

मध्य प्रदेश के राजगढ़ में तैनात एक पुलिसकर्मी ने ग्वालियर से 20 हजार रुपये और एक स्कॉर्पियो चोरी की, फिर थाने जाकर ड्यूटी निभाई। पुलिस ने उसे उसके सरकारी आवास से गिरफ्तार कर लिया है।
MP पुलिसकर्मी चोरी के मामले में गिरफ्तार
Rajgarh: मध्य प्रदेश पुलिस का एक सिपाही कानून का रक्षक होने के बावजूद खुद कानून तोड़ने वाला निकला। यह चौंकाने वाला मामला राजगढ़ जिले के कालीपीठ थाना से सामने आया है, जहां तैनात सिपाही रवि जाटव ने अपने साथियों के साथ मिलकर ग्वालियर जिले के डबरा से चोरी की वारदात को अंजाम दिया। रवि दिन में ड्यूटी करता था और रात को चोर बनकर वारदातों को अंजाम देता था।
पुलिस जांच में सामने आया है कि आरोपी सिपाही ने अपने दो साथियों के साथ मिलकर एक घर से 20 हजार रुपये नकद और एक स्कॉर्पियो कार चुराई। चोरी के बाद आरोपी बेफिक्री से अपने थाने पहुंच गया और सामान्य ड्यूटी निभाने लगा, जैसे कुछ हुआ ही न हो।
ग्वालियर जिले की डबरा पुलिस को जैसे ही स्कॉर्पियो चोरी और नकदी गायब होने की सूचना मिली, उन्होंने आसपास के सीसीटीवी फुटेज खंगालने शुरू किए। फुटेज और अन्य तकनीकी सुरागों के आधार पर जब जांच आगे बढ़ी तो चौंकाने वाली जानकारी सामने आई, चोरी में शामिल एक व्यक्ति पुलिस की वर्दी पहनता है। पुलिस ने सटीक प्लानिंग करते हुए रवि जाटव को ट्रैक किया और फिर उसके सरकारी निवास पर दबिश देकर उसे गिरफ्तार कर लिया।
पुलिस जांच में यह भी सामने आया कि आरोपी सिपाही अपनी पहचान छिपाने के लिए वर्दी का फायदा उठाता था। वह चोरी की वारदात के दौरान वर्दी में नहीं रहता था, लेकिन वारदात के तुरंत बाद थाने लौटकर ड्यूटी पर लग जाता था, जिससे किसी को शक न हो।
प्रतीकात्मक छवि (फोटो सोर्स-इंटरनेट)
पुलिस सूत्रों के अनुसार, रवि जाटव के खिलाफ पहले कोई बड़ा आपराधिक रिकॉर्ड सामने नहीं आया था। वह कुछ वर्षों से पुलिस विभाग में कार्यरत था और कालीपीठ थाने में उसकी छवि एक सामान्य पुलिसकर्मी की थी। इसलिए किसी को इस तरह की हरकत की उम्मीद नहीं थी।
ग्वालियर पुलिस अब आरोपी के साथियों की तलाश में जुटी है, जो चोरी की वारदात में शामिल थे। आशंका जताई जा रही है कि रवि जाटव ने इससे पहले भी कुछ वारदातों को अंजाम दिया है, जिनकी जांच अब दोबारा शुरू की जा रही है।
एक पुलिसकर्मी द्वारा इस तरह की हरकत सामने आने से पुलिस विभाग में भी हड़कंप मच गया है। उच्च अधिकारियों ने इस मामले को बेहद गंभीरता से लिया है। विभागीय जांच के आदेश दे दिए गए हैं और आरोपी को निलंबित कर दिया गया है।
जिस वर्दी पर आम जनता भरोसा करती है, वही वर्दी जब अपराध में शामिल हो, तो कानून व्यवस्था पर सवाल उठना लाजमी है। लोग पूछ रहे हैं कि जब रक्षक ही भक्षक बन जाए तो सुरक्षा की उम्मीद किससे करें?