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बाजार में गिरावट मुख्य रूप से वित्तीय शेयरों के कारण आई, लेकिन ब्लू-चिप और मिड-कैप स्टॉक्स ने कुछ हद तक संतुलन बनाए रखा। निवेशक मौजूदा तिमाही की आय रिपोर्ट और व्यापार समझौतों की जानकारी का इंतजार कर रहे हैं।
HDFC बैंक के दबाव में शेयर बाजार हुआ धड़ाम (फोटो सोर्स-इंटरनेट)
New Delhi: भारत का शेयर बाजार मंगलवार को शुरुआती कारोबार में हल्की गिरावट के साथ खुला। निवेशकों ने प्रॉफिट-बुकिंग की शुरुआत की, जिससे निफ्टी और सेंसेक्स दोनों में मामूली कमी देखी गई। वित्तीय क्षेत्र के शेयरों में दबाव मुख्य कारण रहे, जबकि मिड-कैप स्टॉक्स में हल्की बढ़त ने ब्रॉड मार्केट को संतुलित किया।
9:31 बजे (IST) तक निफ्टी 0.24% गिरकर 26,114.4 पर और सेंसेक्स 0.26% गिरकर 85,411.54 पर आ गया। इसके बावजूद ब्लू-चिप इंडेक्स रिकॉर्ड ऊंचाइयों के करीब बने रहे। कुल 16 में से 11 प्रमुख सेक्टरों ने शुरुआती कारोबार में बढ़त दर्ज की। ब्रॉड मार्केट में स्मॉल-कैप 0.3% गिरे, जबकि मिड-कैप 0.2% बढ़े।
विशेषज्ञों का कहना है कि मार्केट में यह गिरावट मुख्य रूप से वित्तीय शेयरों में मुनाफावसूली के कारण हुई। इस सेक्टर में सबसे बड़ा असर टॉप निजी ऋणदाता HDFC बैंक के शेयर पर पड़ा, जो 1.3% टूट गया। वित्तीय सेक्टर पिछले चार हफ्तों में लगभग 2.8% बढ़ चुका था, इसलिए निवेशकों ने लाभ सुरक्षित करने की रणनीति अपनाई।
सोमवार को निफ्टी और सेंसेक्स ने क्रमशः 26,325.80 और 86,159.02 के रिकॉर्ड स्तर छुए थे। यह 14 महीने में सबसे ऊंची रैली थी। लेकिन निवेशकों ने बढ़त को देखने के बाद अपने मुनाफे को सुरक्षित करना शुरू कर दिया।
विश्लेषकों का कहना है कि बाज़ार में ठहराव का कारण अमेरिका-भारत व्यापार समझौते और मौजूदा तिमाही की आय उम्मीदों का इंतजार है। निवेशक इस बात का अनुमान लगा रहे हैं कि इन संकेतों से मौजूदा रैली को आगे बढ़ाया जा सकेगा या नहीं।
प्रतीकात्मक छवि (फोटो सोर्स-इंटरनेट)
HDFC बैंक की गिरावट के साथ ही आईसीआईसीआई बैंक और बजाज फिनसर्व के शेयर भी लाल निशान पर कारोबार करने लगे। अडानी पोर्ट्स के शेयर में भी शुरुआती कारोबार में दबाव देखा गया।
विशेषज्ञों के अनुसार, वित्तीय क्षेत्र में यह दबाव अस्थायी हो सकता है, क्योंकि बैंकिंग और वित्तीय शेयर पिछले सप्ताह लगातार बढ़त में रहे हैं। मुनाफावसूली सामान्य प्रक्रिया है और निवेशकों को इसका डर नहीं होना चाहिए।
शुरुआती कारोबार में सेंसेक्स के बेहतर प्रदर्शन करने वाले शेयरों में एशियन पेंट्स, एनटीपीसी, भारती एयरटेल और मारुति शामिल रहे। इन शेयरों ने बाजार में स्थिरता बनाए रखने में मदद की।
विशेषज्ञों का मानना है कि बाजार में यह मिश्रित रुझान संकेत देता है कि निवेशक अभी भी सक्रिय हैं लेकिन सतर्क भी हैं। उच्चतम स्तरों के पास बाजार में तेजी बनाए रखने के लिए सकारात्मक आर्थिक संकेतों और आय रिपोर्टों का इंतजार जरूरी है।
मिड-कैप और स्मॉल-कैप इंडेक्स ने शुरुआती कारोबार में मिश्रित रुझान दिखाया। मिड-कैप 0.2% बढ़ा, जबकि स्मॉल-कैप 0.3% गिरा। इसका मतलब है कि निवेशकों ने बड़े ब्लू-चिप शेयरों में मुनाफा बुक किया, लेकिन मिड-कैप में अभी भी अवसर देख रहे हैं।
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विश्लेषकों का मानना है कि आने वाले हफ्तों में बाजार की दिशा मुख्य रूप से वित्तीय सेक्टर के प्रदर्शन, अमेरिका-भारत व्यापार सौदे की प्रगति और बड़ी कंपनियों की आय रिपोर्ट पर निर्भर करेगी।