

रायबरेली के सुपर मार्केट में करवा चौथ की पूर्व संध्या पर गंगा-जमुनी तहजीब की खूबसूरत मिसाल देखने को मिली। हिंदू महिलाओं ने सड़क पर बैठकर मेहंदी लगवाई, जिसे मुस्लिम कलाकारों ने सजाया। यह नज़ारा सांप्रदायिक सौहार्द और सांस्कृतिक एकता का प्रतीक बन गया।
रायबरेली में करवा चौथ की रौनक
Raebareli: उत्तर प्रदेश के रायबरेली जिले के कोतवाली नगर क्षेत्र स्थित सुपर मार्केट में करवा चौथ के पावन पर्व की पूर्व संध्या पर एक दिल छू लेने वाला दृश्य देखने को मिला। सैकड़ों की संख्या में महिलाओं ने पूरी रात सड़क पर ही बोरी बिछाकर बैठकर डिजाइनर मेहंदी लगवाई, जो गंगा-जमुनी तहजीब का जीवंत प्रतीक बन गया। इस आयोजन में मेहंदी लगाने वालों में ज्यादातर मुस्लिम युवक और महिलाएं नजर आईं, जिन्होंने हिंदू महिलाओं के हाथों पर बारीक और आकर्षक डिजाइन बनाकर सामुदायिक सद्भाव की मिसाल कायम की। सोशल मीडिया पर इसका वीडियो वायरल हो गया है, जिसमें महिलाओं की उत्साहपूर्ण भीड़ और मेहंदी कलाकारों की कला साफ झलक रही है।
करवा चौथ का व्रत 10 अक्टूबर 2025 को रखा जा रहा है, जिसमें सुहागिनें अपने पतियों की लंबी आयु के लिए निर्जला व्रत रखती हैं। त्योहार से ठीक एक दिन पहले, यानी 9 अक्टूबर की शाम से ही रायबरेली के सुपर मार्केट इलाके में रौनक छा गई। कोतवाली नगर क्षेत्र के इस व्यस्त बाजार में जगह की कमी के कारण महिलाओं ने सड़क पर ही पुरानी बोरियां बिछा लीं और एक के बाद एक मेहंदी लगवाने लगीं। अनुमान है कि रात भर करीब 500 से अधिक महिलाओं ने यहां डिजाइनर मेहंदी लगवाई।
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मेहंदी डिजाइनों में पारंपरिक करवा चौथ थीम प्रमुख रही—चांद, करवा, पानी पिलाते पति-पत्नी की तस्वीरें, फूल-पत्तियों के जटिल पैटर्न और आधुनिक अरेबिक स्टाइल। कुछ महिलाओं ने फुल-हैंड डिजाइन चुना, तो कुछ ने सादगी भरे लेकिन गहरे रंग वाले पैटर्न। मेहंदी लगाने वाले कलाकारों ने बताया कि ज्यादातर डिजाइन महिलाओं की पसंद के अनुसार ही बनाए गए, और प्राकृतिक हिना का इस्तेमाल किया गया ताकि रंग ज्यादा देर टिके।
इस दृश्य की खासियत यह रही कि मेहंदी लगाने का काम मुख्य रूप से स्थानीय मुस्लिम समुदाय के युवकों और महिलाओं ने संभाला। वे न केवल कुशल थे, बल्कि महिलाओं के साथ हंसी-मजाक और उत्साह भी साझा करते नजर आए। एक मुस्लिम मेहंदी आर्टिस्ट, जिनका नाम अंजुम बताया गया, ने कहा, "यह हमारा शहर है, हमारा त्योहार है। बहनों के हाथ सजाना हमारा सौभाग्य है। धर्म का कोई सवाल ही नहीं, बस खुशी बांटना है।" इसी तरह, एक हिंदू महिला रानी देवी ने बताया, "मुस्लिम बहनों ने इतनी प्यार से मेहंदी लगाई, जैसे अपना ही परिवार हो। यह गंगा-जमुनी तहजीब ही तो है।"
जो ऐतिहासिक रूप से हिंदू-मुस्लिम सद्भाव के लिए जाना जाता है, ने एक बार फिर अपनी तहजीब का लोहा मनवा लिया। सुपर मार्केट जैसे व्यावसायिक क्षेत्र में यह आयोजन बिना किसी पूर्व नियोजन के स्वतः ही उभरा, जो स्थानीय समुदाय की एकता को दर्शाता है। वीडियो में साफ दिख रहा है कि मुस्लिम कलाकार हिंदू महिलाओं को न केवल मेहंदी लगा रहे थे, बल्कि करवा चौथ की कथा भी सुनाते और श्रृंगार के टिप्स साझा कर रहे थे।
स्थानीय लोगों के अनुसार, यह परंपरा पिछले कई वर्षों से चली आ रही है। करवा चौथ से पहले बाजारों में मेहंदी स्टॉल लगना आम है, लेकिन इस बार की रात भर की महफिल ने इसे खास बना दिया। एक वृद्ध महिला ने बताया, "यहां कोई भेदभाव नहीं। मेहंदी लगाते समय हम सब एक हैं—सुहागिनें, माताएं, बहनें।" सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो को हजारों व्यूज मिल चुके हैं, और लोग इसे 'एकता का उत्सव' बता रहे हैं।
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मेहंदी के अलावा सुपर मार्केट और आसपास के बाजारों में करवा चौथ की खरीदारी का भी जमघट लगा। चूड़ियां, बिंदी, सिंदूर, साड़ियां, लहंगे और पूजा थालियां बिक्री के लिए सजी हुईं। महिलाओं की भीड़ इतनी थी कि दुकानदारों को देर रात तक काम करना पड़ा। स्थानीय व्यापारियों ने बताया कि मेहंदी स्टॉल ने न केवल बिक्री बढ़ाई, बल्कि पर्यटन जैसा माहौल भी बना दिया।
रायबरेली के एएसपी या स्थानीय प्रशासन की ओर से इस आयोजन पर कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है, लेकिन स्थानीय पुलिस ने ट्रैफिक व्यवस्था बनाए रखने के लिए विशेष चौकी लगाई थी ताकि सड़क पर मेहंदी लगाने वाली महिलाओं को कोई असुविधा न हो।