

आगामी अमरनाथ यात्रा को लेकर सेना प्रमुख ने सुरक्षा व्यवस्था को लेकर हुई तैयारियाों का जायजा लिया। पूरी खबर के लिए पढ़ें डाइनामाइट न्यूज़ की ये रिपोर्ट
सेना प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी (सोर्स- इंटरनेट)
श्रीनगर: जल्द ही अमरनाथ यात्रा शुरू होने वाली है, जिसकी तैयारियां जोरो शोरों से चल रही है। ऐसे में सेना प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने कश्मीर में सुरक्षा ग्रिड की समीक्षा की और आगामी अमरनाथ यात्रा के लिए तैयारियों का आकलन किया। बता दें कि वह इस दौरान कश्मीर क्षेत्र में तैनात सुरक्षा बलों और अधिकारियों से मिले।
डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता को मिली जानकारी के मुताबिक सेना प्रमुख को उनकी यात्रा के दौरान क्षेत्र में मौजूदा सुरक्षा स्थिति और रणनीतिक पहलुओं के बारे में जानकारी दी। इस दौरान उन्हें यह भी बताया गया कि सेना किस तरह आधुनिक तकनीकों को अपने अभियानों में शामिल कर रही है, जिससे सुरक्षा और निगरानी व्यवस्था बेहतर हो रही है।
सेना प्रमुख ने अधिकारियों को दिए निर्देश
बता दें कि लोक सूचना महानिदेशालय (ADGPI) ने एक्स पर एक पोस्ट में कहा कि COAS ने कश्मीर क्षेत्र में सुरक्षा ग्रिड की समीक्षा की और आगामी श्री अमरनाथ यात्रा 2025 के लिए तैयारियों का आकलन किया। सेना प्रमुख ने अधिकारियों को निर्देश दिया कि अमरनाथ यात्रा के दौरान श्रद्धालुओं को पूरी सुरक्षा दी जाए और किसी भी स्थिति से निपटने के लिए हर स्तर पर तैयारियां पूरी रहें।
एडीजीपीआई ने कही ये बड़ी बात
एडीजीपीआई ने कहा कि उन्हें मौजूदा सुरक्षा स्थिति और रणनीतिक पहलुओं के बारे में जानकारी दी गई, जिसमें संचालन में उन्नत तकनीकी को सेना इस्तेमाल कर रहे हैं। जिससे बेहतर निर्णय, बेहतर निगरानी और एक प्रतिक्रिया तंत्र प्राप्त हो सकेगा।
सीओएएस ने सराहना
सीओएएस ने निर्णायक आतंकवाद विरोधी अभियानों और क्षेत्र के विकास और स्थानीय आबादी के उत्थान के उद्देश्य से प्रंशासा की। साथ ही उन्होंने विकास के पहल के माध्यम से शांति और स्थिरता सुनिश्चित करने और उनकी अटूट प्रतिबद्धता के लिए श्रीनगर स्थित चिनार कोर के सभी रैंकों की सराहना की।
अमरनाथ यात्रा से जुड़ी कुछ महत्वपूर्ण बातें
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि वार्षिक अमरनाथ यात्रा 3 जुलाई से शुरू होकर 8 अगस्त को समाप्त होगी। तीर्थयात्रा की सुरक्षा को घाटी के सबसे व्यापक सुरक्षा अभ्यासों में से एक माना जाता है। इस साल की यात्रा, पिछले साल के 52-दिवसीय कार्यक्रम की तुलना में काफी कम है, 22 अप्रैल को हुए आतंकवादी हमले की पृष्ठभूमि में हो रही है जिसमें 25 पर्यटकों और एक स्थानीय निवासी की जान चली गई थी।