

संसद के मानसून सत्र के दसवें दिन विपक्ष ने दो बड़े मुद्दों—अमेरिका द्वारा भारत पर लगाए गए टैरिफ और बिहार में वोटर लिस्ट से जुड़े SIR (स्पेशल इन्टेंसिव रिवीजन) को लेकर जमकर विरोध किया। कांग्रेस और अन्य विपक्षी दलों ने इसे लोकतंत्र पर सीधा हमला बताया और सरकार से जवाब मांगा।
कांग्रेस का जबरदस्त प्रदर्शन
New Delhi: संसद का मानसून सत्र इस बार खासा हंगामेदार रहा है। 10वें दिन की कार्यवाही में दो बड़े मुद्दों ने जोर पकड़ लिया। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा भारत के निर्यात पर 25% टैरिफ लगाने का फैसला और बिहार में मतदाता सूची को लेकर जारी SIR प्रक्रिया। विपक्ष ने दोनों मुद्दों को लोकतंत्र और आम नागरिकों के अधिकारों पर हमला करार देते हुए संसद के अंदर और बाहर सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया।
विपक्ष ने मोदी सरकार को घेरा
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने घोषणा की है कि भारत से होने वाले कुछ प्रमुख निर्यात उत्पादों पर 25% आयात शुल्क (टैरिफ) लगाया जाएगा। इस फैसले ने भारत के व्यापारिक हितों को झटका दिया है और अंतरराष्ट्रीय व्यापार संबंधों पर भी असर डालने की आशंका है। इस मुद्दे को लेकर संसद में कांग्रेस और अन्य विपक्षी दलों ने तीखा विरोध जताया। कांग्रेस सांसद प्रियंका गांधी ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी हर जगह घूमते हैं, दोस्त बनाते हैं, लेकिन बदले में देश को सिर्फ झटका ही मिलता है। क्या यही विदेश नीति है?
बिहार में वोटर वेरिफिकेशन पर बवाल
सत्र के दौरान विपक्ष ने बिहार में चल रही स्पेशल इन्टेंसिव रिवीजन (SIR) प्रक्रिया पर भी सवाल उठाए। विपक्षी नेताओं का कहना है कि यह कवायद विशेष समुदायों और कमजोर तबकों को मतदाता सूची से बाहर करने की कोशिश है। कांग्रेस पार्टी ने इसे “लोकतंत्र पर वार” करार दिया और कहा कि यह संविधान के मूल अधिकारों का उल्लंघन है। पार्टी ने अपने आधिकारिक बयान में कहा कि SIR है लोकतंत्र पर वार, नहीं छीनने देंगे… कमजोर तबकों के मतदान का अधिकार!! इंडिया की लड़ाई जारी है। प्रियंका गांधी समेत कई विपक्षी सांसदों ने संसद परिसर के मकर द्वार पर प्रदर्शन किया और सरकार से इस प्रक्रिया को तत्काल रोकने की मांग की।
क्या है SIR और क्यों मचा है बवाल?
स्पेशल इन्टेंसिव रिवीजन (SIR) एक विशेष प्रक्रिया है जिसके तहत मतदाता सूची का व्यापक पुनरीक्षण किया जाता है। इसमें न केवल नए मतदाताओं को जोड़ा जाता है बल्कि निष्क्रिय या डुप्लीकेट नाम हटाए भी जाते हैं। बिहार में इस प्रक्रिया के चलते कई क्षेत्रों में बड़ी संख्या में मतदाताओं के नाम हटाए जाने की खबरें सामने आई हैं। विपक्ष का आरोप है कि इस प्रक्रिया का इस्तेमाल धार्मिक और जातीय आधार पर चुनिंदा समुदायों को वोट देने से रोकने के लिए किया जा रहा है।
सरकार की सफाई और सत्ताधारी पक्ष की प्रतिक्रिया
सत्ताधारी दल बीजेपी ने इन आरोपों को राजनीतिक नौटंकी बताया और कहा कि विपक्ष मुद्दाविहीन हो गया है, इसलिए बिना तथ्य के हंगामा कर रहा है। संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने कहा कि अमेरिकी टैरिफ को लेकर भारत सरकार कूटनीतिक स्तर पर बातचीत कर रही है। जहां तक SIR का सवाल है। यह चुनाव आयोग की प्रक्रिया है और केंद्र का इससे कोई लेना-देना नहीं है।
संसद के भीतर और बाहर नारेबाजी
दोनों मुद्दों को लेकर विपक्षी सांसदों ने संसद के भीतर जमकर नारेबाजी की। “लोकतंत्र बचाओ”, “टैरिफ वापस लो” और “SIR रद्द करो” जैसे नारों से सदन की कार्यवाही बार-बार बाधित हुई। संसद भवन के मकर द्वार के सामने प्रियंका गांधी समेत कांग्रेस के कई वरिष्ठ नेता धरने पर बैठे और हाथों में तख्तियां लेकर विरोध दर्ज कराया।