Vice President Resignation: उपराष्ट्रपति के इस्तीफे से सियासी हलचल, अब राज्यसभा की कमान किसके हाथ?

उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ के अचानक इस्तीफे ने देश की राजनीति को चौंका दिया है। संसद का मानसून सत्र जारी है और अब सवाल उठता है कि राज्यसभा की कार्यवाही की कमान फिलहाल किसके पास होगी और नए उपराष्ट्रपति का चुनाव कब तक होगा? जानिए पूरी प्रक्रिया।

Post Published By: Sapna Srivastava
Updated : 22 July 2025, 8:30 AM IST
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New Delhi: भारत के उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ द्वारा अचानक अपने पद से इस्तीफा देने के बाद राजनीतिक गलियारों में हलचल तेज हो गई है। स्वास्थ्य कारणों का हवाला देते हुए उन्होंने सोमवार देर रात राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को इस्तीफा सौंपा। यह घटनाक्रम तब सामने आया जब संसद का मानसून सत्र शुरू ही हुआ था और पहले ही दिन विपक्षी हंगामे से माहौल गरमा गया था।

धनखड़ के इस्तीफे से अब यह सवाल उठता है कि जब संसद की कार्यवाही चल रही है, तब राज्यसभा की अध्यक्षता कौन करेगा, क्योंकि उपराष्ट्रपति ही राज्यसभा के पदेन सभापति होते हैं।

अब कौन करेगा कार्यवाही की अध्यक्षता?

उपराष्ट्रपति का पद अचानक रिक्त होने से राज्यसभा की अध्यक्षता की जिम्मेदारी अब उपसभापति हरिवंश नारायण सिंह के पास आ गई है। वे सितंबर 2020 से इस पद पर हैं और संसदीय नियमों के अनुसार, जब तक नया उपराष्ट्रपति नहीं चुना जाता, तब तक वे ही राज्यसभा की कार्यवाही की अध्यक्षता करेंगे।

Political stir due to resignation of Vice President (Source-Google)

उपराष्ट्रपति के इस्तीफे से सियासी हलचल (सोर्स-गूगल)

उपराष्ट्रपति के चुनाव की प्रक्रिया क्या है?

भारतीय संविधान के अनुच्छेद 66 के अनुसार, उपराष्ट्रपति का चुनाव संसद के दोनों सदनों के निर्वाचित व मनोनीत सदस्यों द्वारा किया जाता है। यह चुनाव आनुपातिक प्रतिनिधित्व प्रणाली के तहत एकल संक्रमणीय मत (Single Transferable Vote) प्रणाली से होता है। मतदाता लोकसभा और राज्यसभा के सभी 788 सांसद होते हैं, जिनमें राज्यसभा के 12 मनोनीत सदस्य भी शामिल होते हैं।

कब तक होगा चुनाव?

संविधान के अनुच्छेद 68 (2) के अनुसार, उपराष्ट्रपति का पद खाली होने की स्थिति में 6 महीने के भीतर नया चुनाव कराना आवश्यक होता है। अब चुनाव आयोग को जल्द से जल्द चुनाव की तारीखों का ऐलान करना होगा।

उम्मीदवार की पात्रता

भारत का नागरिक होना चाहिए

आयु कम से कम 35 वर्ष

राज्यसभा का सदस्य बनने की योग्यता

₹15,000 की जमानत राशि जमा करनी होती है

यदि उम्मीदवार को कुल वैध मतों का 1/6 हिस्सा नहीं मिलता है, तो जमानत जब्त हो जाती है।

कार्यकाल और भूमिका

उपराष्ट्रपति का कार्यकाल 5 वर्षों का होता है, लेकिन जब तक नया पदाधिकारी नहीं आता, तब तक पूर्व उपराष्ट्रपति कार्यरत रह सकते हैं। हालांकि इस्तीफा देने की स्थिति में वे तत्काल प्रभाव से पद छोड़ देते हैं, जैसा कि धनखड़ ने किया।

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