BFI Elections: भारतीय मुक्केबाजी महासंघ कराएगा चुनाव, लंबे इंतजार के बाद अब होगा फैसला

भारतीय मुक्केबाजी महासंघ (बीएफआई) में महीनों से जारी प्रशासनिक अस्थिरता और आंतरिक संघर्ष गुरुवार को होने वाले बहुप्रतीक्षित चुनावों के साथ समाप्त होने की उम्मीद है। दो बार अध्यक्ष रह चुके अजय सिंह तीसरी बार पद हासिल करने की कोशिश में हैं, जबकि उनके सामने 1984 के ओलंपियन जसलाल प्रधान चुनौती पेश कर रहे हैं।

Post Published By: Mrinal Pathak
Updated : 21 August 2025, 10:24 AM IST
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New Delhi: भारतीय मुक्केबाजी महासंघ (बीएफआई) में लंबे समय से जारी अनिश्चितता और सत्ता संघर्षों का अंत गुरुवार को बहुप्रतीक्षित चुनावों के साथ होने जा रहा है। बीएफआई के दो बार अध्यक्ष रह चुके और स्पाइसजेट के प्रबंध निदेशक अजय सिंह लगातार तीसरी बार अध्यक्ष पद पर लौटने की कोशिश में हैं। उनका पिछला कार्यकाल 2 फरवरी को समाप्त हो गया था, लेकिन इसके बावजूद वे महासंघ के संचालन में एक केंद्रीय भूमिका निभाते रहे हैं।

अंतरिम समिति की भूमिका और विवाद

अजय सिंह हाल ही में तक विश्व मुक्केबाजी द्वारा नियुक्त अंतरिम समिति के अध्यक्ष भी थे, जो बीएफआई के दैनिक कामकाज को देख रही थी। इस समिति ने कई अहम फैसले लिए, जिनमें पुरुष और महिला टीमों के लिए नए कोचों की नियुक्ति, बीएफआई संविधान में बदलाव और चयन प्रक्रिया में सुधार शामिल हैं। राष्ट्रीय शिविर चयन के लिए भी एक संशोधित प्रणाली लागू की गई।

दिलचस्प रूप से, अजय सिंह की अगुवाई वाली इस समिति ने केरल के डी चंद्रलाल को महिला टीम का मुख्य कोच नियुक्त किया, जो मार्च में संभावित अध्यक्ष पद के दावेदारों में से एक थे। इसके अलावा, पूर्व महासचिव हेमंत कलिता का निलंबन भी इस महीने की शुरुआत में हटा दिया गया, जिससे वे भी चुनाव में भाग ले पाएंगे।

कानूनी चुनौतियां और समिति की वैधता पर सवाल

हालांकि, इस अंतरिम समिति की वैधता को लेकर कई सवाल उठे हैं। भारतीय ओलंपिक संघ (IOA) की 'तथ्य खोजी' समिति ने राष्ट्रीय खेल संहिता 2011 के उल्लंघन का हवाला देते हुए इसे बर्खास्त करने की सिफारिश की थी। साथ ही, कई राज्य इकाइयों ने संविधान में किए गए संशोधनों को अदालत में चुनौती दी है। दिल्ली हाई कोर्ट ने चुनावों को अनुमति दी है, लेकिन चुनाव परिणामों को कोर्ट के अंतिम निर्णय के अधीन रखा गया है।

अजय सिंह को चुनौती दे रहे हैं जसलाल प्रधान

अजय सिंह के एकमात्र प्रतिद्वंद्वी 1984 के ओलंपियन और सिक्किम राज्य इकाई के प्रमुख जसलाल प्रधान हैं। उन्हें हिमाचल प्रदेश, मध्य प्रदेश, गुजरात और दिल्ली की इकाइयों का समर्थन मिलने की संभावना है। यह गुट अजय सिंह पर महासंघ को निरंकुश ढंग से चलाने और कार्यकारी समिति से परामर्श किए बिना फैसले लेने का आरोप लगा चुका है, खासतौर पर विदेशी कोचों की नियुक्तियों को लेकर।

छह महीने की देरी के बाद अब चुनाव

बीएफआई के चुनाव पहले 28 मार्च को होने थे, लेकिन कानूनी याचिकाओं, अपीलों और आपसी संघर्षों के कारण इन्हें स्थगित कर दिया गया। अब, लगभग छह महीने बाद, आखिरकार चुनाव होने जा रहे हैं, जिससे उम्मीद है कि भारतीय मुक्केबाजी में एक नई स्थिरता और दिशा देखने को मिलेगी।

 

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