

करवा चौथ का व्रत सिर्फ विवाहित महिलाओं तक सीमित नहीं है। अब कई कुंवारी लड़कियां भी अच्छे वर की कामना से यह व्रत रखती हैं। आइए जानें क्या हैं इस व्रत के नियम, मान्यताएं और क्या कुंवारी लड़कियां इसमें पानी पी सकती हैं या नहीं।
कुंवारी लड़कियों का करवा चौथ व्रत
New Delhi: करवा चौथ का पर्व हर साल कार्तिक महीने की कृष्ण पक्ष की चतुर्थी को मनाया जाता है। परंपरागत रूप से विवाहित महिलाएं अपने पति की लंबी उम्र और सुखमय वैवाहिक जीवन के लिए यह व्रत रखती हैं। लेकिन बदलते समय के साथ अब कुंवारी लड़कियां भी करवा चौथ का व्रत रखने लगी हैं, ताकि उन्हें एक योग्य और आदर्श जीवनसाथी मिल सके।
धार्मिक मान्यता के अनुसार, जो महिलाएं सच्चे मन से करवा चौथ का व्रत रखती हैं, उनके वैवाहिक जीवन में सुख-समृद्धि बनी रहती है। वहीं, कुंवारी लड़कियां यह व्रत भगवान शिव, माता पार्वती और भगवान गणेश की आराधना कर अच्छे वर की प्राप्ति के लिए करती हैं। माना जाता है कि इस दिन का उपवास भगवान से मनोकामना पूरी कराने का एक पवित्र माध्यम है।
कुंवारी लड़कियां भी रख सकती हैं करवा चौथ
Karwa Chauth 2025: क्या आपका भी है पहला करवा चौथ? जानिए जरूरी टिप्स और इन गलतियों से रहें दूर
पारंपरिक रूप से करवा चौथ का व्रत निर्जला उपवास माना जाता है, यानी बिना पानी और भोजन के रखा जाता है। लेकिन कुंवारी लड़कियों के लिए इस नियम में थोड़ी छूट दी जाती है। अगर कोई लड़की पहली बार व्रत रख रही है या तबीयत ठीक नहीं है, तो वह थोड़ा पानी या फलाहार ले सकती है। पंडितों के अनुसार व्रत का मूल उद्देश्य भक्ति और श्रद्धा है, कठोर नियम नहीं। इसलिए भावना शुद्ध होनी चाहिए, न कि शरीर पर अत्यधिक बोझ।
karwa Chauth 2025: इस करवा चौथ इन शायरियों के जरिए पति को दें प्यार भरे अहसास
शाम को चंद्रमा निकलने पर व्रत रखने वाली लड़की चांद को अर्घ्य देती है और प्रार्थना करती है 'हे चंद्रदेव, मुझे योग्य और आदर्श जीवनसाथी का आशीर्वाद दें।' इसके बाद मां के हाथों से जल पीकर व्रत खोला जाता है।