दिल्ली BMW हिट एंड रन केस: मुख्य आरोपी गगनप्रीत कौर 2 दिनों के लिए गई जेल, अगली सुनवाई 17 सितंबर को

दिल्ली के बहुचर्चित BMW एक्सीडेंट केस में मुख्य आरोपी गगनप्रीत कौर को न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है। हादसे में वित्त मंत्रालय के उप सचिव नवजोत सिंह की मौत हो गई थी। मामले में गगनप्रीत की जमानत याचिका पर 17 सितंबर को सुनवाई होगी।

Post Published By: Mayank Tawer
Updated : 16 September 2025, 6:06 AM IST
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New Delhi: राजधानी दिल्ली में एक दिल दहला देने वाले BMW हिट एंड रन केस में मुख्य आरोपी गगनप्रीत कौर को दो दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है। सोमवार को गिरफ्तारी के बाद उसे पटियाला हाउस कोर्ट में पेश किया गया, लेकिन देर से पहुंचने के कारण जज कोर्ट से जा चुके थे, जिसके बाद उसे देर रात उनके घर ले जाया गया।

अगली सुनवाई 17 सितम्बर को

गगनप्रीत की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता विकास पाहवा ने पैरवी की और जमानत याचिका दाखिल की है। याचिका में एफआईआर में देरी, डीसीपी की प्रेस कॉन्फ्रेंस, सीसीटीवी रिकॉर्डिंग और घायलों के साथ गवाहों के बयान को जमानत के आधार के रूप में प्रस्तुत किया गया है। कोर्ट ने इस याचिका पर दिल्ली पुलिस को नोटिस जारी किया है और सुनवाई की तारीख 17 सितंबर तय की गई है, इसी दिन गगनप्रीत की न्यायिक हिरासत भी समाप्त हो रही है।

क्या था पूरा मामला?

14 सितंबर की रात दिल्ली में हुए इस भीषण हादसे में वित्त मंत्रालय के उप सचिव नवजोत सिंह की मौत हो गई थी। वे अपनी पत्नी के साथ बाइक से जा रहे थे। अचानक एक तेज रफ्तार BMW कार डिवाइडर से टकरा कर पलटी और नवजोत की बाइक उसकी चपेट में आ गई। वे एक पास से गुजर रही बस से टकरा गए और गंभीर रूप से घायल हो गए। गाड़ी गगनप्रीत कौर चला रही थी, जो उस समय अपनी 6 साल की बेटी, 4 साल के बेटे, पति परीक्षित मक्कड़ और मेड के साथ कार में सवार थी।

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हादसे में क्या-क्या बने सबूत?

  1. सीसीटीवी फुटेज
  2. प्रत्यक्षदर्शियों के बयान
  3. डिजिटल एविडेंस (मोबाइल लोकेशन और कॉल रिकॉर्ड)
  4. गवाहों के मेडिकल स्टेटमेंट

पुलिस का बयान

एडीसीपी अभिमन्यु पोसवाल ने बताया कि गगनप्रीत का बयान स्वतंत्र साक्ष्यों से वेरिफाई किया जा चुका है। आरोपी के पति परीक्षित मक्कड़ अभी अस्पताल में भर्ती हैं। उनके डिस्चार्ज होने के बाद उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

गगनप्रीत का बचाव

गगनप्रीत ने पुलिस को बताया कि वह घटना के समय घबरा गई थी। उन्होंने दावा किया कि बच्चों का इलाज पहले कोविड के दौरान जिस अस्पताल में हुआ था, उन्हीं अनुभवों के चलते नवजोत सिंह को भी वही ले गई। उन्होंने यह भी कहा कि उन्होंने नवजोत और उनकी पत्नी की मदद करने की कोशिश की, बावजूद इसके कि उनकी अपनी बेटी भी घायल थी।

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अस्पताल का पक्ष

मुखर्जी नगर स्थित अस्पताल ने एक बयान में कहा कि 14 सितंबर की रात एक 50 वर्षीय व्यक्ति को मृत अवस्था में लाया गया था। उनकी पत्नी को प्राथमिक उपचार के बाद परिवार के अनुरोध पर रेफर कर दिया गया। हमारे लिए हर मरीज समान होता है।

परिजनों का आरोप

नवजोत सिंह के पिता ने इन दावों को सिरे से खारिज कर दिया। उन्होंने कहा कि मेरा बेटा जानबूझकर गलत अस्पताल ले जाया गया, जिससे आरोपी बच सके। अगर उसे एम्स ट्रॉमा सेंटर या आर्मी अस्पताल ले जाया गया होता तो वह बच सकता था। उसने संयुक्त राष्ट्र में भाषण दिया था और कई बार वित्त मंत्री के साथ विदेश गया था।

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प्रत्यक्षदर्शियों का बयान

18 वर्षीय मजदूर अंकित ने बताया कि जब लोग वीडियो बना रहे थे, तब उसने बीएमडब्ल्यू में फंसे बच्चों को बाहर निकाला। टेंपो ड्राइवर गुलफाम ने कहा कि उसने नवजोत और उनकी पत्नी को वैन में बैठाया और गगनप्रीत को नजदीकी अस्पताल चलने को कहा, लेकिन वह दूर के अस्पताल ले गईं।

परिवार में मातम

हरि नगर निवासी नवजोत सिंह के निधन से पूरा परिवार टूट गया है। उनकी मां ने कहा कि जब डॉक्टर ने उनके फोन से कॉल किया तो हमें लगा कि वह खुद बात कर रहे होंगे। लेकिन पता चला कि अब वो हमारे बीच नहीं रहे। हमने अपनी जिंदगी की सबसे बड़ी ताकत खो दी है।

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