Vice President Dhankhar: उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने दिया इस्तीफा, अब जानिए कैसे होता है उपराष्ट्रपति का चुनाव

स्वास्थ्य कारणों से उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। ऐसे समय में जब संसद का मानसून सत्र शुरू हुआ है, उपराष्ट्रपति का पद रिक्त होना राजनीतिक दृष्टिकोण से अहम है। आइए जानें, भारत में उपराष्ट्रपति चुने जाने की प्रक्रिया क्या है।

Post Published By: Sapna Srivastava
Updated : 22 July 2025, 8:00 AM IST
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New Delhi: देश के उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने स्वास्थ्य कारणों का हवाला देते हुए अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। उन्होंने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को इस संबंध में पत्र लिखकर अपना त्यागपत्र सौंपा, जिसे संविधान के अनुच्छेद 67(ए) के तहत स्वीकार किए जाने की संभावना है। यह इस्तीफा उस समय आया है जब संसद का मानसून सत्र आज से ही शुरू हुआ है। चूंकि उपराष्ट्रपति राज्यसभा के सभापति भी होते हैं, ऐसे में इस पद का खाली होना संसदीय कार्यवाही की दृष्टि से भी विशेष महत्व रखता है। अब यह सवाल उठता है कि उपराष्ट्रपति का चुनाव कैसे होता है और इसमें कौन हिस्सा लेता है।

उपराष्ट्रपति बनने की योग्यता

उम्मीदवार भारत का नागरिक होना चाहिए।

उसकी आयु न्यूनतम 35 वर्ष होनी चाहिए।

उसे राज्यसभा का सदस्य चुने जाने की पात्रता होनी चाहिए।

नामांकन के साथ ₹15,000 की जमानत राशि जमा करनी होती है। यदि उम्मीदवार को कुल वैध मतों का एक-छठा हिस्सा नहीं मिलता है, तो यह राशि जब्त कर ली जाती है।

Jagdeep Dhankhar Resigns (Source-Google)

जगदीप धनखड़ इस्तीफा (सोर्स-गूगल)

मतदाता कौन होते हैं?

उपराष्ट्रपति के चुनाव में लोकसभा और राज्यसभा के सभी निर्वाचित व मनोनीत सदस्य वोट डालते हैं।

लोकसभा के सदस्य: 543

राज्यसभा के सदस्य: 245 (जिसमें 12 मनोनीत सदस्य भी शामिल हैं)
कुल मतदाता: 788 सांसद

चुनाव प्रक्रिया

उपराष्ट्रपति का चुनाव आनुपातिक प्रतिनिधित्व प्रणाली के तहत एकल संक्रमणीय मत प्रणाली (Single Transferable Vote System) से होता है।

प्रत्येक सांसद एक वोट देता है, जिसमें वह उम्मीदवारों को प्राथमिकता के क्रम में अंक देता है जैसे 1, 2, 3

यदि पहले प्राथमिकता वाला उम्मीदवार आवश्यक कोटा नहीं हासिल करता, तो दूसरे विकल्प की गणना की जाती है। यह प्रक्रिया तब तक चलती है जब तक कोई उम्मीदवार आवश्यक वोटों का कोटा पार नहीं कर लेता।

गुप्त मतदान

इस चुनाव में मतदान पूरी तरह से गुप्त होता है और पार्टी व्हिप लागू नहीं होता। यानी सांसद अपनी पसंद के उम्मीदवार को स्वतंत्र रूप से वोट दे सकते हैं।

पद ग्रहण के बाद क्या होता है?

अगर कोई व्यक्ति संसद या राज्य विधानसभा का सदस्य होते हुए उपराष्ट्रपति निर्वाचित होता है, तो पद ग्रहण करते ही उसकी उस सदन की सदस्यता स्वतः समाप्त हो जाती है।

नया चुनाव कब तक?

संविधान के अनुसार, उपराष्ट्रपति का पद खाली होने पर 6 महीने के भीतर चुनाव कराकर नया उपराष्ट्रपति नियुक्त करना अनिवार्य होता है।

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