

डिजिटल इंडिया की रफ्तार के साथ साइबर क्राइम भी नई ऊंचाइयों पर पहुंच गया है। गृह मंत्रालय द्वारा संसद में पेश आंकड़ों ने साफ कर दिया है कि भारत अब साइबर अपराधों के सबसे खतरनाक दौर में दाखिल हो चुका है। बीते चार सालों में इन अपराधों में 401% की वृद्धि हुई है, जहां आम नागरिकों से लेकर बच्चे और राष्ट्रीय संस्थाएं तक निशाने पर हैं।
साइबर क्राइम की सुनामी
New Delhi: डिजिटल इंडिया के दौर में तकनीक जितनी तेज़ी से आगे बढ़ रही है, उतनी ही तेजी से अपराधी भी नए-नए तरीके से लोगों को शिकार बना रहे हैं। संसद में गृह मंत्रालय द्वारा पेश ताज़ा आंकड़े बताते हैं कि पिछले चार वर्षों में साइबर अपराधों में 401 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है। साल 2021 में जहां साइबर अपराधों के 4.5 लाख मामले दर्ज किए गए थे, वहीं 2024 तक यह आंकड़ा बढ़कर 22 लाख से ज्यादा हो चुका है और यह यहीं नहीं रुका 2025 के केवल पहले छह महीनों में ही (30 जून तक) 12 लाख से अधिक केस दर्ज हो चुके हैं, जो 2021 और 2022 के पूरे साल के आंकड़ों से भी ज्यादा हैं।
साइबर अपराध की 'हॉटस्पॉट' स्टेट्स
गृह मंत्रालय के अनुसार, 2025 में अब तक महाराष्ट्र सबसे ज्यादा साइबर क्राइम के मामलों वाला राज्य बना हुआ है, जहां 1.6 लाख केस दर्ज हुए हैं। उत्तर प्रदेश (1.4 लाख) और कर्नाटक (1 लाख) इसके बाद हैं। खास बात यह है कि बीते चार वर्षों में गुजरात, ओडिशा और कर्नाटक जैसे राज्यों में इस अपराध में विस्फोटक वृद्धि हुई है। गुजरात में 824%, ओडिशा में 783% और कर्नाटक में 763% की बढ़ोतरी दर्ज की गई है, जो बताता है कि ये खतरा अब हर कोने तक पहुंच चुका है।
बच्चों पर सबसे बड़ा खतरा
साइबर अपराधों का सबसे खतरनाक चेहरा बच्चों को निशाना बनाना है। गृह मंत्रालय के अनुसार, 2018 से 2022 के बीच चाइल्ड पोर्नोग्राफी के 3,000 से ज्यादा केस सामने आए। 18 साल से कम उम्र के बच्चों के खिलाफ स्टॉकिंग के भी 500 से ज्यादा मामले दर्ज किए गए। 2021 में बच्चों के खिलाफ ऑनलाइन क्राइम 25% बढ़े, जो 2022 में 32.5% तक पहुंच गए। ऑनलाइन गेमिंग, सोशल मीडिया और चैट रूम के माध्यम से बच्चे सबसे ज्यादा शिकार बन रहे हैं। एक रिपोर्ट में ऐसे कई टेलीग्राम चैनलों का पर्दाफाश हुआ, जो बच्चों की अश्लील सामग्री शेयर कर रहे थे। इसके बाद टेलीग्राम को मजबूरन ऐसे अकाउंट्स हटाने पड़े।
हर मिनट 761 साइबर अटैक
सिर्फ आम जनता ही नहीं, बल्कि भारत का सुरक्षा ढांचा भी साइबर हमलों की चपेट में है। डेटा सिक्योरिटी काउंसिल ऑफ इंडिया (DSCI) की रिपोर्ट बताती है कि 2024 में हर मिनट औसतन 761 साइबर अटैक भारत में हुए। सबसे ज्यादा हमले हेल्थकेयर, हॉस्पिटैलिटी और बैंकिंग सेक्टर पर हुए हैं। इन क्षेत्रों में डाटा चोरी, सिस्टम हैकिंग और सर्वर डाउन जैसी गंभीर घटनाएं लगातार सामने आ रही हैं।
पहलगाम हमले के बाद 15 लाख साइबर हमले
2025 में पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत पर बड़े पैमाने पर साइबर हमले हुए। आंकड़ों के अनुसार, इस अवधि में 15 लाख से ज्यादा साइबर हमले दर्ज हुए। इनमें मुख्य रूप से रक्षा, बिजली, दूरसंचार, वित्त और परिवहन जैसे अहम सेक्टर निशाने पर थे। जांच एजेंसियों का मानना है कि इन हमलों को पाकिस्तान और उससे जुड़े हैकिंग ग्रुप्स ने मिलकर अंजाम दिया।