UNGA में लावरोव का बड़ा बयान: भारत अपने फैसलों में पूरी तरह सक्षम, रूस करेगा समर्थन

रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन इस साल 5-6 दिसंबर को भारत का दो दिवसीय दौरा करेंगे, जिसमें वह पीएम मोदी से मिलेंगे। इस यात्रा की तैयारी के मद्देनज़र विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव के भी भारत आने की संभावना है।

Post Published By: Asmita Patel
Updated : 1 October 2025, 8:42 PM IST
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New Delhi: रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन का भारत दौरा इस साल 5-6 दिसंबर को तय हो चुका है। इस दो दिवसीय दौरे के दौरान वह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से शिखर बैठक करेंगे। यह यात्रा ऐसे समय में हो रही है जब भारत-रूस के बीच कच्चे तेल के आयात और दूसरे व्यापारिक मुद्दों को लेकर पश्चिमी देशों, विशेषकर अमेरिका के साथ तनाव बना हुआ है।

UNGA में लावरोव का बयान

संयुक्त राष्ट्र महासभा के 80वें सत्र में विदेश मंत्री लावरोव ने पुतिन की यात्रा की घोषणा करते हुए बताया कि भारत-रूस संबंधों का एजेंडा इस बार और भी व्यापक होगा। इसमें शामिल होंगे।

• व्यापार और आर्थिक साझेदारी
• रक्षा एवं सैन्य-तकनीकी सहयोग
• फाइनेंस और निवेश संबंधी सहकार्य
• उच्च-तकनीकी क्षेत्रों जैसे एआई और हेल्थकेयर
• SCO, BRICS जैसे बहुपक्षीय मंचों पर सहभागिता

पुतिन और मोदी

तेल-आयात और अमेरिका के टैरिफ मुद्दे

पुतिन के भारत दौरे का एक प्रमुख कारण है रूस से कच्चे तेल का आयात, जो हाल ही में अंतरराष्ट्रीय राजनीति और व्यापारिक नीतियों में एक संवेदनशील विषय बन चुका है। अमेरिका ने भारत पर कुछ टैरिफ लगाये हैं, जिससे भारत-रूस-यूएस संबंधों में तनापन उत्पन्न हुआ है।

भारत की व्यापार स्वायत्तता

लावरोव ने बयान दिया कि भारत की व्यापार एवं विदेश नीति को चुनने में पूरी तरह से सक्षम है। उन्होंने मोदी सरकार द्वारा अपनाए जा रहे नीतिगत फैसलों का समर्थन किया और कहा कि रूस भारत के राष्ट्रीय हितों का सम्मान करता है।

भारत-रूस द्विपक्षीय एजेंडाPutin In India, India Russia Relations, Global Energy Strategy, Trade Autonomy, US India Russia Tensions

1. तेल और ऊर्जा: रूस से तेल आयात, वैकल्पिक स्रोत
2. रक्षा एवं सैन्य सौदे: हथियार प्रणाली, तकनीकी साझेदारी
3. तकनीकी एवं AI सहयोग: उभरती तकनीकों पर साझा विकास
4. हेल्थकेयर एवं दवा विनिर्माण
5. BRICS और SCO जैसे बहुपक्षीय मंचों में रणनीतिक भूमिका

अमेरिका के साथ रिश्तों पर प्रभाव और चुनौतियाँ

पुतिन का दौरा ऐसे समय हो रहा है जब अमेरिका-रूस संबंधों में पहले से ही तनाव है। अमेरिका रूसी तेल लेनदेन पर नजर रखे हुए है और किसी भी नए समझौते पर उसकी प्रतिक्रिया हो सकती है, संभवतः कूटनीतिक या आर्थिक दबाव की शक्ल में।

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  • New Delhi

Published : 
  • 1 October 2025, 8:42 PM IST