

हिंदू धर्मशास्त्रों के अनुसार जब हम पूजा शुरू करते हैं और घंटी बजाते हैं तो यह देवी-देवताओं को आमंत्रण देने का प्रतीक होता है। मान्यता है कि जैसे ही घंटी की ध्वनि गूंजती है, ईश्वरीय चेतना सक्रिय होती है और पूजा का वातावरण आध्यात्मिक ऊर्जा से भर जाता है।
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New Delhi: भारतीय धार्मिक परंपराओं में घंटी बजाना केवल एक रस्म भर नहीं, बल्कि धार्मिक आस्था, आध्यात्मिक ऊर्जा और वैज्ञानिक प्रभावों से जुड़ा एक गहन सांस्कृतिक अभ्यास है। चाहे आप मंदिर जाएं या घर में पूजा करें, घंटी की गूंज एक खास महत्व रखती है- न सिर्फ धार्मिक दृष्टिकोण से, बल्कि मानसिक और वातावरणीय शुद्धता की दृष्टि से भी।
देवी-देवताओं को जागृत करने का माध्यम
हिंदू धर्मशास्त्रों के अनुसार जब हम पूजा शुरू करते हैं और घंटी बजाते हैं तो यह देवी-देवताओं को आमंत्रण देने का प्रतीक होता है। मान्यता है कि जैसे ही घंटी की ध्वनि गूंजती है, ईश्वरीय चेतना सक्रिय होती है और पूजा का वातावरण आध्यात्मिक ऊर्जा से भर जाता है।
"घंटा नादमयं ध्यायेत्"
स्कंद पुराण में कहा गया है कि घंटी से निकली ध्वनि ‘ॐ’ की तरह होती है। यह ध्वनि सृष्टि की उत्पत्ति के समय के नाद (प्राइमल साउंड) का प्रतिनिधित्व करती है। यही कारण है कि घंटी को बजाना ‘ॐ’ के जप के समान पुण्यदायक माना जाता है।
नकारात्मक ऊर्जा को दूर भगाने का माध्यम
घंटी की ध्वनि सिर्फ आध्यात्मिक नहीं, बल्कि ऊर्जा विज्ञान और कंपन (vibration) से भी जुड़ी हुई है। जब घंटी बजती है, तो इसकी ध्वनि वातावरण में उच्च आवृत्ति (high frequency) उत्पन्न करती है। यह कंपन वातावरण में मौजूद नकारात्मक ऊर्जा को नष्ट करती है घर या मंदिर को ऊर्जावान और पवित्र बनाती है। मानसिक तनाव और बेचैनी को दूर करने में मदद करती है। इसलिए कई विशेषज्ञों का मानना है कि घंटी की ध्वनि साउंड थैरेपी की तरह भी काम करती है। यही कारण है कि आजकल कई साउंड हीलिंग थेरेपी में भी घंटियों का प्रयोग किया जाता है।
एकाग्रता और ध्यान केंद्रित करने में सहायक
पूजा के दौरान जब घंटी बजाई जाती है तो यह मस्तिष्क को एक विशेष आवृत्ति की ओर आकर्षित करती है। जिससे मन शांत होता है, ध्यान केंद्रित होता है, एकाग्रता बढ़ती है और बाहरी विकर्षणों से मुक्ति मिलती है। घंटी की आवाज मन को धार्मिक अनुष्ठान में लयबद्ध करती है। जिससे श्रद्धा और भक्ति का भाव जागृत होता है।
मंदिर में घंटी क्यों बजाते हैं?
मंदिर में प्रवेश करते समय घंटी बजाना एक शुभ शुरुआत मानी जाती है। यह न केवल भगवान को आपकी उपस्थिति का संकेत देता है, बल्कि यह भी दर्शाता है कि आप अब सांसारिक विचारों को छोड़कर आध्यात्मिक साधना में प्रवेश कर रहे हैं।