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                        पिछले हफ्ते बाजार ने निवेशकों को झटका भी दिया और उम्मीद भी। एक्सपर्ट्स कहते हैं- डरें नहीं, समझदारी से करें रणनीतिक निवेश। जानिए गिरावट-तेजी के इस खेल में कैसे बचाएं पैसा? मार्केट के उतार-चढ़ाव से सीखें निवेश का फॉर्मूला
 
                                            तीन दिन गिरा, दो दिन उछला बाजार
New Delhi: पिछले एक हफ्ते में भारतीय शेयर बाजार ने निवेशकों की धड़कनें तेज कर दीं। 24 अक्टूबर से 31 अक्टूबर तक का यह हफ्ता लगातार उतार-चढ़ाव से भरा रहा- कभी सेंसेक्स ने छलांग लगाई तो कभी निवेशकों की कमाई लुढ़क गई। आंकड़ों के मुताबिक, इस अवधि में तीन दिन बाजार लाल निशान में बंद हुआ जबकि दो दिन बढ़त दर्ज की गई। कुल मिलाकर यह हफ्ता "सुधार और मुनाफावसूली" वाला रहा, जहां निवेशक तेजी और गिरावट दोनों के बीच फंसे नजर आए।
24 अक्टूबर: बाजार में बिकवाली का दबाव, सेंसेक्स और निफ्टी दोनों लाल निशान में बंद हुए।
25 अक्टूबर: हल्की गिरावट जारी रही, विदेशी निवेशकों की सेलिंग का असर दिखा।
27 अक्टूबर: बाजार ने वापसी की, आईटी और बैंकिंग शेयरों में तेजी।
29 अक्टूबर: मेटल और एफएमसीजी शेयरों की खरीदारी से तेजी बनी रही।
30 अक्टूबर: मुनाफावसूली के चलते बाजार फिसला।
31 अक्टूबर: लगातार दूसरे दिन गिरावट, सेंसेक्स 466 अंक लुढ़ककर 83,938.71 पर बंद हुआ।
इस तरह, एक हफ्ते में बाजार तीन दिन टूटा और दो दिन संभला। कुल मिलाकर सेंसेक्स ने इस हफ्ते में लगभग 0.9% की गिरावट दर्ज की, जबकि निफ्टी करीब 1.1% फिसला।
विदेशी निवेशकों (FII) की बिकवाली
विदेशी पोर्टफोलियो निवेशक लगातार बाजार से धन निकाल रहे हैं। केवल गुरुवार को ही उन्होंने 3,000 करोड़ रुपये से ज्यादा की बिकवाली की।
फेडरल रिजर्व की नीतियों को लेकर अनिश्चितता
अमेरिकी फेडरल रिजर्व द्वारा ब्याज दरों को ऊंचा बनाए रखने के संकेत से वैश्विक बाजारों पर दबाव बढ़ा।
कंपनियों के मिलेजुले तिमाही नतीजे
कुछ कंपनियों के परिणाम उम्मीद से कमजोर रहे, जिससे सेंटीमेंट पर असर पड़ा।
तेल की कीमतों में उतार-चढ़ाव
ब्रेंट क्रूड 65 डॉलर प्रति बैरल से नीचे आया, जिससे ऊर्जा सेक्टर में अस्थिरता देखी गई।
जियोपॉलिटिकल चिंता
चीन-अमेरिका व्यापार वार्ता और मिडल ईस्ट में तनाव ने निवेशकों को सतर्क बनाए रखा।
 
प्रतीकात्मक छवि (फोटो सोर्स-इंटरनेट)
गिरावट के समय किन बातों का ध्यान रखें?
तेजी के समय किन बातों का ध्यान रखें?
मार्केट विश्लेषकों के अनुसार, आने वाले हफ्ते में बाजार साइडवेज या सीमित दायरे में रहने की संभावना है। Nifty के लिए 25,600-25,900 और Sensex के लिए 83,500-84,500 का रेंज अहम रहेगा।
टेक्निकल चार्ट्स बताते हैं कि 25,700 का स्तर एक प्रमुख सपोर्ट जोन है। अगर यह स्तर टूटता है, तो बाजार में और गिरावट संभव है। एक्सपर्ट्स का मानना है कि निवेशकों को इस समय defensive sectors जैसे FMCG, Pharma और IT में बने रहना चाहिए, जबकि बैंकिंग और मेटल में सावधानी रखनी चाहिए। हालांकि 31 अक्टूबर तक का पूरा हफ्ता शेयर बाजार के लिए "टेस्टिंग टाइम" रहा।
डिस्क्लेमर: यहां मुहैया जानकारी सिर्फ़ सूचना हेतु दी जा रही है, यहां बताना जरूरी है कि मार्केट में निवेश बाजार जोखिमों के अधीन है। निवेशक के तौर पर पैसा लगाने से पहले हमेशा एक्सपर्ट से सलाह लें।
