यूपी का अजब किस्सा: पति का मृत्यु प्रमाण पत्र लेने गई महिला को थमाया ‘स्वयं की मौत’ का सर्टिफिकेट

उत्तर प्रदेश में एक हैरान करने वाला मामला सामने आया है। यहां एक महिला जब अपने पति की मौत का प्रमाण पत्र लेने पहुंची तो अफसरों ने उसे स्वयं उसकी ही मौत का प्रमाण पत्र थमा दिया। यह मामला सुर्खियों में बना हुआ है। यहां पढ़ें पूरा मामला

Post Published By: Tanya Chand
Updated : 17 November 2025, 1:36 PM IST
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Aligarh: यूपी के अलीगढ़ के खैर विकासखंड में एक असामान्य और परेशान करने वाला मामला सामने आया है, जहां सरोज देवी नामक महिला अपने मृत पति का मृत्यु प्रमाण पत्र बनवाने गई, लेकिन अधिकारियों की लापरवाही से उसका खुद का ही मृत्यु प्रमाण पत्र जारी कर दिया गया। यह घटना 2022 से जारी है और तीन साल गुजर जाने के बावजूद अब तक पूरी तरह सुधार नहीं हो पाया है।

सरोज देवी, चमन नगरिया गांव की निवासी, अपने पति जगदीश प्रसाद का प्रमाण पत्र बनवाने 2022 में खैर तहसील कार्यालय पहुंची। उनके पति की मृत्यु 19 फरवरी 2000 को हो चुकी थी। सरकारी दस्तावेजों के लिए प्रमाण पत्र बेहद जरूरी था, लेकिन अधिकारियों ने आवेदन में नामों की जांच किए बिना गलती कर दी।

महिला का जारी कर दिया गया मृत्यु प्रमाण पत्र

विकासखंड कार्यालय के सेक्रेटरी मधुप सक्सेना की लापरवाही के कारण सरोज देवी का ही मृत्यु प्रमाण पत्र जारी किया गया। यह प्रमाण पत्र 1 दिसंबर 2022 को जारी हुआ, जिसमें मृत्यु की तारीख 19 अक्टूबर 2022 दर्ज की गई। इस त्रुटि के कारण सरोज देवी को अपने आधार कार्ड अपडेट कराने, बैंक खाते संचालन और सरकारी योजनाओं का लाभ लेने में गंभीर समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है।

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सरोज देवी का बेटा भी इस गलती की वजह से कई सरकारी कामों में फंस गया है। बेटी-बेटे को अब तक कई बार सरकारी कार्यालयों का चक्कर काटना पड़ा है।

मृत्यु प्रमाण पत्र (सोर्स- गूगल)

SDM ने मामले की जांच कराई

सरोज देवी ने इस गलती की शिकायत खैर के उप-जिलाधिकारी (SDM) से की। SDM ने मामले की जांच कराई और आदेश दिया कि गलत मृत्यु प्रमाण पत्र तुरंत रद्द किया जाए। साथ ही विकासखंड अधिकारी को निर्देश दिए गए कि सही प्रक्रिया अपनाते हुए जगदीश प्रसाद के मृत्यु प्रमाण पत्र को जारी किया जाए।

हालांकि, तीन साल गुजर जाने के बावजूद स्थानीय स्तर पर प्रक्रिया में देरी बरती जा रही है। जिला मजिस्ट्रेट कार्यालय स्तर पर मामले की निगरानी की जा रही है, लेकिन स्थानीय कार्यालयों की धीमी कार्यप्रणाली की वजह से सरोज देवी अब भी कई बार सरकारी दफ्तरों के चक्कर काट रही हैं।

‘मैं जिंदा हूं, लेकिन कागजों पर मर चुकी हूं’

पीड़िता सरोज देवी ने कहा, “मैं अपने पति का प्रमाण पत्र बनवाने गई थी, लेकिन अधिकारियों ने बिना जांच के मेरा नाम लिख दिया। अब मैं जिंदा हूं, लेकिन कागजों पर मर चुकी हूं। आधार कार्ड और बैंक खाते बंद हैं। तीन साल से लगातार चक्कर लगा रही हूं, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हो रही।”

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उनके बेटे ने भी अफसरों से मदद की गुहार लगाई है, लेकिन जटिल प्रक्रिया और अधिकारियों की लापरवाही के कारण अभी तक राहत नहीं मिल पाई।

सरकारी प्रणाली में लापरवाही की गंभीरता

यह मामला केवल व्यक्तिगत परेशानी तक सीमित नहीं है। सरकारी रिकॉर्ड में त्रुटि न केवल नागरिकों की पहचान को प्रभावित करती है, बल्कि उनके आर्थिक और सामाजिक अधिकारों को भी बाधित करती है। विशेषज्ञ कहते हैं कि ऐसी लापरवाही डिजिटल इंडिया और ऑनलाइन सरकारी सेवाओं के भरोसे को कमजोर करती है।

Location : 
  • Aligarh

Published : 
  • 17 November 2025, 1:36 PM IST