पीएम मोदी ने CJI को किया कॉल, कहा- आज जो सुप्रीम कोर्ट में हुआ, वह बेहद गलत, लेकिन आपने…

सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश बी.आर. गवई पर सोमवार को एक वकील ने हमला करने की कोशिश की। वकील ने जूता फेंकने की कोशिश की, लेकिन समय रहते सुरक्षाकर्मियों ने उसे पकड़ लिया। इस घटना के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जस्टिस गवई से बात की और इस कृत्य की कड़ी निंदा की।

Post Published By: Mayank Tawer
Updated : 6 October 2025, 10:26 PM IST
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New Delhi: सुप्रीम कोर्ट परिसर में एक बेहद चौंकाने वाली घटना घटी, जब भारत के मुख्य न्यायधीश (CJI) बी.आर. गवई पर एक वकील ने हमला करने की कोशिश की। वकील ने जूता निकालकर चीफ जस्टिस की ओर फेंकने की कोशिश की, हालांकि सुरक्षा कर्मियों ने समय रहते हस्तक्षेप किया और आरोपी को पकड़ लिया। इस घटना के तुरंत बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने चीफ जस्टिस बी.आर. गवई से बात की और इस कृत्य की कड़ी निंदा की।

प्रधानमंत्री ने कहा, "मैंने भारत के मुख्य न्यायधीश बी.आर. गवई से बात की है। आज सुप्रीम कोर्ट परिसर में उन पर हुआ हमला हर भारतीय को क्रोधित कर गया है। हमारे समाज में ऐसे निंदनीय कृत्यों के लिए कोई जगह नहीं है। यह बेहद शर्मनाक है।" इसके साथ ही पीएम मोदी ने जस्टिस गवई की शांति और संयम की भी सराहना की और कहा कि इस घटना से न्याय के मूल्यों और संविधान की भावना को मजबूत करने की उनकी प्रतिबद्धता स्पष्ट होती है।

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चीफ जस्टिस पर हमले की कोशिश

यह घटना उस समय हुई जब CJI गवई सुप्रीम कोर्ट में एक केस की सुनवाई कर रहे थे। आरोप है कि वकील राकेश किशोर ने कोर्ट की डेस्क के पास जाकर जूता निकाला और चीफ जस्टिस की तरफ फेंकने की कोशिश की। हालांकि, इस घटना में चीफ जस्टिस पर कोई शारीरिक हमला नहीं हुआ, लेकिन यह घटना कोर्ट के लिए काफी चौंकाने वाली थी। वकील ने जूता फेंकने के बाद यह भी कहा कि "सनातन का अपमान नहीं सहेंगे।"

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सुरक्षा कर्मियों ने तुरंत हस्तक्षेप किया और आरोपी को गिरफ्तार कर लिया। आरोपी वकील का नाम राकेश किशोर बताया गया है और उनका रजिस्ट्रेशन सुप्रीम कोर्ट बार में 2011 में हुआ था। घटना के बाद चीफ जस्टिस गवई ने शांति बनाए रखते हुए सभी वकीलों से कहा, "इन चीजों से मुझे कोई फर्क नहीं पड़ता। आप लोग अपने तर्क जारी रखें।"

वकील का लाइसेंस रद्द

बीसीआई (बार काउंसिल ऑफ इंडिया) ने घटना के बाद आरोपी वकील राकेश किशोर को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया। निलंबन के दौरान उन्हें किसी भी न्यायालय में पेश होने या वकालत करने की अनुमति नहीं होगी। इसके साथ ही BCI ने आरोपी के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई शुरू करने का निर्णय लिया है और उसे 15 दिनों के भीतर नोटिस जारी किया जाएगा। जिसमें वह यह बता सकेगा कि क्यों उसकी कार्रवाई जारी नहीं रखी जानी चाहिए।

सुरक्षा में बढ़ोतरी

इस घटना के बाद सुप्रीम कोर्ट परिसर में सुरक्षा को और कड़ा कर दिया गया है। पुलिस और सुरक्षाकर्मियों को अधिक सतर्क रहने के निर्देश दिए गए हैं, ताकि भविष्य में ऐसी किसी भी घटना से बचा जा सके। कोर्ट परिसर के भीतर और बाहर पुलिस की तैनाती बढ़ा दी गई है।

वकील संगठन की प्रतिक्रिया

सुप्रीम कोर्ट के वकील संगठन ने इस घटना की कड़ी निंदा की है और सुप्रीम कोर्ट से इस मामले में स्वत: संज्ञान लेने की अपील की है। उन्होंने यह भी मांग की है कि आरोपी वकील के खिलाफ कोर्ट की अवमानना की कार्रवाई की जाए। संगठन ने इस बात पर भी जोर दिया कि न्यायपालिका के प्रति इस प्रकार के हमले का समाज में कोई स्थान नहीं हो सकता है।

पीएम मोदी की सराहना

प्रधानमंत्री मोदी ने जस्टिस गवई की घटना के दौरान दिखाए गए शांति और संयम की सराहना की। उन्होंने कहा, "यह घटना हमारे न्यायपालिका के लिए एक बड़ा आघात है, लेकिन जस्टिस गवई ने जिस तरह से संयम बनाए रखा, वह उनके न्याय के प्रति समर्पण और संविधान के प्रति उनकी प्रतिबद्धता को स्पष्ट करता है।"

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  • New Delhi

Published : 
  • 6 October 2025, 10:26 PM IST