गोरखपुर : गेहूं काटने के विवाद से शुरू हुआ मामला, वायरल खबर ने दिया “छेड़खानी” का रंग, पुलिस ने खोला पूरा सच

गोरखपुर : गेहूं काटने के विवाद से शुरू हुआ मामला, वायरल खबर ने दिया “छेड़खानी” का रंग, पुलिस ने खोला पूरा सच, पढ़िए डाइनामाइट न्यूज पर खबर हकीकत

Post Published By: डीएन ब्यूरो
Updated : 12 April 2025, 3:42 PM IST
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गोरखपुर : हाल ही में गोरखपुर जिले के खजनी इलाके में एक मामूली विवाद सोशल मीडिया पर फैली झूठी खबर के कारण अप्रत्याशित रूप से बढ़ गया। यह विवाद महज गेहूं काटने को लेकर था, लेकिन जब इसे एक लड़की से छेड़छाड़ के मामले से जोड़कर वायरल किया गया तो न सिर्फ स्थानीय लोग हैरान रह गए, बल्कि प्रशासन को भी कार्रवाई करनी पड़ी।

गेहूं काटने को लेकर दो पक्षों में कहासुनी

डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार, पूरा मामला तब शुरू हुआ जब खेत में गेहूं काटने को लेकर दो पक्षों में कहासुनी हो गई। विवाद बढ़ने पर एक पक्ष ने दूसरे पक्ष पर मारपीट का आरोप लगाते हुए खजनी थाने में तहरीर दी। पुलिस ने तत्परता दिखाते हुए दोनों पक्षों को थाने बुलाया और मामले की गहनता से जांच शुरू की। बातचीत और जांच के बाद दोनों पक्षों में सुलह हो गई और महिला पक्ष ने भी समझदारी दिखाते हुए विवाद को खत्म कर दिया। यहां मामला शांत हो गया।

विवाद की वजह छेड़छाड़

लेकिन इसके बाद नया मोड़ तब आया जब किसी ने सोशल मीडिया पर यह अफवाह फैला दी कि विवाद की वजह छेड़छाड़ है और इससे आहत होकर लड़की ने पढ़ाई छोड़ दी है। यह खबर जंगल में आग की तरह फैल गई। सनसनीखेज दावे ने पूरे इलाके में हड़कंप मचा दिया। इस खबर से परिवार भी सदमे में आ गया और प्रशासन को फिर से मामले में हस्तक्षेप करना पड़ा।

जब इस पूरी घटना के बारे में खजनी थाने की प्रभारी निरीक्षक (एसएचओ) अर्चना सिंह से बात की गई तो उन्होंने स्पष्ट किया कि वायरल हो रही खबर भ्रामक और झूठी है। उन्होंने कहा, "यह पूरा विवाद सिर्फ गेहूं काटने को लेकर हुए झगड़े का था। लड़की ने गाली-गलौज की बात जरूर कही थी, लेकिन छेड़छाड़ जैसा कोई गंभीर आरोप नहीं लगाया गया। साथ ही लड़की या उसके परिवार की ओर से इस संबंध में कोई लिखित शिकायत भी नहीं दी गई। दोनों पक्षों ने आपसी सहमति से मामले को सुलझा लिया है।"

इस घटना ने एक बार फिर साबित कर दिया है कि सोशल मीडिया पर फैलाई जा रही खबरों पर आंख मूंदकर भरोसा नहीं करना चाहिए। बिना किसी ठोस सबूत या पुष्टि के फैलाई गई अफवाह न सिर्फ किसी की छवि को नुकसान पहुंचा सकती है, बल्कि समाज में अनावश्यक तनाव और भ्रम भी पैदा कर सकती है।

अफवाह को फैलने से रोका

खजनी पुलिस की सूझबूझ, तत्परता और निष्पक्ष जांच ने समय रहते सच्चाई सामने ला दी और एक मामूली विवाद को बड़ा मुद्दा बनने से रोक दिया। यह मामला उन लोगों के लिए चेतावनी है जो बिना तथ्यों की जांच किए खबर वायरल कर देते हैं। साथ ही यह पुलिस की सतर्कता और संवेदनशीलता का भी उदाहरण है, जिसने एक अफवाह को फैलने से रोका और स्थिति को संभाला।