

UPI से भुगतान करने वाले यूजर्स के लिए बड़ा अपडेट सामने आया है। NPCI ने 1 अक्टूबर 2025 से P2P कलेक्ट रिक्वेस्ट फीचर को पूरी तरह बंद करने का फैसला किया है। यह निर्णय बढ़ते साइबर फ्रॉड के मामलों को ध्यान में रखते हुए लिया गया है। इस बदलाव का सीधा असर करोड़ों डिजिटल पेमेंट यूजर्स पर पड़ेगा।
ऑनलाइन पेमेंट (Img: Google)
New Delhi: ऑनलाइन पेमेंट करने वालों के लिए एक बड़ी खबर सामने आई है। अगर आप भी अक्सर UPI ऐप्स जैसे PhonePe, Google Pay या Paytm का इस्तेमाल करते हैं, तो यह जानकारी आपके लिए जरूरी है। भारतीय राष्ट्रीय भुगतान निगम (NPCI) ने UPI सिस्टम में बड़ा बदलाव करने का ऐलान किया है। यह बदलाव 1 अक्टूबर 2025 से लागू होगा और इसका सीधा असर उन यूजर्स पर पड़ेगा जो P2P (पियर-टू-पियर) कलेक्ट रिक्वेस्ट का इस्तेमाल करते हैं।
क्या है नया नियम?
NPCI ने 29 जुलाई को जारी सर्कुलर में कहा है कि 1 अक्टूबर 2025 से P2P कलेक्ट रिक्वेस्ट सर्विस को UPI सिस्टम से पूरी तरह हटा दिया जाएगा। इस फीचर की मदद से यूजर्स किसी अन्य UPI यूजर से पैसे की रिक्वेस्ट भेज सकते थे। आमतौर पर इसका उपयोग भुगतान की याद दिलाने या बिल पेमेंट रिक्वेस्ट भेजने के लिए होता था।
क्यों लिया गया ये फैसला?
हाल के वर्षों में देखा गया है कि फ्रॉडस्टर्स इसी फीचर का गलत फायदा उठाकर भोले-भाले यूजर्स से धोखाधड़ी कर रहे थे। फर्जी कलेक्ट रिक्वेस्ट भेजकर लोग इमरजेंसी या किसी झूठे बहाने से पैसे मंगवा लेते थे। कई यूजर्स बिना सोचे-समझे रिक्वेस्ट एक्सेप्ट कर लेते हैं, जिससे उनका खाता खाली हो जाता है। हालांकि पहले ₹2,000 की लिमिट लगाकर कुछ हद तक कंट्रोल किया गया था, लेकिन धोखाधड़ी की घटनाएं फिर भी थम नहीं पाईं।
अब कैसे भेज सकेंगे पैसे?
इस नए नियम के लागू होने के बाद UPI यूजर्स को पैसे भेजने के लिए केवल UPI पिन का उपयोग करना होगा। भुगतान केवल QR कोड स्कैन करके या संपर्क नंबर से किया जा सकेगा। यानी कलेक्ट रिक्वेस्ट के जरिए पैसे मांगने की सुविधा पूरी तरह समाप्त हो जाएगी।
क्या व्यापारी प्लेटफॉर्म्स भी होंगे प्रभावित?
यह नियम केवल पर्सनल ट्रांजैक्शन यानी व्यक्ति से व्यक्ति लेनदेन (P2P) पर लागू होगा। ई-कॉमर्स वेबसाइट्स जैसे फ्लिपकार्ट, अमेजन, स्विगी और सरकारी पोर्टल जैसे IRCTC पर इसका असर नहीं पड़ेगा। ये प्लेटफॉर्म्स UPI कलेक्ट रिक्वेस्ट का इस्तेमाल पहले की तरह करते रहेंगे। हालांकि यूजर्स को वहां भी भुगतान पूरा करने के लिए UPI पिन दर्ज करना जरूरी होगा।
क्या बोले यूजर्स?
बदलते डिजिटल माहौल में NPCI का यह कदम सुरक्षा की दृष्टि से सराहनीय माना जा रहा है। हालांकि कई यूजर्स को इस फैसले से असुविधा भी हो सकती है, खासकर उन लोगों को जो रिमाइंडर के तौर पर कलेक्ट रिक्वेस्ट भेजने के आदी हैं। लेकिन विशेषज्ञों का मानना है कि यह बदलाव डिजिटल पेमेंट को अधिक सुरक्षित और भरोसेमंद बनाएगा।