM IST
google-preferred

नई दिल्ली: पूर्वी लद्दाख के कुछ क्षेत्रों में स्थित वास्तविक नियंत्रण रेखा पर पिछले लगभग 20 दिनों से चीन और भारत के बीच तनाव बढता जा रहा है। यहां भारत और चीन के सैनिक एक-दूसरे के आमने-सामने हैं और हर गतिविधियों पर पैनी नजर रखी जा रही है। इसी तनाव के मद्देनजर मंगलावर को राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल समेत चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (सीडीएस) जनरल विपिन रावत औऱ तीनों सेनाओं के प्रमुखों ने प्रधानमंत्री मोदी से उच्चस्तरीय बैठक की, जो देर शाम तक चलती रही।

इस बीच दूसरी तरफ कुछ मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने अपनी सेना का आह्वान किया कि वे अपनी सबसे खराब परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए जंग की अफनी तैयारियों को आगे बढाएं। शी ने अपनी सेना से अपने देश की संप्रुभता की गर संभव तरीके से रक्षा करने को कहा है। इन मीडिया रिपोर्टों के मुताबिक चीन ने लद्दाख के पास एयरबेस का विस्तार भी कर लिया है, जिस पर लड़ाकू विमानों को देखा ज सकता है। 

ईधर पीएम मोदी के साथ मंगलवार को हुई उच्चस्तरीय बैठक में वास्तविक नियंत्रण रेखा पर पर बढते तनाव और उससे निपटने के तरीकों पर चर्चा की गयी। समझा जाता है कि बैठक में पीएम मोदी को वहां के ताजा हालातों और सेना द्वारा उठाये जा रहे कदमों से भी अवगत कराया गया। इस मामले को लेकर भारत की तैयारियों और आगे की रणनीति भी पीएम से साझा की गयी। 

बताया जाता है कि इस मीटिंग से पहले सीडीएस और तीनों सेनाओं के प्रमुखों ने रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के साथ लंबी बातचीत की थी। रक्षामंत्री के साथ यह बैठक लगभग चार घंटे तक चली, जिसमें सैन्य तैयारियों, आगे की रणनीति और कई अहम सामरिक मुद्दों पर बातचीत की गयी। 

सूत्रों के मुताबकि ताजा हालातों को लेकर भारत का स्टैंड इस मामले में पहले से ही साफ और अडिग है और वह यह है कि भारत सीमा पर एक कदम भी पीछे नहीं हटेगा। कुछ रिपोर्टों के मुताबिक भारत इस विवाद को सुलझाने के लिए राजनीतिक, राजनयिक दखल की दिशा में सक्रियता से आगे बढना चाहता है, लेकिन यह सब चीन के रुख पर भी निर्भर करता है।  

माना जा रहा है कि भारत अपने हितों की रक्षा हमेशी की तरह इस बार भी बड़ी दृढ़ता के साथ करेगा और जरूरत पड़ने पर शांतिपूर्ण तरीके से भी इस समस्या के हल के लिए सभी उपलब्ध संसाधनों और रणनीतियों का इस्तेमाल करेगा। 

Published :