

टाटा मोटर्स ने कॉमर्शियल वाहन व्यवसाय के डिमर्जर का ऐलान किया है, रिकॉर्ड डेट अक्टूबर के मध्य में आएगी। शेयरधारकों को हर टाटा मोटर्स शेयर पर नई कमर्शियल वाहन कंपनी का एक शेयर मिलेगा।
कॉमर्शियल वाहन व्यवसाय के डिमर्जर का ऐलान
New Delhi: देश की प्रमुख वाहन निर्माता कंपनी टाटा मोटर्स लिमिटेड ने अपने वाणिज्यिक वाहन (Commercial Vehicle) व्यवसाय के डिमर्जर (विभाजन) का ऐलान कर दिया है। कंपनी ने अपने एनालिस्ट मीट में यह जानकारी दी कि डिमर्जर की रिकॉर्ड डेट अक्टूबर के मध्य में निर्धारित की जाएगी, जबकि नई कॉमर्शियल वाहन इकाई की लिस्टिंग नवंबर माह में स्टॉक एक्सचेंज पर होने की संभावना है। इस कदम से कंपनी के दोनों प्रमुख व्यवसायों- पैसेंजर व्हीकल्स और कॉमर्शियल व्हीकल्स को स्वतंत्र रूप से विकसित होने का मौका मिलेगा।
टाटा मोटर्स के डिमर्जर के तहत, कंपनी के वर्तमान शेयरधारकों को हर एक टाटा मोटर्स के शेयर के बदले नई कॉमर्शियल वाहन कंपनी के एक शेयर दिए जाएंगे। यानी यह अनुपात 1:1 का होगा। इससे शेयर होल्डर्स को कंपनी के दोनों व्यवसायों में हिस्सेदारी का फायदा मिलेगा। कंपनी अभी रिकॉर्ड डेट की आधिकारिक घोषणा नहीं कर पाई है क्योंकि उसे रजिस्ट्रार ऑफ कंपनी (ROC) से कुछ स्वीकृतियां मिलनी बाकी हैं।
डिमर्जर के बाद मौजूदा टाटा मोटर्स कंपनी का नाम बदलकर टाटा मोटर्स पैसेंजर व्हीकल्स लिमिटेड (TMPVL) कर दिया जाएगा। इस कंपनी के अंतर्गत अब केवल पैसेंजर व्हीकल व्यवसाय रहेगा। दूसरी ओर, कॉमर्शियल वाहन व्यवसाय के लिए एक नई इकाई बनाई जाएगी जिसका नाम होगा TML कमर्शियल व्हीकल्स लिमिटेड (TMLCV)। यह नई कंपनी लिस्टिंग के बाद टाटा मोटर्स लिमिटेड के नाम से जानी जाएगी।
टाटा मोटर्स का डिमर्जर
कंपनी ने अपने दो मुख्य व्यवसायों के लिए नेतृत्व में बदलाव भी किया है। कॉमर्शियल वाहन इकाई के लिए गिरीश वाघ को प्रबंध निदेशक (MD) और मुख्य कार्यकारी अधिकारी (CEO) नियुक्त किया गया है। वहीं, पैसेंजर व्हीकल इकाई के लिए शैलेश चंद्रा को प्रबंध निदेशक और CEO बनाया गया है। यह कदम दोनों व्यवसायों को स्वतंत्र रूप से प्रबंधित करने और उनकी विकास रणनीति पर फोकस करने की दिशा में लिया गया है।
टाटा मोटर्स के डिमर्जर का उद्देश्य दोनों व्यवसायों को अलग-अलग स्वतंत्र संरचना प्रदान करना है ताकि वे अपने-अपने बाजार के अवसरों और जरूरतों के अनुसार अधिक प्रभावी ढंग से कार्य कर सकें। स्वतंत्र इकाई होने से प्रत्येक व्यवसाय अपनी रणनीति, पूंजी आवंटन और प्रबंधन निर्णय खुद ले सकेगा, जिससे विकास दर तेज होगी और शेयरधारकों के लिए बेहतर मूल्य सृजन होगा।
