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स्विगी ने जुलाई-सितंबर तिमाही में 1,092 करोड़ रुपये का घाटा दर्ज किया, लेकिन निवेशकों का उत्साह अभी भी बना हुआ है। जानिए इसके पीछे मुख्य कारण क्या है और विशेषज्ञों का क्या कहना है? क्या दीर्घकालिक ग्रोथ संभावनाएं निवेशकों को आकर्षित कर रही हैं?
स्विगी शेयरों में तेजी
New Delhi: ऑनलाइन फूड डिलीवरी और क्विक कॉमर्स प्लेटफॉर्म स्विगी (Swiggy) ने हाल ही में जुलाई से सितंबर की तिमाही का वित्तीय परिणाम जारी किया। इस दौरान कंपनी को 1,092 करोड़ रुपये का घाटा हुआ है, जबकि पिछले साल की समान तिमाही में यह घाटा 626 करोड़ रुपये था। जून तिमाही में कंपनी का घाटा 1,197 करोड़ रुपये दर्ज किया गया था। हालांकि, निवेशकों के लिए यह कोई चिंता का विषय नहीं बन पाया और स्विगी के शेयर में आज 2.5 से 4 प्रतिशत तक की तेजी देखने को मिली।
स्विगी ने कारोबारी साल 2026 की दूसरी तिमाही में कंसोलिडेटेड रेवेन्यू में जबरदस्त वृद्धि दर्ज की। पिछले साल की समान तिमाही में रेवेन्यू 3,601 करोड़ रुपये था, जो अब 5,561 करोड़ रुपये पर पहुंच गया है। इस प्रकार, सालाना आधार पर कंपनी का रेवेन्यू 54.4 प्रतिशत बढ़ा है। वहीं, जून तिमाही के रेवेन्यू 4,961 करोड़ रुपये से अबकी बार 12.1 प्रतिशत का इजाफा हुआ है।
हालांकि, घाटा बढ़ने के बावजूद निवेशकों की भरोसा कम नहीं हुआ। बीते दिन स्विगी के शेयर बीएसई पर 418.10 रुपये प्रति शेयर पर बंद हुए थे, जो पिछले बंद भाव से 0.20 प्रतिशत कम थे। लेकिन आज कारोबार के दौरान शेयर 434 रुपये तक उछल गए, यानी 2.5 प्रतिशत से अधिक की तेजी दिखी।
विशेषज्ञों के अनुसार, स्विगी के शेयरों में निवेशक उत्साह दो प्रमुख कारणों से है। पहला, प्रमुख ब्रोकरेज फर्मों का कंपनी पर भरोसा और दूसरी वजह क्वॉलिफाइड इंस्टीट्यूशनल प्लेसमेंट (QIP) के जरिए कंपनी द्वारा 10,000 करोड़ रुपये जुटाने की योजना है। इस पर 7 नवंबर को कंपनी की बोर्ड मीटिंग में अंतिम फैसला लिया जाएगा।
प्रतीकात्मक छवि (फोटो सोर्स-इंटरनेट)
विश्लेषक मानते हैं कि QIP के जरिए पूंजी जुटाने की योजना से कंपनी को न केवल अपने परिचालन को विस्तार देने का अवसर मिलेगा बल्कि निवेशकों को भी शेयर में निवेश करने का भरोसा मिलेगा। निवेशक इस योजना को देखकर मान रहे हैं कि भविष्य में कंपनी की ग्रोथ संभावनाएं मजबूत हैं।
स्विगी के घाटे में वृद्धि का मुख्य कारण इसके बढ़ते ऑपरेशनल खर्च हैं। कंपनी ने नए शहरों में विस्तार किया है और डिलीवरी नेटवर्क मजबूत करने के लिए निवेश बढ़ाया है। इसके साथ ही मार्केटिंग और लॉजिस्टिक्स पर खर्च भी पिछले साल की तुलना में काफी बढ़ गया है। विशेषज्ञों का कहना है कि यह बढ़ी हुई लागत फिलहाल कंपनी के घाटे को बढ़ा रही है, लेकिन दीर्घकालिक दृष्टि से यह निवेश कंपनी की वृद्धि को मजबूती देगा।
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निवेशक अब यह देख रहे हैं कि कंपनी QIP के जरिए जुटाई गई राशि का किस प्रकार उपयोग करती है। यदि यह राशि सही तरीके से नए शहरों में विस्तार और तकनीकी सुधार में खर्च की जाती है, तो स्विगी के रेवेन्यू और मुनाफे में भविष्य में वृद्धि की संभावना बनी रहेगी।
विश्लेषक निवेशकों को सलाह दे रहे हैं कि वे स्विगी के वित्तीय नतीजों के साथ-साथ कंपनी की विकास योजना पर भी ध्यान दें। विशेषकर बोर्ड मीटिंग में QIP से जुड़ा निर्णय शेयरों के भाव पर बड़ा असर डाल सकता है।