अमित शाह की अनकही कहानी: कैसे गुजरात के एक साधारण लड़के ने राजनीति में मचाई धूम, जानें यहां….

अमित शाह का जीवन यात्रा एक छोटे व्यापारी परिवार से शुरू होकर भारतीय राजनीति के शिखर तक पहुंची है। वे एक रणनीतिकार और राजनीतिज्ञ के रूप में उभरे। उनके मौजूदगी में शासन प्रणाली में कई ऐतिहासिक बदलाव आए। पढ़िए उनकी पूरी जीवनशैली

Post Published By: Tanya Chand
Updated : 22 October 2025, 2:31 PM IST
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New Delhi: केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह आज अपना 61वां जन्मदिन मना रहे हैं। इस खास अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी समेत कई दिग्गज नेताओं ने उन्हें बधाई दी। अमित शाह का जन्म 22 अक्टूबर 1964 को मुंबई में हुआ था, लेकिन उनका बचपन और प्रारंभिक शिक्षा गुजरात के छोटे से गांव मानसा में हुई।

बता दें कि उनके परिवार का व्यापारी पृष्ठभूमि उन्हें कभी राजनीति में नहीं ला पाता, लेकिन शाह ने खुद को अपने संघर्ष और समर्पण से राजनीति के सबसे प्रभावशाली चेहरों में शामिल किया। आइए फिर ऐसे में जानते हैं कि कैसे अमित शाह राजनीति में पहुंचे और एक जाने-माने इंसान बने...

राजनीति में आने का पहला कदम

अमित शाह की मां, जो गांधीवादी विचारों की अनुयायी थीं उनका अमित शाह पर गहरा प्रभाव था। उन्हें खादी पहनने के लिए प्रेरित किया गया और यह उनकी जीवनशैली का अहम हिस्सा बन गया। अहमदाबाद जाने के बाद शाह ने अपनी पढ़ाई पूरी की और फिर 16 साल की उम्र में भारतीय जनता पार्टी से जुड़कर राजनीति में कदम रखा।

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उनके शुरुआती सालों में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (ABVP) के साथ जुड़ाव और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के युवा स्वयंसेवक के रूप में काम करना उनके राजनीतिक जीवन का प्रारंभिक बिंदु था।

संघ, ABVP और पार्टी की ओर पहला कदम

शाह ने 1982 में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के गुजरात इकाई के संयुक्त सचिव के रूप में काम किया। भाजपा के लिए चुनाव प्रचार करने के दौरान उनका कार्यकुशलता दिखी और वे जल्द ही पार्टी के एक अहम सदस्य बन गए। 1989 में वे भाजपा की अहमदाबाद इकाई के सचिव बने, जब देश में श्री राम जन्मभूमि आंदोलन जोर पकड़ रहा था।

उनकी कार्यशैली ने उन्हें पार्टी नेतृत्व के करीब ला दिया और वे 1990 के दशक में नरेंद्र मोदी के संपर्क में आए। उनके बीच यह संबंध केवल राजनीतिक सहयोग से बढ़कर एक मजबूत रणनीतिक साझेदारी में बदल गया। मोदी और शाह की जोड़ी ने गुजरात भाजपा को एक नई दिशा दी और शाह को पार्टी के अहम संगठनात्मक जिम्मेदारियों में शामिल किया।

चुनावी जीत से लेकर मंत्री बनने तक का सफर

1997 में शाह ने पहली बार सरखेज विधानसभा उपचुनाव में जीत दर्ज की और पार्टी में एक उभरते नेता के रूप में पहचाने गए। इसके बाद वे लगातार चुनाव जीतते गए। 2002 में गुजरात विधानसभा चुनाव के बाद शाह को राज्य सरकार में मंत्री बनाया गया और उन्होंने गृह, यातायात, मद्यनिषेध, विधि, संसदीय कार्य जैसे महत्वपूर्ण विभागों का कार्यभार संभाला।

2013 में उन्हें भाजपा का राष्ट्रीय महासचिव नियुक्त किया गया और 2019 में नरेंद्र मोदी के प्रधानमंत्री बनने के बाद, अमित शाह को गृह मंत्री के रूप में महत्वपूर्ण जिम्मेदारी मिली।

अमित शाह (सोर्स- गूगल)

गृह मंत्री के रूप में ऐतिहासिक फैसले

अमित शाह के गृह मंत्री बनने के बाद भारतीय राजनीति में कई अहम बदलाव आए। उन्होंने जम्मू और कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाने जैसे ऐतिहासिक फैसले लिए। इसके अलावा, उन्होंने राष्ट्रीय सुरक्षा, नागरिकता संशोधन अधिनियम (CAA) और अवैध घुसपैठ के मुद्दे पर कड़ा रुख अपनाया।

उनकी अनुशासित कार्यशैली और ठोस फैसले उन्हें एक मजबूत और प्रभावी नेता के रूप में स्थापित करते हैं। उनके नेतृत्व में मोदी सरकार ने आंतरिक सुरक्षा के साथ-साथ राष्ट्रीय समृद्धि और विकास में भी महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं।

भाजपा की सफलता में शाह का योगदान

अमित शाह को भाजपा के संगठनात्मक विस्तार और मजबूत प्रबंधन के लिए जाना जाता है। उनकी मेहनत और रणनीतिक सोच ने पार्टी को एक नया आकार दिया। वे मोदी के साथ मिलकर पार्टी को राष्ट्रीय स्तर पर ऊंचाई पर लेकर गए। उनके नेतृत्व में भाजपा ने कई राज्य चुनावों में जीत हासिल की और पार्टी की राजनीतिक ताकत दोगुनी हो गई।

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अमित शाह की सफलता का सूत्र

अमित शाह के जीवन का मुख्य रहस्य उनकी निरंतरता और समर्पण है। चाहे वह गुजरात के एक छोटे से विधायक के रूप में हो, या फिर देश के गृह मंत्री के रूप में, शाह ने हमेशा अपने कार्यों को प्राथमिकता दी है। उनकी राजनीतिक यात्रा इस बात का प्रमाण है कि किसी भी व्यक्ति का रुझान, मेहनत और सही मार्गदर्शन उसे ऊंचाइयों तक ले जा सकता है।

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  • New Delhi

Published : 
  • 22 October 2025, 2:31 PM IST