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चुनाव आयोग सोमवार शाम को एक अहम प्रेस कॉन्फ्रेंस करने जा रहा है, जिसमें देशभर में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण की घोषणा हो सकती है। इस पहल का मकसद वोटर लिस्ट को अद्यतन, त्रुटि-मुक्त और अधिक पारदर्शी बनाना है।
निर्वाचन आयोग (फाइल फोटो)
New Delhi: चुनाव आयोग सोमवार शाम को प्रेस कॉन्फ्रेंस में देशभर की मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (Special Intensive Revision - SIR) की घोषणा करने वाला है। अधिकारियों के मुताबिक, यह पहल आगामी विधानसभा और लोकसभा चुनावों की तैयारियों के तहत एक अहम कदम है। इस कॉन्फ्रेंस में आयोग प्रक्रिया, समय-सारिणी और पहले चरण में शामिल राज्यों की जानकारी साझा करेगा।
एसआईआर का प्रमुख उद्देश्य मतदाता सूची में त्रुटियों को दूर करना और नए मतदाताओं को शामिल करना है। इसमें नामों की जांच, पुराने मतदाताओं की पुष्टि और गलत प्रविष्टियों का सुधार किया जाएगा। आयोग के अनुसार, यह पूरी प्रक्रिया पारदर्शी और निष्पक्ष होगी ताकि हर योग्य नागरिक मतदान के अधिकार का उपयोग कर सके। इससे न केवल मतदाता सूची की सटीकता बढ़ेगी, बल्कि चुनाव प्रक्रिया में लोगों का भरोसा भी मजबूत होगा।
सूत्रों के मुताबिक, पहले चरण में 10 से 15 राज्यों को शामिल किया जाएगा। इनमें वे राज्य होंगे जहां 2026 में विधानसभा चुनाव प्रस्तावित हैं। संभावित राज्यों में तमिलनाडु, पश्चिम बंगाल, केरल, असम और पुद्दुचेरी शामिल हैं। इस चरण में बूथ स्तर पर मतदाता सूचियों की विस्तृत जांच की जाएगी और स्थानीय स्तर पर सुधार के लिए विशेष दल गठित किए जाएंगे।
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चुनाव आयोग ने कहा है कि एसआईआर के जरिए मतदाता सूची की विश्वसनीयता और पारदर्शिता सुनिश्चित होगी। ग्रामीण और दूरदराज के इलाकों में भी अधिकारी जाकर रिकॉर्ड की पुष्टि करेंगे। इस पहल से नए युवा मतदाताओं का नाम सूची में जोड़ा जाएगा और जिन मतदाताओं के विवरण में त्रुटि है, उन्हें सुधारा जाएगा। आयोग का मानना है कि यह प्रक्रिया भारतीय लोकतंत्र को और अधिक समावेशी और जवाबदेह बनाएगी।
विशेष गहन पुनरीक्षण से आगामी 2026 के विधानसभा चुनावों और उसके बाद के लोकसभा चुनावों पर बड़ा असर पड़ेगा। मतदाता सूची सटीक और अद्यतन होगी, जिससे मतदान प्रक्रिया अधिक निष्पक्ष और भरोसेमंद बनेगी। आयोग का लक्ष्य है कि कोई भी योग्य मतदाता छूटे नहीं और किसी त्रुटि के कारण मतदान से वंचित न रहे।
पश्चिम बंगाल में चुनाव आयोग एसआईआर प्रक्रिया के दौरान बूथ-लेवल अधिकारियों (BLOs) की मदद के लिए स्वंयसेवकों की नियुक्ति पर विचार कर रहा है। एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि ये स्वंयसेवक सरकारी कर्मचारियों से चुने जाएंगे और प्रत्येक ब्लॉक स्तर पर तैनात होंगे। वे नामांकन फॉर्म भरने में सहायता करेंगे और जरूरत पड़ने पर वैकल्पिक BLO के रूप में भी काम कर सकेंगे।
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एसआईआर अभियान न केवल एक तकनीकी प्रक्रिया है, बल्कि यह लोकतंत्र की नींव को मजबूत करने की दिशा में एक निर्णायक कदम है। एक सटीक और पारदर्शी मतदाता सूची किसी भी लोकतांत्रिक चुनाव का आधार होती है। चुनाव आयोग का यह प्रयास युवाओं, ग्रामीण मतदाताओं और नए पात्र नागरिकों को लोकतांत्रिक प्रक्रिया में जोड़ने का अवसर देगा।