

टीम इंडिया के पूर्व स्पिनर रविचंद्रन अश्विन ने ओवल टेस्ट में भारत की रणनीति और कप्तानी पर सवाल उठाए हैं। अश्विन ने शुभमन गिल की कप्तानी को अनुभवहीन बताते हुए कहा कि टीम में मैच की स्थिति को समझने की क्षमता की कमी है।
अश्विन ने गिल-गंभीर पर दिया बयान (सोर्स- सोशल मीडिया)
New Delhi: इंग्लैंड के खिलाफ चल रही टेस्ट सीरीज के पांचवें और अंतिम टेस्ट में भारत की रणनीति को लेकर पूर्व ऑफ स्पिनर रविचंद्रन अश्विन ने कड़ी आलोचना की है। हाल ही में टेस्ट क्रिकेट से संन्यास लेने वाले अश्विन ने अपने यूट्यूब चैनल 'ऐश की बात' पर बात करते हुए कहा कि टीम की खेल जागरूकता यानी मैच की स्थिति को समझने की क्षमता बेहद कमजोर दिखी, जिससे इंग्लैंड को फायदा मिला।
अश्विन ने इंग्लैंड की चौथी पारी के दौरान जो रूट और हैरी ब्रूक की 195 रनों की साझेदारी का ज़िक्र करते हुए कहा कि यह वह समय था जब भारत को आक्रामक रणनीति अपनाकर इंग्लिश बल्लेबाजों पर दबाव बनाना चाहिए था। अश्विन के अनुसार, "जब ब्रूक ने तेजी से रन बनाने शुरू किए थे, तब टीम को एक छोर से वाशिंगटन सुंदर जैसे स्पिनर को गेंदबाजी पर लाना चाहिए था, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। सुंदर को लाने में देरी हुई, जिससे स्पिन गेंदबाजी सिर्फ एक रक्षात्मक विकल्प बन गई।"
अश्विन ने कप्तान शुभमन गिल की रणनीति पर भी सवाल उठाए। उन्होंने कहा, "गिल अभी युवा हैं और सीखने की प्रक्रिया में हैं, लेकिन यह बात समझनी ज़रूरी है कि यदि कोई कप्तान खुद को स्पिन खेलने में माहिर मानता है, तो उसे स्पिनरों के प्रभाव को भी समझना चाहिए। गेंदबाज़ी में स्पिन को देर से लाने की गलती भारत को भारी पड़ी है।"
अश्विन ने सीधे तौर पर नाम नहीं लिया, लेकिन उन्होंने इशारों में मुख्य कोच गौतम गंभीर पर भी तंज कसा। उन्होंने कहा, "हमें यह नहीं पता कि बाहर से पवेलियन में कोई संदेश आ रहा है या नहीं, लेकिन रणनीति की इस स्तर की ग़लतियाँ आज के क्रिकेट में नहीं होनी चाहिए।"
ओवल टेस्ट की चौथी पारी में भारत ने अब तक 76.2 ओवर गेंदबाजी की है, जिसमें से केवल 8 ओवर स्पिन गेंदबाजों (रवींद्र जडेजा और वाशिंगटन सुंदर) ने फेंके। सुंदर को पहली पारी में एक भी ओवर नहीं मिला, जबकि जडेजा को सिर्फ दो ओवर ही दिए गए।
इंग्लैंड को जीत के लिए अब सिर्फ़ 35 रन और चाहिए जबकि भारत को 4 विकेट लेने हैं। यदि भारत यह टेस्ट हारता है, तो यह उसकी लगातार तीसरी टेस्ट सीरीज़ हार होगी। अश्विन की टिप्पणी ऐसे समय आई है, जब भारतीय क्रिकेट की रणनीतिक समझ को लेकर गहरा सवाल खड़ा हो चुका है।