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आगरा में सोशल मीडिया और टेलीग्राम के जरिए फर्जी निवेश कंपनियों ने युवाओं को ठगा है, जिससे लाखों रुपये की ठगी की घटनाएं सामने आई हैं। पुलिस ने साइबर क्राइम से बचने के लिए जागरूकता फैलाने की कोशिश की है और साइबर हेल्पलाइन नंबर पर शिकायत की सलाह दी है।
आगरा में साइबर ठगी का नया मामला
Agra: आगरा में हाल ही में साइबर ठगी के एक और बड़े मामले का खुलासा हुआ है, जिसमें युवाओं को सोशल मीडिया और टेलीग्राम के माध्यम से लुभाने वाली फर्जी निवेश कंपनियों ने लाखों रुपये ठग लिए। यह मामले विशेष रूप से ऐसे लोगों से जुड़े हैं जिन्होंने पार्ट टाइम काम करने का लालच दिया और फिर उन्हें फर्जी निवेश योजनाओं में फंसा दिया। इन ठगों ने अपनी योजनाओं को इस तरह तैयार किया था कि लोग शुरुआत में थोड़े निवेश पर मुनाफा देख कर और अधिक निवेश करने के लिए प्रेरित होते थे।
सिकंदरा के शुभम तिवारी, आयुषी पांडे और शाहगंज की काजल कैम जैसे कई युवाओं ने इस साइबर धोखाधड़ी का शिकार होने के बाद शिकायत दर्ज कराई है। इन तीनों ने अलग-अलग फर्जी निवेश कंपनियों से संपर्क किया था, जो सोशल मीडिया पर गुमराह कर रहे थे। शुभम तिवारी को 'स्कॉट डन' नाम की टेलीग्राम ग्रुप से संपर्क किया गया, जहां उन्हें रोजाना कुछ घंटों का पार्ट टाइम काम करने का ऑफर दिया गया और अच्छे मुनाफे का वादा किया गया। पहले से ही दिखाए गए छोटे लाभ ने उन्हें विश्वास में लिया और इसके बाद वे निवेश करने के लिए मजबूर हो गए।
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शुभम तिवारी ने जब टेलीग्राम पर काम करना शुरू किया, तो उन्हें जल्दी ही मुनाफा दिखाया गया। उन्होंने 10,100 रुपये जमा किए, और फिर लाभ के रूप में कुछ रुपये उनके खाते में ट्रांसफर किए गए। यह देखकर उन्हें और निवेश करने के लिए ललचाया गया और उन्होंने कुल 16.05 लाख रुपये की राशि जमा कर दी। इसके बाद उन्हें गोल्ड पैकेज का लालच दिया गया, लेकिन मुनाफा निकालने की बजाय वे ठगी का शिकार हो गए। अंत में उन्होंने ऑनलाइन शिकायत दर्ज की और पुलिस से मदद ली।
सिकंदरा की आयुषी पांडे ने मार्च में स्टॉक्स के बारे में जानकारी ढूंढते हुए टेलीग्राम पर एक चैनल से संपर्क किया, जो 'हाई अर्निंग हब' के नाम से था। पहले उन्हें 10,000 रुपये का निवेश करने के लिए कहा गया, और फिर लाभ के रूप में अधिक निवेश की योजना बनाई गई। आयुषी ने कुल 7.35 लाख रुपये का निवेश किया, लेकिन जब उन्होंने अपने पैसे वापस निकालने की कोशिश की, तो कंपनी ने सर्विस टैक्स के नाम पर 3.35 लाख रुपये की मांग की। इसके बाद उन्होंने साइबर क्राइम पुलिस में शिकायत की, लेकिन उनके पैसे अब तक नहीं लौटे।
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शाहगंज की काजल कैम को फेसबुक पर एक विज्ञापन दिखा, जिसमें उन्हें पार्ट टाइम काम करने का मौका दिया गया था। काजल ने पहले 3000 रुपये जमा किए और इसके बाद मुनाफा मिलने का लालच देकर उनसे और पैसे जमा करवाए गए। शुरुआत में छोटी रकम की वापसी ने काजल को विश्वास दिलाया, लेकिन जब उन्होंने छह लाख रुपये का निवेश किया और फिर उससे भी ज्यादा, तो ठगी का शक होने लगा। कंपनी ने जब उन्हें 10 लाख रुपये और जमा करने को कहा, तब काजल ने साइबर थाने में शिकायत दर्ज कराई।
साइबर अपराधी पहले शिकार को लुभाने के लिए आकर्षक ऑफर्स और बड़े मुनाफे का वादा करते हैं। झांसे में आने के बाद, वे थोड़ी सी रकम को विश्वास जीतने के रूप में इस्तेमाल करते हैं। इसके बाद, जब शिकार व्यक्ति अपनी पूरी रकम निवेश कर चुका होता है, तो अपराधी डर का सहारा लेते हुए अधिक पैसे जमा करने के लिए दबाव डालते हैं। कभी सर्विस टैक्स, कभी अन्य खर्चे के नाम पर रकम ली जाती है।