

जनपद के पनियरा क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले केवलापुर खुर्द गांव के ग्रामीणों ने रविवार को रोहिन नदी की मरम्मत और कटान रोकने के लिए जालीदार ठोकर लगवाने की मांग को लेकर जमकर प्रदर्शन किया। सैकड़ों की संख्या में एकत्रित ग्रामीणों ने प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी करते हुए आरोप लगाया कि हर साल बाढ़ आने से पहले प्रशासन जागने का वादा करता है, लेकिन ज़मीनी स्तर पर कोई ठोस कार्यवाही नहीं होती।
ग्रामीणों ने किया प्रदर्शन
Maharajganj: जनपद के पनियरा क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले केवलापुर खुर्द गांव के ग्रामीणों ने रविवार को रोहिन नदी की मरम्मत और कटान रोकने के लिए जालीदार ठोकर लगवाने की मांग को लेकर जमकर प्रदर्शन किया। सैकड़ों की संख्या में एकत्रित ग्रामीणों ने प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी करते हुए आरोप लगाया कि हर साल बाढ़ आने से पहले प्रशासन जागने का वादा करता है, लेकिन ज़मीनी स्तर पर कोई ठोस कार्यवाही नहीं होती।
डाइनामाइट न्यूज संवाददाता के अनुसार ग्रामीणों ने बताया कि नेपाल की पहाड़ियों से निकलने वाली रोहिन नदी हर साल बारिश के समय रौद्र रूप धारण कर लेती है, जिससे दर्जनों गांवों में तबाही मच जाती है। हर साल की तरह इस बार भी बरसात का मौसम आते ही लोगों की रातों की नींद उड़ चुकी है। गांव के किनारे से बहने वाली रोहिन नदी का तटबंध काफी जर्जर हो चुका है और किसी भी समय टूट सकता है।
“हम साल के आठ महीने चैन से जीते हैं, लेकिन जैसे ही बारिश का मौसम आता है, हम फिर डर के साये में जीने को मजबूर हो जाते हैं,” यह कहना है प्रदर्शन में शामिल ग्रामीण गणेश चौहान का। ग्रामीणों ने बताया कि उन्होंने कई बार जिला प्रशासन के अधिकारियों को ज्ञापन दिया, लेकिन हर बार आश्वासन देकर टाल दिया गया। अब हालत यह हो गई है कि ग्रामीण सुरक्षित स्थानों की तलाश में लग गए हैं। यदि समय रहते बंधे की मरम्मत नहीं कराई गई, तो जिनवापुर, केवलापुर खुर्द, भरवलिया, जंगल टिकरिया जैसे गांवों में बड़ी तबाही हो सकती है। इस मौके पर अंगद चौहान, हरीश आर्य, धर्मेंद्र सिंह, अरविंद सिंह, जगरनाथ सिंह, फूलचंद, बलिराम, सुशील, अमरावती, प्रेमशीला, सुमित्रा, चंपा, गीता, लीलावती सहित सैकड़ों लोग मौजूद रहे।
रोहिन नदी की धारा लील चुकी है कई बीघा उपजाऊ खेत
ग्रामीणों ने बताया कि नदी का कटाव हर साल तेज होता जा रहा है। इस वर्ष भी रामनारायण, समुद्र सिंह, गोपी, पारस चौहान, केदार सिंह, गंगा सिंह, मुन्नीलाल, ओमप्रकाश जैसे किसानों की करीब 5 एकड़ उपजाऊ खेती नदी में विलीन हो चुकी है। ग्रामीणों ने चेताया कि अब कटाव गांव के काफी करीब पहुंच चुका है और यदि त्वरित कदम नहीं उठाए गए, तो गांव बाढ़ की चपेट में आ सकता है।
ग्रामीणों की प्रमुख मांगें
1. रोहिन नदी के जर्जर तटबंध की तत्काल मरम्मत कराई जाए।
2. नदी किनारे ठोकर और जालीदार सुरक्षा व्यवस्था की जाए।
3. बाढ़ पूर्व स्थायी समाधान के लिए ठोस योजना बने।
4. प्रभावित किसानों को मुआवजा व पुर्नवास की सुविधा दी जाए।