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सेबी की बोर्ड बैठक में अधिकारियों के हितों के टकराव, निवेशकों से जुड़े नियमों और बाजार सुधारों पर अहम फैसले हो सकते हैं। साथ ही एनसीडीईएक्स को म्यूचुअल फंड प्लेटफॉर्म की मंजूरी मिली है। एनआरआई निवेशकों के लिए केवाईसी नियमों में ढील देने, शेयर बाजार में क्लोजिंग ऑक्शन सेशन शुरू करने की चर्चा की जाएगी।
सेबी बोर्ड बैठक (Img: Google)
New Delhi: देश के शेयर बाजार पर नजर रखने वाला सेबी एक बार फिर बड़े सुधारों की तैयारी में है। भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड यानी सेबी का निदेशक मंडल बुधवार को एक अहम बैठक करने जा रहा है। इस बैठक में सेबी के वरिष्ठ अधिकारियों के हितों के टकराव यानी कॉन्फ्लिक्ट ऑफ इंटरेस्ट से जुड़े मामलों पर बनी एक उच्चस्तरीय समिति की रिपोर्ट पर चर्चा होगी। बैठक की अध्यक्षता सेबी चेयरमैन तुहिन कांत पांडेय करेंगे और यह उनके कार्यकाल की चौथी बोर्ड मीटिंग होगी।
उच्चस्तरीय समिति ने सेबी के बड़े अधिकारियों के लिए कई सख्त सुझाव दिए हैं। समिति का मानना है कि अधिकारियों की संपत्ति का सार्वजनिक खुलासा होना चाहिए ताकि किसी तरह की गड़बड़ी की गुंजाइश न रहे। इसके अलावा एक ऐसा व्हिसलब्लोअर सिस्टम शुरू करने की बात कही गई है। जिसमें कोई भी व्यक्ति बिना नाम बताए गलत काम की जानकारी दे सके। महंगे गिफ्ट लेने पर रोक लगाने और रिटायरमेंट के बाद दो साल तक किसी भी पद या नौकरी पर रोक लगाने जैसे सुझाव भी दिए गए हैं। साथ ही ‘मुख्य नैतिकता एवं अनुपालन अधिकारी’ नाम से एक नया पद बनाने की सिफारिश भी की गई है।
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इस बोर्ड बैठक में सिर्फ अधिकारियों से जुड़े मुद्दे ही नहीं, बल्कि आम निवेशकों से जुड़े कई अहम नियमों पर भी मंथन होगा। एनआरआई निवेशकों के लिए केवाईसी नियमों में ढील देने, शेयर बाजार में क्लोजिंग ऑक्शन सेशन शुरू करने और म्यूचुअल फंड और स्टॉक ब्रोकर से जुड़े नियमों में बदलाव पर भी चर्चा की जाएगी। सेबी पहले ही म्यूचुअल फंड में लगने वाले खर्च यानी टीईआर को लेकर साफ नियम बनाने और ब्रोकरेज फीस की सीमा तय करने पर सुझाव मांग चुका है।
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बोर्ड 1992 के स्टॉक ब्रोकर नियमों की समीक्षा कर सकता है। इसके साथ ही एल्गोरिदमिक ट्रेडिंग को लेकर साफ परिभाषा जोड़ने का प्रस्ताव भी बैठक में आ सकता है। इसका मकसद बाजार में पारदर्शिता बढ़ाना और निवेशकों के बीच भरोसा मजबूत करना है।