विश्लेषकों का मानना है कि इस डिमर्जर से टाटा मोटर्स को अपने व्यवसायों की स्पष्ट पहचान मिलेगी और बाजार में दोनों की वैल्यूएशन बेहतर होगी। इससे निवेशकों का विश्वास बढ़ने की उम्मीद जताई जा रही है।
Stock Market: सात दिनों की गिरावट के बाद बाजार में जोरदार तेजी, जानिए सेंसेक्स और निफ्टी का हाल
ब्रोकरेज फर्म जेफरीज ने टाटा मोटर्स पर अपनी 'अंडरपरफॉर्म' रेटिंग जारी रखी है। जेफरीज के अनुसार, भारत में पैसेंजर व्हीकल की मांग ठीक है, लेकिन कंपनी के ब्रिटिश ब्रांड जगुआर लैंड रोवर (JLR) के सामने कई चुनौतियां हैं। पैसेंजर व्हीकल व्यवसाय के मार्जिन में सुधार को लेकर भी फर्म आश्वस्त नहीं है।
जेफरीज ने कहा, 'डिमर्जर से कुछ राहत मिलेगी, लेकिन JLR की स्थिति अभी अनिश्चित है, और उसके कारण कुल कारोबार की स्थिरता पर असर पड़ सकता है।'
जगुआर लैंड रोवर (JLR) को हाल ही में एक साइबर हमले का सामना करना पड़ा था, जिसके कारण उसकी उत्पादन प्रक्रिया कुछ समय के लिए ठप हो गई थी। कंपनी ने घोषणा की है कि उत्पादन फिर से शुरू किया जाएगा, लेकिन इसके लिए कोई निश्चित समय सीमा अभी जारी नहीं की गई है। यूरोप, चीन, और अमेरिका जैसे बड़े बाजारों में JLR की मांग अभी भी चुनौतीपूर्ण बनी हुई है। ये कारक टाटा मोटर्स के लिए जोखिम बने हुए हैं।
शेयरधारकों के लिए यह डिमर्जर एक महत्वपूर्ण अवसर है क्योंकि वे दोनों व्यवसायों के शेयर अपने पास रख सकेंगे और स्वतंत्र इकाइयों के विकास का लाभ उठा सकेंगे। हालांकि, निवेशकों को JLR की स्थिति पर नजर बनाए रखनी होगी, क्योंकि यह टाटा मोटर्स के लिए सबसे बड़ा जोखिम क्षेत्र है।
Stock Market: लगातार गिर रहा शेयर बाजार, सेंसेक्स 400 अंक फिसला, जानिए गिरावट की बड़ी वजहें
1. रिकॉर्ड डेट: अक्टूबर के मध्य (अधिकारिक घोषणा बाकी)
2. डिमर्जर अनुपात: 1:1 (हर एक टाटा मोटर्स शेयर के बदले 1 कॉमर्शियल वाहन शेयर)
3. नई कंपनियों के नाम: टाटा मोटर्स पैसेंजर व्हीकल्स लिमिटेड (TMPVL), TML कमर्शियल व्हीकल्स लिमिटेड (TMLCV)
4. नेतृत्व: गिरीश वाघ (कॉमर्शियल वाहन), शैलेश चंद्रा (पैसेंजर व्हीकल्स)
5. उद्देश्य: स्वतंत्र व्यवसाय संचालन और बेहतर वैल्यूएशन
टाटा मोटर्स का यह डिमर्जर कंपनी के लिए एक बड़ा मोड़ साबित हो सकता है। इससे न केवल कंपनी की दोनों शाखाओं को अपनी ताकत के अनुसार काम करने का मौका मिलेगा, बल्कि निवेशकों को भी उनके निवेश पर बेहतर रिटर्न की उम्मीद हो सकती है। हालांकि, JLR से जुड़े जोखिमों पर भी नजर बनाए रखना आवश्यक होगा। आगामी महीनों में डिमर्जर की प्रक्रिया पूरी होने के साथ ही कंपनी की नई रणनीति और प्रदर्शन का व्यापक विश्लेषण सामने आएगा।