

सोने की बढ़ती कीमतों के बीच निवेश को लेकर बढ़ रही अनिश्चितताओं और अवसरों की पूरी जानकारी यहां पाएं। जानिए कैसे सही रणनीति से आप सोने में सुरक्षित निवेश कर बेहतर रिटर्न कमा सकते हैं।
सोने में निवेश (फोटो सोर्स- इंटरनेट)
New Delhi: सोना और चांदी की कीमतों में पिछले कुछ दिनों से उतार-चढ़ाव देखने को मिल रहा है। खासकर वैश्विक आर्थिक परिस्थितियों और घरेलू बाजार के हालात का सीधा असर इन कीमती धातुओं की कीमतों पर पड़ रहा है। ऐसे में निवेशकों के लिए यह सवाल उठता है कि क्या इस समय सोने में निवेश करना सुरक्षित है और कैसे बेहतर रिटर्न्स प्राप्त किए जा सकते हैं। आइए इस पर विस्तार से चर्चा करते हैं।
11 जुलाई 2025 के अनुसार, भारत में 24 कैरेट सोने की कीमत ₹97,046 प्रति 10 ग्राम पर पहुंच गई है। साथ ही, 23 कैरेट सोना ₹96,657, 22 कैरेट ₹88,894, 18 कैरेट ₹72,785 और 14 कैरेट ₹56,772 प्रति 10 ग्राम पर कारोबार कर रहा है। चांदी की कीमत भी ₹1,07,934 प्रति किलोग्राम दर्ज की गई है।
जानकार बताते हैं कि वैश्विक आर्थिक अनिश्चितता, अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की व्यापार नीतियों और उनसे जुड़ी व्यापार तनाव की वजह से निवेशक सुरक्षित संपत्तियों की ओर रुख कर रहे हैं। इसी कारण सोने की मांग बढ़ रही है। अंतरराष्ट्रीय बाजार में हाजिर सोने का भाव भी $3,324.40 प्रति औंस तक बढ़ गया है। अमेरिकी सरकार द्वारा ब्राजील के उत्पादों पर उच्च शुल्क लगाने की घोषणा ने भी वैश्विक बाजार में अस्थिरता बढ़ाई है।
एचडीएफसी सिक्योरिटीज के वरिष्ठ विश्लेषक सौमिल गांधी के अनुसार, वर्तमान समय में सोना निवेश के लिए एक सुरक्षित बंदोबस्त माना जा रहा है। वैश्विक आर्थिक अनिश्चितताएं, अमेरिकी व्यापार नीतियों में बदलाव, और फेडरल रिजर्व की ब्याज दरों को लेकर सतर्कता से सोने की मांग बढ़ी है। यह निवेशकों के लिए एक हेज (सुरक्षा) के रूप में काम कर रहा है।
प्रतीकात्मक छवि (फोटो सोर्स- इंटरनेट)
अबन्स फाइनेंशियल सर्विसेज के CEO चिंतन मेहता बताते हैं कि आर्थिक बाजार में अस्थिरता के चलते सोने की कीमतों में उतार-चढ़ाव जारी रह सकता है, लेकिन लंबी अवधि में सोना बेहतर सुरक्षा और स्थिरता दे सकता है।
सोना पारंपरिक रूप से निवेश के लिए सबसे सुरक्षित विकल्प माना जाता है। इसके कई कारण हैं-
मूल्य स्थिरता: सोना महंगाई और आर्थिक संकट के समय अपनी कीमत बनाए रखता है।
वैश्विक मांग: गहनों, तकनीकी उद्योग और केंद्रीय बैंकों में सोने की निरंतर मांग रहती है।
मुद्रास्फीति से बचाव: जब मुद्राओं का मूल्य गिरता है, तो सोने की कीमत बढ़ती है।
विविधीकरण: निवेश पोर्टफोलियो में सोना जोखिम कम करने में मदद करता है।
सोने में निवेश के दौरान बाजार की चाल पर नजर रखना जरूरी है। जब बाजार में तेजी हो या गिरावट, दोनों वक्त सावधानी से निर्णय लेना चाहिए। साथ ही, विशेषज्ञों की सलाह और बाजार की जानकारी लेकर ही निवेश करें ताकि अनावश्यक जोखिम से बचा जा सके। वर्तमान वैश्विक और घरेलू आर्थिक माहौल में सोना निवेशकों के लिए सुरक्षित बंदोबस्त माना जा रहा है। हालांकि, बाजार में उतार-चढ़ाव जारी रहेंगे, पर सही रणनीति के साथ निवेश करने पर सोना अच्छा रिटर्न दे सकता है। इसलिए, निवेश से पहले ताजा कीमतों और बाजार की स्थिति की पूरी जानकारी जरूर लें।