

मैनचेस्टर टेस्ट भारत के लिए करो या मरो वाला है, लेकिन इस मुकाबले में टीम इंडिया का प्रदर्शन काफी खराब नजर आ रहा है। खासकर गेंदबाजों का। इस मुकाबले में जसप्रीत बुमारह की गेंदबाजी तेज और तीखी से धीमी और काफी गंभीर हो गई है। आंकड़े इसकी गवाही दे रहे हैं।
जसप्रीत बुमराह (सोर्स- एक्स)
New Delhi: इंग्लैंड दौरे पर जसप्रीत बुमराह से हर किसी को काफी उम्मीदें थी। उन्हें लेकर हर किसी को लग रहा था कि मैनचेस्टर टेस्ट में वह संकटमोचक बन सकते हैं। लेकिन उनका प्रदर्शन उम्मीद से बिलकुल विपरीत देखने मिला। जिसकी वजह से फैंस को काफी निराशा हुई है। इतना ही नहीं, टीम अब हार के कगार पर भी आ गई है। उनकी गेंदबाजी का हाल देखकर फैंस को लगने लगा है कि वह केवल औपचारिकता ही निभा रहे हैं।
दरअसल, एंडरसन-तेंदुलकर ट्रॉफी के शुरू होने से पहले ही पता था कि जसप्रीत बुमराह इस दौरे पर केवल तीन मुकाबले ही खेलने वाले हैं। संभावना थी कि वह पहले, तीसरे और पांचवें टेस्ट मैच में खेलेंगे। हालांकि, मैनचेस्टर टेस्ट में उनकी जरूरत को देखते हुए उन्हें प्लेइंग-11 में शामिल किया गया। लेकिन इस मुकाबले में जिस तरह से उन्होंने गेंदबाजी की है, उस देखकर ऐसा लग रहा है मानों वह केवल औपचारिकता निभा रहे हैं।
मैनचेस्टर टेस्ट में जसप्रीत बुमारह की गेंदबाजी तेज और तीखी से धीमी और काफी गंभीर हो गई है। यह हम नहीं, बल्कि उनके आंकड़े गवाही दे रहे हैं। इंग्लैंड के खिलाफ दूसरे मैच में उनकी गति कम हो गई। लंदन के लॉर्ड्स स्टेडियम में खेले गए तीसरे मैच में उन्होंने कुल 257 गेंदें फेंकी, जिनमें से सिर्फ 69 बार ही उनकी गेंद की गति 140 किलोमीटर प्रति घंटा या उससे ज्यादा रही।
वहीं, पहले मैच में बुमराह का 140 किमी प्रति घंटे की रफ्तार का प्रतिशत जो 40 के करीब था, वह घटकर 27 के करीब रह गया। इस मैच में उन्होंने पहली पारी में पांच और दूसरी पारी में 2 विकेट लिए, लेकिन उनके तीसरे मैच के आंकड़े अब तक बेहद निराशाजनक रहे हैं।
मैनचेस्टर के ओल्ड ट्रैफर्ड में खेले जा रहे सीरीज के चौथे मैच और जसप्रीत बुमराह के दौरे के तीसरे मैच के आंकड़े हैरान करने वाले हैं। जसप्रीत बुमराह ने तीसरे दिन का खेल खत्म होने तक कुल 173 गेंदें फेंकी हैं, जिनमें नो बॉल भी शामिल है, लेकिन आपको जानकर हैरानी होगी कि इस मैच में सिर्फ एक गेंद 140 किमी प्रति घंटे या उससे ज्यादा की रफ्तार से फेंकी गई है, जो कि आधे प्रतिशत के करीब है।
इस मुकाबले में भारत के हालात काफी खराब नजर आ रहे हैं। टीम की गेंदबाजी ने भारतीय टीम को पूरी तरह बैकफुट पर ढकेल दिया है। अब तक के मुकाबले को देखकर ऐसा लगने लगा है कि भारत इस मैच में पारी से भी हार सकता है।
अगर मैनचेस्टर टेस्ट में शुभमन गिल की कप्तानी में टीम इंडिया को हार का सामना करना पड़ता है तो ये भारत के लिए काफी निराशा की बात होगी, क्योंकि टीम इंडिया सीरीज ही गंवा बैठेगी। अब तक खेले गए तीन मुकाबलों में भारत ने पहले से ही दो मुकाबले हारे हैं, ऐसे में चौथा टेस्ट टीम के लिए करो या मरो वाला है। अगर सीरीज में जीत की उम्मीद जिंदा रखनी है तो टीम को ये मैच जीतना ही होगा।