

सीएमएचओ एवं खाद्य विभाग की यह उदासीनता तो तब है, जब इस त्यौहारी सीजन में मिठाई में भी नकली और सब स्टैंडर्ड मावे का जमकर इस्तेमाल किया जाता है, क्योंकि त्यौहारी सीजन में मिठाई की मांग अचानक बढ़ जाती है और नकली मावे में मुनाफा भी ज्यादा होता है।
प्रतीकात्मक छवि
Bhilwara: एक ओर जहां त्यौहारी सीजन चालू हो गया है, वही दूसरी ओर सीएमएचओ एवं खाद्य विभाग लापरवाही बरतते हुए किसी भी प्रकार की कोई कार्यवाही नहीं कर रहा है और शहर भर में मिलावट खोरी बदस्तूर जारी है। शहर में ढाबो से लेकर बड़ी-बड़ी महंगी होटलों के रसोई घर में खाने के पदार्थो में मिलावट खोरी की जा रही है।
सीएमएचओ एवं खाद्य विभाग की यह उदासीनता तो तब है जब इस त्यौहारी सीजन में मिठाई में भी नकली और सब स्टैंडर्ड मावे का जमकर इस्तेमाल किया जाता है क्योंकि त्यौहारी सीजन में मिठाई की मांग अचानक बढ़ जाती है और नकली मावे में मुनाफा भी ज्यादा होता है लेकिन जिन कंधों पर यह नकली मावा पकड़ने और उसके इस्तेमाल को रोकने की जिम्मेदारी है वह तो चैन की नींद सो रहे है।
पिछले कुछ सालों के घटनाक्रम पर नजर डाले तो शहर में यह नकली मावा ट्रेवल्स बसों के माध्यम से चोरी छिपे लाया जाता है और फिर विभिन्न एजेंटों के माध्यम से शहर भर में विभिन्न होटलों, मिष्ठान भंडार और हलवाईयों के यहां सप्लाई किया जाता है। पिछले कुछ सालों के ट्रेंड को देखे तो मीडिया द्वारा मामला उछलने के बाद सीएमएचओ एवं खाद्य विभाग हरकत में आते है और फौरी तौर पर दिखाने के लिए ट्रेवल्स बसों के ऑफिस में छापा मारकर कुछ माल जब्त कर लेते है लेकिन यह कार्यवाही दिखाने के लिए होती है जबकि असल में जब्त माल से कई गुना माल सप्लाई के लिए आता है और यहां तक कि सप्लाई भी किया जाता है लेकिन विभाग आँखें मूंदकर बैठा रहता है।
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शहर भर में न जाने कितने खाने पीने के, चाट पकौड़ी और नाश्ते के ठेले खुले हुए है। इनमें अधिकतर ठेलों में न तो साफ–सफाई का ध्यान रखा जाता है, इनसे साफ सफाई की उम्मीद करना तो बेमानी होगी क्योंकि अधिकतर ठेले नाली व नालो के किनारे या मुख्य चौराहे पर खड़े रहते है जहां दिन भर वाहनों का आवागमन रहता है और भीलवाड़ा की सड़कों की दशानुसार धूल मिट्टी उड़ना तो स्वाभाविक है। इनमें से अधिकतर ठेलों पर सब–स्टैंडर्ड या मिलावटी खाद्य पदार्थ व मसाले इस्तेमाल किए जाते है लेकिन फिर भी विभाग किसी पर कार्यवाही नहीं करता है।
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आपको बता दे कि पिछले दिनों भीलवाड़ा शहर में बिरयानी VS पुलाव मामला सुर्खियों में आया था, शहर की सड़कों पर जमकर तमाशा किया गया था तो विभाग ने कुछ ठेलों से सैंपल व नमूने लिए लेकिन उन नमूनों का क्या परिणाम आया यह किसी को पता नहीं??