काशी में जलाभिषेक के लिए उमड़ा श्रद्धा का सैलाब, कांवड़ियों के जयकरों से गूंज उठा मंदिर परिसर

सावन के दूसरे सोमवार पर डीडीयू नगर से हजारों कांवड़िए बाबा विश्वनाथ के जलाभिषेक के लिए काशी रवाना हुए। रास्ते में सेवा शिविरों और भक्तिमय माहौल ने यात्रा में चार चांद लगा दिया।

Updated : 21 July 2025, 12:57 PM IST
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Chandauli: सावन महीने का पावन अवसर, और उसमें भी दूसरा सोमवार- बाबा भोलेनाथ की भक्ति का उत्सव पूरे उत्तर भारत में जोरों पर है। इसी कड़ी में रविवार की रात से ही डीडीयू नगर सहित आस-पास के क्षेत्रों से हजारों की संख्या में कांवड़िए बाबा विश्वनाथ के जलाभिषेक के लिए काशी की ओर रवाना हो गए।

कांवड़ियों का यह जत्था गेरुआ वस्त्र धारण किए, सिर पर भगवान शिव का नाम लिए और कमर में गंगाजल से भरे लोटे लटकाए हुए जयकारों के साथ वाराणसी की ओर बढ़ा। श्रद्धालुओं के उत्साह और भक्ति ने पूरे क्षेत्र को शिवमय कर दिया।

रात्रि से ही शुरू हुआ जत्थों का प्रस्थान

डीडीयू नगर के चतुर्भुजपुर, काली महाल, कूढकला, शाहकुटी, अलीनगर और हनुमानपुर जैसे प्रमुख मोहल्लों से श्रद्धालु देर रात से ही कांवड़ यात्रा के लिए निकलने लगे। वहीं बबुरी, सकलडीहा और आस-पास के ग्रामीण इलाकों से भी बड़ी संख्या में महिलाएं, युवा और बच्चे हाथों में कांवड़ लिए यात्रा पर निकले। कांवड़ियों के जोश और जयकारों ने वातावरण को भक्तिमय बना दिया।

सुरक्षा के व्यापक इंतजाम

श्रद्धालुओं की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए जिला प्रशासन ने जीटी रोड की दक्षिणी पटरी पर भारी वाहनों का आवागमन अस्थाई रूप से रोक दिया। यातायात व्यवस्था को सुगम बनाए रखने के लिए पुलिस और प्रशासन की टीम पूरे मार्ग पर तैनात रही।

सेवा शिविरों ने बढ़ाया उत्साह

श्रद्धालुओं की सेवा में स्थानीय स्वयंसेवी और व्यापारी संगठन भी पीछे नहीं रहे। अलीनगर, मानसरोवर तालाब, गल्ला मंडी (जीटी रोड), सुभाष पार्क, नई सट्टी और सुभाषनगर चौराहा समेत विभिन्न स्थानों पर सेवा शिविर लगाए गए। इन शिविरों में कांवड़ियों को शर्बत, चाय, हलवा-चना, पूड़ी-सब्जी आदि का निशुल्क प्रसाद वितरित किया गया।

Kanwar Yatra

प्रतीकात्मक छवि (फोटो सोर्स- इंटरनेट)

सेवा कार्य में स्थानीय व्यापारी संगठन सक्रिय रहे। पदाधिकारी संदीप कुमार, निजाम बाबू, आशीष लक्ष्य जायसवाल और अन्य सदस्यों ने सेवा कार्यों में हिस्सा लिया और स्वयं अपने हाथों से प्रसाद वितरित किया।

भक्ति में झूमे कांवड़िए

यात्रा के दौरान चंधासी कोयला मंडी क्षेत्र में डीजे की धुन पर कांवड़ियों ने जमकर नृत्य किया। 'बोल बम' के नारों से पूरा वातावरण गूंज उठा। श्रद्धा, उत्सव और उमंग का ऐसा संगम देखने को मिला जिसमें हर कोई झूमता नजर आया।

सिर्फ हिंदू समुदाय ही नहीं, अन्य समुदायों के लोगों ने भी सेवा शिविरों में बढ़-चढ़कर सहयोग किया, जिससे यह यात्रा सांप्रदायिक सौहार्द की एक मिसाल बन गई। जगह-जगह फूल बरसाकर श्रद्धालुओं का स्वागत किया गया।

सावन के दूसरे सोमवार पर बाबा विश्वनाथ के दर्शन के लिए निकले कांवड़ियों का उत्साह, श्रद्धा और समर्पण देखते ही बन रहा था। काशी एक बार फिर भगवान शिव की भक्ति में सराबोर नजर आई।

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