अब शादी में लिफाफा नहीं, UPI से दो ‘मोई’; केरल के किशोर जैन का अनोखा अंदाज हुआ वायरल

केरल के अल्वा शहर में एक शादी समारोह में दुल्हन के पिता किशोर जैन का वीडियो वायरल हो गया, जब उन्होंने मेहमानों से नकद की बजाय यूपीआई के जरिए ‘मोई’ लेने का तरीका अपनाया। शर्ट पर लगे पेटीएम क्यूआर कोड ने सोशल मीडिया पर सबका ध्यान खींचा।

Post Published By: Sapna Srivastava
Updated : 2 November 2025, 2:54 PM IST
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Kerala: भारत में परंपरा और तकनीक का मेल अब नई मिसालें पेश कर रहा है। केरल के अल्वा शहर में हुई एक शादी इसका ताजा उदाहरण है, जहां दुल्हन के पिता किशोर जैन ने शादी समारोह में मेहमानों से नकद लिफाफों की जगह डिजिटल पेमेंट से उपहार यानी ‘मोई’ लेने का अनोखा तरीका अपनाया। इस अनूठे प्रयोग का वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो गया है।

वीडियो में किशोर जैन मुस्कुराते हुए अपनी शर्ट पर लगे पेटीएम क्यूआर कोड के साथ दिखाई दे रहे हैं। मेहमान उनके पास आते हैं, अपने मोबाइल से क्यूआर कोड स्कैन करते हैं और यूपीआई (Unified Payments Interface) के माध्यम से डिजिटल रूप में पैसे भेजते हैं। ये दृश्य देखकर लोग हैरान भी हुए और खूब हंसे भी।

‘मोई’ की परंपरा में आया डिजिटल ट्विस्ट

दक्षिण भारत में शादी-ब्याह में मेहमान जो नकद राशि देते हैं, उसे ‘मोई’ कहा जाता है। आम तौर पर यह पैसे लिफाफे में रखकर दिए जाते हैं, लेकिन किशोर जैन ने इस पारंपरिक रिवाज को आधुनिक रूप देते हुए पर्यावरण के प्रति जागरूकता का भी संदेश दिया।

उन्होंने कहा कि इस तरीके से कागज के लिफाफे की बर्बादी नहीं होगी और गिफ्ट देने की प्रक्रिया भी आसान और पारदर्शी बनेगी। किशोर जैन का यह विचार न केवल डिजिटल इंडिया की भावना को दर्शाता है बल्कि पर्यावरण संरक्षण का संदेश भी देता है।

सोशल मीडिया पर वायरल हुआ वीडियो

यह वीडियो पहले इंस्टाग्राम और फिर एक्स (ट्विटर) पर शेयर किया गया, जिसके बाद यह पूरे देश में वायरल हो गया। कई यूजर्स ने इस आइडिया की सराहना की और इसे “डिजिटल इंडिया का असली चेहरा” बताया।

एक यूजर ने लिखा, “कितना शानदार तरीका है परंपरा भी निभी और तकनीक का भी पूरा इस्तेमाल हुआ।” वहीं दूसरे ने मजाकिया अंदाज में कहा, “अब शादी में लिफाफा भूल जाओ, बस यूपीआई चालू रखो।”

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UPI बना हर मौके का हिस्सा

भारत में यूपीआई पेमेंट सिस्टम अब सिर्फ खरीदारी या बिल भुगतान तक सीमित नहीं रहा, बल्कि अब यह सामाजिक आयोजनों और परंपराओं में भी अपनी जगह बना रहा है। 2024 में ही भारत में यूपीआई ट्रांजेक्शन का आंकड़ा 1,400 करोड़ पार कर चुका है।

केरल जैसे राज्यों में डिजिटल भुगतान को लेकर जागरूकता पहले से ही ज्यादा है। वहां दुकानों, टैक्सी और छोटे व्यापारों तक में यूपीआई का इस्तेमाल आम बात हो गई है।

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पर्यावरण संरक्षण का संदेश

किशोर जैन का यह कदम सिर्फ एक ट्रेंड नहीं, बल्कि एक संदेश भी है “पेपर लिफाफा मत दो, यूपीआई करो।” इससे जहां पर्यावरण की रक्षा होती है, वहीं समाज में डिजिटल साक्षरता को भी बढ़ावा मिलता है। किशोर जैन ने कहा, “अगर हर समारोह में लोग इस तरीके को अपनाएं, तो हर साल हजारों टन पेपर की बचत हो सकती है। यह छोटा कदम बड़े बदलाव की शुरुआत हो सकता है।”

Location : 
  • Kerala

Published : 
  • 2 November 2025, 2:54 PM IST