

फीफा ने जून में विश्व कप क्वालीफायर मैचों के दौरान नस्लवादी और भेदभावपूर्ण व्यवहार के कारण छह फुटबॉल महासंघों अल्बानिया, अर्जेंटीना, चिली, कोलंबिया, सर्बिया और बोस्निया-हर्जेगोविना पर भारी जुर्माने लगाए हैं।
अर्जेंटीना टीम पर फाइन (Img: Internet)
Zurich: फीफा ने जून महीने में हुए विश्व कप क्वालीफायर मैचों के दौरान नस्लवादी और भेदभावपूर्ण व्यवहार के चलते छह राष्ट्रीय फुटबॉल महासंघों पर कड़ी कार्रवाई की है। इन महासंघों में विश्व चैंपियन अर्जेंटीना के अलावा अल्बानिया, चिली, कोलंबिया, सर्बिया और बोस्निया-हर्जेगोविना शामिल हैं। यह कदम फुटबॉल में नस्लवाद को खत्म करने के लिए फीफा की कड़ी नीति को दिखाता है।
FIFA ने अल्बानिया पर सबसे ज्यादा जुर्माना लगाया गया है, जिसे लगभग ₹1.75 करोड़ (लगभग $200,000) देना होगा। यह जुर्माना 7 जून को सर्बिया के खिलाफ घरेलू मैच के दौरान हुई नस्लवादी घटनाओं और राष्ट्रगान में बाधा डालने के लिए लगाया गया है। इसके साथ ही अल्बानिया को अपने अगले घरेलू मैचों में स्टेडियम की क्षमता 20% कम करने का आदेश भी मिला है। अल्बानिया ने तिराना में सर्बिया के साथ 0-0 का ड्रॉ मैच खेला था और अगला मैच 11 अक्टूबर को बेलग्रेड में होगा।
अर्जेंटीना को 10 जून को कोलंबिया के खिलाफ ब्यूनस आयर्स में खेले गए 1-1 के ड्रॉ मैच के दौरान उनके प्रशंसकों के भेदभावपूर्ण व्यवहार के कारण ₹1.3 करोड़ ($149,000) का जुर्माना लगाया गया है। साथ ही, मैच में खतरनाक टैकल लगाने वाले मिडफील्डर एंजो फर्नांडीज को दो मैचों के लिए निलंबित किया गया है और ₹5.4 लाख ($6,200) का जुर्माना भी लगाया गया है। अर्जेंटीना पहले ही अगले साल अमेरिका, कनाडा और मेक्सिको में होने वाले विश्व कप के लिए क्वालीफाई कर चुका है।
लियोनेल मेसी (Img-Internet)
चिली को 5 जून को अर्जेंटीना के खिलाफ 1-0 की हार के दौरान नस्लवादी व्यवहार के लिए 115,000 स्विस फ़्रैंक ($143,000) का जुर्माना भुगतना होगा। वहीं, कोलंबिया को 6 जून को पेरू के खिलाफ घरेलू मैच में प्रशंसकों के अनुचित व्यवहार के कारण 70,000 स्विस फ़्रैंक ($87,000) का जुर्माना मिला है।
सर्बिया को 10 जून को एंडोरा के खिलाफ मैच के दौरान हुई घटनाओं के लिए 50,000 स्विस फ़्रैंक ($62,000) का जुर्माना देना होगा। बोस्निया-हर्जेगोविना को सैन मैरिनो के खिलाफ क्वालीफायर मैच के बाद 21,000 स्विस फ़्रैंक ($26,000) का जुर्माना लगाया गया है।
फीफा ने इन सभी महासंघों को निर्देश दिया है कि वे भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए प्रभावी “रोकथाम योजनाएं” बनाएं और लागू करें। यह कदम फुटबॉल में नस्लवाद और भेदभाव को खत्म करने के लिए बहुत महत्वपूर्ण है।