Karwa Chauth 2025: कुंवारी लड़कियां भी रख सकती हैं करवा चौथ का व्रत, जानें क्या हैं नियम और धार्मिक मान्यताएं

करवा चौथ का व्रत सिर्फ विवाहित महिलाओं तक सीमित नहीं है। अब कई कुंवारी लड़कियां भी अच्छे वर की कामना से यह व्रत रखती हैं। आइए जानें क्या हैं इस व्रत के नियम, मान्यताएं और क्या कुंवारी लड़कियां इसमें पानी पी सकती हैं या नहीं।

Post Published By: Sapna Srivastava
Updated : 10 October 2025, 8:15 AM IST
google-preferred

New Delhi: करवा चौथ का पर्व हर साल कार्तिक महीने की कृष्ण पक्ष की चतुर्थी को मनाया जाता है। परंपरागत रूप से विवाहित महिलाएं अपने पति की लंबी उम्र और सुखमय वैवाहिक जीवन के लिए यह व्रत रखती हैं। लेकिन बदलते समय के साथ अब कुंवारी लड़कियां भी करवा चौथ का व्रत रखने लगी हैं, ताकि उन्हें एक योग्य और आदर्श जीवनसाथी मिल सके।

व्रत का उद्देश्य और मान्यता

धार्मिक मान्यता के अनुसार, जो महिलाएं सच्चे मन से करवा चौथ का व्रत रखती हैं, उनके वैवाहिक जीवन में सुख-समृद्धि बनी रहती है। वहीं, कुंवारी लड़कियां यह व्रत भगवान शिव, माता पार्वती और भगवान गणेश की आराधना कर अच्छे वर की प्राप्ति के लिए करती हैं। माना जाता है कि इस दिन का उपवास भगवान से मनोकामना पूरी कराने का एक पवित्र माध्यम है।

karwa chauth

कुंवारी लड़कियां भी रख सकती हैं करवा चौथ

कुंवारी लड़कियों के लिए नियम और परंपराएं

  • कुंवारी लड़कियां व्रत के दिन प्रातः स्नान कर स्वच्छ वस्त्र धारण करती हैं और संकल्प लेती हैं कि वे यह उपवास अच्छे जीवनसाथी की प्राप्ति के लिए कर रही हैं।
  • विवाहित महिलाओं की तरह वे भी करवा चौथ की कथा सुनती हैं।

Karwa Chauth 2025: क्या आपका भी है पहला करवा चौथ? जानिए जरूरी टिप्स और इन गलतियों से रहें दूर

  • सास की जगह वे अपनी मां या किसी बड़ी महिला को श्रृंगार और मिठाई का उपहार देती हैं।
  • पूजा के समय लाल या गुलाबी रंग के वस्त्र पहनना शुभ माना जाता है, लेकिन सिंदूर या मंगलसूत्र नहीं पहना जाता।

क्या कुंवारी लड़कियां व्रत में पानी पी सकती हैं?

पारंपरिक रूप से करवा चौथ का व्रत निर्जला उपवास माना जाता है, यानी बिना पानी और भोजन के रखा जाता है। लेकिन कुंवारी लड़कियों के लिए इस नियम में थोड़ी छूट दी जाती है। अगर कोई लड़की पहली बार व्रत रख रही है या तबीयत ठीक नहीं है, तो वह थोड़ा पानी या फलाहार ले सकती है। पंडितों के अनुसार व्रत का मूल उद्देश्य भक्ति और श्रद्धा है, कठोर नियम नहीं। इसलिए भावना शुद्ध होनी चाहिए, न कि शरीर पर अत्यधिक बोझ।

karwa Chauth 2025: इस करवा चौथ इन शायरियों के जरिए पति को दें प्यार भरे अहसास

पूजा विधि और व्रत खोलने की परंपरा

शाम को चंद्रमा निकलने पर व्रत रखने वाली लड़की चांद को अर्घ्य देती है और प्रार्थना करती है 'हे चंद्रदेव, मुझे योग्य और आदर्श जीवनसाथी का आशीर्वाद दें।' इसके बाद मां के हाथों से जल पीकर व्रत खोला जाता है।

Location : 
  • New Delhi

Published : 
  • 10 October 2025, 8:15 AM IST