

बिहार में विधानसभा चुनाव का बिगुल जल्द ही बजने वाला है। इस बार मुकाबला एनडीए और महागठबंधन के बीच दिलचस्प रहने वाला है। इस रिपोर्ट में जानिए 1951 से अब तक के सभी चुनावों की पूरी कहानी, किसने कब और कैसे बनाई सरकार।
बिहार चुनावी इतिहास
Patna: बिहार में विधानसभा चुनावों की घोषणा जल्द होने वाली है। इस बार मुख्य टक्कर सत्तारूढ़ एनडीए और आरजेडी-कांग्रेस के नेतृत्व वाले महागठबंधन के बीच होगी। बिहार में पहला विधानसभा चुनाव 1951 में हुआ था और तब से लेकर 2020 तक कुल 17 चुनाव संपन्न हो चुके हैं। इस लेख में हम बिहार विधानसभा चुनावों के इतिहास, प्रमुख पार्टियों की जीत और राज्य में राष्ट्रपति शासन की घटनाओं पर एक नजर डालेंगे।
1951 में बिहार में पहला विधानसभा चुनाव हुआ था। तब से लेकर अब तक कुल 17 विधानसभा चुनाव संपन्न हुए हैं। इस दौरान बिहार के राजनीतिक परिदृश्य में कई बदलाव आए और कई दलों ने अपनी पहचान बनाई। इस लेख में हम प्रमुख चुनावों के नतीजों, पार्टियों की जीत और सरकार के गठन की प्रक्रिया पर विस्तार से चर्चा करेंगे।
बिहार चुनावी इतिहास
1957 और 1962 के चुनावों में भी कांग्रेस का वर्चस्व कायम रहा। 1957 में कांग्रेस ने 210 और 1962 में 185 सीटें जीतीं। इस दौर में बिनोदानंद झा और कृष्ण बल्लभ सहाय ने मुख्यमंत्री पद संभाला।
1967 के चुनावों में कांग्रेस पूर्ण बहुमत नहीं ला पाई। गठबंधन की राजनीति शुरू हुई। महामाया प्रसाद सिन्हा, कर्पूरी ठाकुर और भोला पासवान शास्त्री जैसे नेताओं ने अल्पकालिक सरकारें बनाईं।
1977 में इमरजेंसी के बाद जनता पार्टी ने बिहार में 214 सीटें जीतकर कांग्रेस को करारी हार दी। कर्पूरी ठाकुर मुख्यमंत्री बने और फिर रामसुंदर दास ने कमान संभाली।
1980 में कांग्रेस ने फिर से सत्ता में वापसी की और 169 सीटें जीतीं। जगन्नाथ मिश्र मुख्यमंत्री बने। 1985 में कांग्रेस ने 196 सीटें जीतकर लगातार दूसरी बार सरकार बनाई।
1990 में जनता दल ने 122 सीटें जीतकर सरकार बनाई। लालू प्रसाद यादव मुख्यमंत्री बने। 1995 में जनता दल को 167 सीटें मिलीं। इस समय समता पार्टी और बीजेपी उभरती ताकतें बनीं। 2000 में राबड़ी देवी फिर से सीएम बनीं, हालांकि पूर्ण बहुमत नहीं मिल पाया और कांग्रेस के समर्थन से सरकार बनी।
2005 में दो बार विधानसभा चुनाव हुए। फरवरी में किसी को बहुमत नहीं मिला और राष्ट्रपति शासन लगा। अक्टूबर-नवंबर में फिर से चुनाव हुए। जेडीयू-बीजेपी गठबंधन ने बहुमत हासिल किया और नीतीश कुमार मुख्यमंत्री बने।
2010 के चुनाव में नीतीश कुमार और बीजेपी की जोड़ी ने भारी जीत दर्ज की। जेडीयू ने 115 और बीजेपी ने 91 सीटें जीतीं। लालू की आरजेडी को सिर्फ 22 सीटें मिलीं।
2015 में जेडीयू ने आरजेडी और कांग्रेस के साथ मिलकर चुनाव लड़ा और 178 सीटें जीत लीं। लेकिन बाद में नीतीश ने बीजेपी से हाथ मिला लिया और महागठबंधन टूट गया।
2020 में एनडीए (बीजेपी+जेडीयू) और महागठबंधन (आरजेडी+कांग्रेस+वाम दल) के बीच मुकाबला हुआ। आरजेडी सबसे बड़ी पार्टी बनी (75 सीटें), लेकिन एनडीए ने सरकार बनाई। नीतीश कुमार ने मुख्यमंत्री पद की शपथ ली।
बिहार में अब तक कई बार राष्ट्रपति शासन लग चुका है, जिनमें सबसे चर्चित 2005 का समय रहा जब फरवरी में बहुमत न मिलने के कारण विधानसभा भंग कर दी गई थी।