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पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम लिमिटेड में कार्यरत एक निविदाकर्मी पर धन उगाही के गंभीर आरोप सामने आए हैं। इस मामले को लेकर निगम प्रशासन ने संज्ञान लेते हुए जांच के आदेश जारी किए हैं। पढ़ें पूरी रिपोर्ट
निविदाकर्मी पर धन उगाही का गंभीर आरोप
Gorakhpur: पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम लिमिटेड में कार्यरत एक निविदाकर्मी पर धन उगाही के गंभीर आरोप सामने आए हैं। इस मामले को लेकर निगम प्रशासन ने संज्ञान लेते हुए जांच के आदेश जारी किए हैं। प्रकरण गोरखपुर जनपद के 33/11 केवी विद्युत उपकेन्द्र से जुड़ा हुआ बताया जा रहा है, जहां निविदा पर कार्यरत कर्मचारियों के बीच विवाद और अवैध वसूली की शिकायत सामने आई है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार, ग्राम शाहपुर बड़ा, पोस्ट उरूवा बाजार, तहसील गोरखपुर निवासी श्री श्रवण कुमार जायसवाल, जो कि उक्त उपकेन्द्र पर निविदाकर्मी के रूप में कार्यरत थे, उन्हें कार्य से हटा दिया गया। इसके बाद उन्होंने साथ में कार्यरत निविदाकर्मी श्री शिवकुमार हरिजन पर धन उगाही करने का आरोप लगाते हुए उच्चाधिकारियों को लिखित शिकायत भेजी। शिकायत में आरोप लगाया गया है कि श्री शिवकुमार हरिजन द्वारा कर्मचारियों से अवैध रूप से धन की मांग की जा रही थी और विरोध करने पर नौकरी से हटवाने की धमकी दी जाती थी।
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इस प्रकरण को गंभीरता से लेते हुए अधीक्षण अभियन्ता (प्रशासन), पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम लिमिटेड, वाराणसी द्वारा पत्रांक 526 दिनांक 04 नवंबर 2025 को संबंधित अधिकारियों को अवगत कराया गया। इसी क्रम में कार्मिक अधिकारी संदीप वर्मा द्वारा अधीक्षण अभियन्ता, विद्युत वितरण मण्डल-द्वितीय, गोरखपुर को निर्देश जारी करते हुए मामले की विस्तृत जांच एवं परीक्षण कर आख्या उपलब्ध कराने को कहा गया है। जांच रिपोर्ट ई-मेल के माध्यम से निगम मुख्यालय को भेजने के निर्देश दिए गए हैं।
निगम प्रशासन ने स्पष्ट किया है कि यदि जांच में आरोप सही पाए जाते हैं तो दोषी के विरुद्ध नियमानुसार कठोर कार्रवाई की जाएगी। वहीं, इस पत्र की प्रतिलिपि मुख्य अभियन्ता (वितरण) वाराणसी तथा मुख्य अभियन्ता (वितरण) गोरखपुर क्षेत्र प्रथम को भी सूचनार्थ एवं आवश्यक कार्यवाही हेतु प्रेषित की गई है।
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इस घटना के बाद विद्युत विभाग के निविदाकर्मियों में हड़कंप मचा हुआ है। कर्मचारियों का कहना है कि यदि आरोप सही हैं तो इस तरह की अवैध गतिविधियों पर रोक लगाई जानी चाहिए, ताकि कार्यस्थल पर भयमुक्त वातावरण बना रहे। अब सभी की नजरें निगम प्रशासन की जांच रिपोर्ट और आगे होने वाली कार्रवाई पर टिकी हुई हैं।