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कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के भारत से जुड़े बयान की आलोचना करते हुए कहा कि भारत अपने फैसले खुद करेगा। ट्रंप ने दावा किया था कि भारत साल के अंत तक रूस से तेल आयात घटाएगा। पढ़ें पूरी खबर
शशि थरूर का ट्रंप को करारा जवाब
New Delhi: कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के हालिया बयान पर कड़ी प्रतिक्रिया दी है। ट्रंप ने हाल ही में दावा किया था कि भारत साल के अंत तक रूस से तेल आयात में कमी करेगा। इस पर प्रतिक्रिया देते हुए थरूर ने कहा कि भारत एक सार्वभौमिक राष्ट्र है और उसके फैसले नई दिल्ली से तय होते हैं, व्हाइट हाउस से नहीं।
22 अक्टूबर को व्हाइट हाउस में नाटो महासचिव मार्क रूट के साथ बातचीत के दौरान डोनाल्ड ट्रंप ने मीडिया से कहा कि भारत ने उनसे वादा किया है कि साल के अंत तक रूस से तेल आयात लगभग खत्म कर देगा।
ट्रंप के शब्दों में “भारत ने मुझसे कहा था कि वे इसे रोक देंगे। यह एक प्रक्रिया है, आप इसे एक झटके में नहीं रोक सकते, लेकिन साल के अंत तक भारत के पास लगभग शून्य मात्रा में रूसी तेल रह जाएगा। यह बहुत बड़ी बात है।” उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ उनकी बातचीत शानदार रही और भारत इस दिशा में बहुत अच्छा काम कर रहा है।
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कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने ट्रंप के इस बयान की कड़ी आलोचना की। उन्होंने कहा, “मुझे नहीं लगता कि ट्रंप का भारत के फैसलों की घोषणा करना उचित है। भारत खुद अपने फैसलों की घोषणा करेगा। हम यह नहीं बताते कि ट्रंप क्या करेंगे, तो उन्हें भी यह अधिकार नहीं कि वे दुनिया को बताएं कि भारत क्या करेगा।”
थरूर ने यह भी कहा कि इस तरह के बयान कूटनीतिक मर्यादा का उल्लंघन हैं और इससे भारत-अमेरिका संबंधों में अनावश्यक भ्रम की स्थिति पैदा हो सकती है।
शशि थरूर का सख्त बयान (सोर्स- गूगल)
भारत सरकार ने ट्रंप के दावों को खारिज करते हुए कहा है कि देश की ऊर्जा नीति का मुख्य उद्देश्य उपभोक्ता हितों की रक्षा, स्थिर कीमतें और सुरक्षित आपूर्ति सुनिश्चित करना है।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता के अनुसार, भारत अपने ऊर्जा निर्णय राष्ट्रीय हितों के आधार पर लेता है। हमारा उद्देश्य है कि भारतीय उपभोक्ताओं को सस्ती और स्थिर ऊर्जा आपूर्ति मिलती रहे।
भारत पहले भी कह चुका है कि वह रूस से तेल आयात इसलिए जारी रखे हुए है क्योंकि इससे देश की ऊर्जा सुरक्षा और आर्थिक स्थिरता बनी रहती है।
ट्रंप के इस बयान ने भारतीय राजनीतिक गलियारों में बहस छेड़ दी है। विपक्षी दलों का कहना है कि विदेशी नेताओं को भारत की नीतियों को लेकर सार्वजनिक घोषणा करने का कोई अधिकार नहीं है। वहीं, कुछ विशेषज्ञों का मानना है कि ट्रंप का बयान अमेरिकी राजनीति के घरेलू एजेंडे का हिस्सा है, जिससे वे खुद को वैश्विक मामलों में प्रभावशाली नेता के रूप में दिखाना चाहते हैं।
रूस-यूक्रेन युद्ध के बाद से भारत ने रूस से सस्ता तेल खरीदना जारी रखा है। इससे भारत को वैश्विक महंगाई के दौर में घरेलू ईंधन कीमतों को स्थिर रखने में मदद मिली।
हालांकि, पश्चिमी देशों ने भारत से कई बार आग्रह किया कि वह रूस से तेल खरीद कम करे। लेकिन भारत ने हमेशा कहा है कि उसका उद्देश्य ऊर्जा जरूरतों को संतुलित रखना है, न कि किसी भू-राजनीतिक दबाव के आगे झुकना।